Tuesday, November 5, 2024
HomeराजनीतिCAA विरोध के नाम पर अब बंगाल को जलाएगा PFI, ममता के सांसद अबू...

CAA विरोध के नाम पर अब बंगाल को जलाएगा PFI, ममता के सांसद अबू ताहिर भी होंगे साथ!

सीएए के विरोध में बंगाल में समुदाय विशेष के लोगों द्वारा हिंसा, आगजनी, ट्रेनों पर हमले की कई घटनाएँ सामने आ चुकी है। ऐसे में पीएफआई की सक्रियता चिंताजनक है, क्योंकि कई राज्यों में इस्लामिक कट्टरता को बढ़ावा देने और गैर कानूनी गतिविधियों में इस कट्टरपंथी समूह की संलिप्तता सामने आई है।

नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध के नाम पर उत्तर प्रदेश में हुई हिंसा में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) की संलिप्तता सामने आई है। इस कट्टरपंथी संगठन के अब तक 25 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। राज्य के डीजीपी ओपी सिंह ने पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव तैयार कर गृह विभाग को भेजा है। यूपी में कसते शिकंजे के बाद अब इस कट्टरपंथी संगठन की नजर पश्चिम बंगाल पर है।

PFI के सदस्य हसीबुल इस्लाम ने 5 जनवरी को बंगाल के मुर्शिदाबाद में CAA के विरोध में प्रदर्शन का ऐलान किया है। उसका दावा है कि सत्ताधारी तृणमूल कॉन्ग्रेस के स्थानीय सांसद अबू ताहिर खान भी प्रदर्शन में शामिल होंगे।

हालाँकि, हसीबुल इस्लाम के इस दावे को अबू ताहिर खान ने खारिज किया है। उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, “मुझे ऐसे किसी भी प्रदर्शन की जानकारी नहीं है। अगर उन्होंने मेरा नाम अपने पोस्टर पर लिख दिया है, तो मैं इसमें कुछ नहीं कर सकता।”

वैसे, महत्वपूर्ण सवाल यह नहीं है कि पीएफआई के प्रदर्शन में सत्ताधारी टीएमसी के सांसद शामिल होंगे या नहीं। हम सब जानते हैं कि किस तरह ममता बनर्जी की अगुवाई वाली सरकार अपनी राजनीतिक विरोधी भाजपा को राज्य में कार्यक्रम आयोजित करने की इजाजत देने से आनकानी करती रहती है। ऐसे में पीएफआई जैसे कट्टरपंथी समूह को प्रदर्शन की इजाजत किसने दी? यदि इजाजत नहीं दी गई है तो इसका सार्वजनिक तौर पर ऐलान करने के लिए इस समूह के लोगों पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई? यह सवाल इसलिए भी जरूरी हो जाता है क्योंकि सीएए के विरोध में बंगाल में समुदाय विशेष के लोगों द्वारा हिंसा, आगजनी, ट्रेनों पर हमले की कई घटनाएँ सामने आ चुकी है।

गौरतलब है कि पीएफआई खुद को गैर सरकारी संगठन बताता है। लेकिन सिमी का छोटा रूप कहे जाने वाले इस संगठन पर कई गैर-कानूनी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है। गृह मंत्रालय का तो ये भी कहना है कि इस संगठन के लोगों के संबंध जिहादी आतंकियों से हैं। साथ ही इन पर इस्लामिक कट्टरवाद को बढ़ावा देने का भी आरोप है।

इसके अलावा बता दें कि यूपी में हुई हिंसा को लेकर भी कहा जा रहा है कि जाँच के दौरान पीएफआई से लिंक मिलने के पुख्ता प्रमाण मिले हैं। मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि संगठन से जुड़े आरोपितों के यहाँ से आपत्तिजनक सामग्रियाँ, साहित्य, सीडी आदि मिले थे। इसको आधार बनाकर पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया को बैन करने का प्रस्ताव उत्तर प्रदेश सरकार ने भेज दिया है।

UP में PFI के 25 सदस्य गिरफ्तार: DGP ने संगठन पर बैन के लिए गृह मंत्रालय को लिखा पत्र

PFI के 150 कट्टरपंथी इस्लामी अलग-अलग राज्यों से जब आते हैं दिल्ली तो होता है जामिया दंगा: DP का खुलासा

UP में हुए बवाल में सामने आया केरल के कट्टरपंथी संगठन PFI का हाथ: नदीम, वसीम,अश्फाक गिरफ्तार

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

जिस ईमान खलीफ का मुक्का खाकर रोने लगी थी महिला बॉक्सर, वह मेडिकल जाँच में निकली ‘मर्द’: मानने को तैयार नहीं थी ओलंपिक कमेटी,...

पेरिस ओलंपिक में महिला मुक्केबाजी में ईमान ने गोल्ड जीता था। लोगों ने तब भी उनके जेंडर पर सवाल उठाया था और अब तो मेडिकल रिपोर्ट ही लीक होने की बात सामने आ रही है।

दिल्ली के सिंहासन पर बैठे अंतिम हिंदू सम्राट, जिन्होंने गोहत्या पर लगा दिया था प्रतिबंध: सरकारी कागजों में जहाँ उनका समाधि-स्थल, वहाँ दरगाह का...

एक सामान्य परिवार में जन्मे हेमू उर्फ हेमचंद्र ने हुमायूँ को हराकर दिल्ली के सिंहासन पर कब्जा कर लिया। हालाँकि, वह 29 दिन ही शासन कर सके।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -