Saturday, November 16, 2024
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‘मैसेज देखे, यह अफेयर था’: कलियागंज में जिस दलित नाबालिग की रेप के बाद हत्या का दावा, उसे CM ममता बनर्जी ने ‘प्रेम प्रसंग’ से जोड़ा

“हमें यह सब जानकर बहुत दुख हुआ, लेकिन हमने व्हाट्सऐप मैसेज देखे हैं… यह प्रेम प्रसंग से जुड़ा मामला है। डॉक्टरों ने भी कहा कि उसने जहर खाया था। यह एक आत्महत्या का मामला है। पुलिस इसकी जाँच कर रही है।"

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कलियागंज में कथित तौर पर बलात्कार के बाद हत्या किए जाने के मामले को ‘प्रेम प्रसंग’ से जुड़ा बताया है। अपने दावे की पुष्टि के लिए उन्होंने व्हाट्सऐप मैसेज का हवाला दिया है। नबन्ना (राज्य सचिवालय) में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने दावा किया, “हमें यह सब जानकर बहुत दुख हुआ, लेकिन हमने व्हाट्सऐप मैसेज देखे हैं… यह प्रेम प्रसंग से जुड़ा मामला है। डॉक्टरों ने भी कहा कि उसने जहर खाया था। यह एक आत्महत्या का मामला है। पुलिस इसकी जाँच कर रही है।”

मामले की प्रारंभिक जाँच के बीच इस तरह के दावे कर ममता बनर्जी ने अपना पल्ला झाड़ने की कोशिश कर रहीं हैं। पश्चिम बंगाल के दिनाजपुर जिले के कलियागंज में 21 अप्रैल की सुबह एक 17 वर्षीय दलित लड़की का शव नहर में तैरता हुआ पाया गया था। पीड़िता के परिजनों का आरोप लगाया था कि किशोरी की हत्या करने से पहले उसके साथ दुष्कर्म किया गया।

रिपोर्टों के अनुसार, लड़की 20 अप्रैल को ट्यूशन से घर लौटते हुए रास्ते से लापता हो गई थी। पुलिस ने इस मामले में जावेद अख्तर सहित दो लोगों को गिरफ्तार किया था, ये पीड़िता को जानते थे। राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने भी इस मामले पर संज्ञान लिया है। यह पहली बार नहीं है, जब ममता बनर्जी ने ऐसा दावा किया हो। इससे पहले भी वह पीड़ितों पर उनकी सरकार को बदनाम करने के लिए झूठ बोलने का आरोप लगा चुकी हैं।

ममता बनर्जी ने जब बलात्कार के मामलों से झाड़ा पल्ला

6 फरवरी, 2012 को एक एंग्लो-इंडियन महिला सुज़ेट जॉर्डन (Suzette Jordan) जब कोलकाता के पार्क स्ट्रीट से घर लौट रही थी, तभी 5 लोगों ने चलती कार में उसके साथ बलात्कार किया। यह खबर सामने आने के तुरंत बाद टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने आरोपितों को क्लीनचिट दे दिया। उन्होंने इस घटना को मनगढ़ंत कहानी करार दिया था। उनके मुताबिक, यह सब केवल सरकार को बदनाम करने के लिए किया गया था। यही नहीं एक न्यूज चैनल से बात करते हुए टीएमसी सांसद काकोली घोष दस्तीदार ने पीड़िता के चरित्र पर सवाल उठाए और रेप के एंगल से भी इनकार किया।

उस समय के बंगाल के परिवहन मंत्री ने भी पीड़िता के चरित्र पर सवाल उठाते हुए उसकी शिकायत को फर्जी बताया था। लेकिन 3 साल बाद 2015 में कोलकाता की एक अदालत ने पार्क स्ट्रीट मामले में बलात्कार के आरोपों को बरकरार रखा और आरोपित नासिर खान, रुमान खान और सुमित बजाज को दोषी पाया।

2013 में राज्य में बलात्कार के बढ़ते मामलों के बारे में पश्चिम बंगाल विधानसभा में एक बहस के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा था कि यह राज्य की जनसंख्या में वृद्धि के कारण है। उन्होंने बलात्कार के बढ़ते मामलों के लिए आधुनिकीकरण, शॉपिंग मॉल और मल्टीप्लेक्स में वृद्धि को भी जिम्मेदार ठहराया था।

उसी साल बर्दवान के कटवा में एक और मामले में ममता बनर्जी ने जाँच समाप्त होने से पहले ही बलात्कार के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। उन्हें यह कहते हुए सुना गया था, “एक राजनीतिक दल यह सब कर रहा है, बलात्कार-बलात्कार चिल्ला रहा है। ये पश्चिम बंगाल का नाम खराब करने के लिए ड्रामा कर रहे हैं।”

टेलीग्राफ की रिपोर्ट का स्क्रीनग्रैब

गौरतलब है कि पिछले साल अप्रैल में पश्चिम बंगाल के नदिया जिले के हंसखली में एक नाबालिग लड़की की जन्मदिन की पार्टी में गैंगरेप के बाद मौत हो गई थी। लड़की के परिवार ने दावा किया था कि इस मामले में मुख्य आरोपित तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) के एक पंचायत सदस्य का बेटा है, जिसे गिरफ्तार कर लिया गया था।

वहीं, ममता बनर्जी ने परिवार के गैंगरेप के दावे पर ही सवाल खड़े कर दिए थे। बनर्जी ने कहा था, “आपको कैसे पता कि उसके साथ रेप हुआ, क्या वो प्रेग्नेंट थी, या लव अफेयर का मामला था या फिर वह बीमार थी।” उन्होंने यह भी कहा था, “अगर कपल रिलेशनशिप में है तो हम उन्हें कैसे रोक सकते हैं। यह यूपी नहीं है कि मैं लव जिहाद के नाम पर ऐसा कर सकती हूँ।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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