उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में बुजुर्ग मुस्लिम व्यक्ति की पिटाई मामले में धार्मिक एंगल की बात को गाजियाबाद पुलिस द्वारा नकारे जाने के बावजूद राहुल गाँधी ने इस पर श्रीराम का नाम लेकर ट्वीट किया। इस ट्वीट को देख उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उन पर भड़क गए और उन्हें समझाया कि कैसे राहुल गाँधी झूठ फैलाकर मानवता को शर्मसार करने का काम कर रहे हैं।
राहुल गाँधी ने गाजियाबाद घटना पर अपना ट्वीट किया था, “मैं ये मानने को तैयार नहीं हूँ कि श्रीराम के सच्चे भक्त ऐसा कर सकते हैं। ऐसी क्रूरता मानवता से कोसों दूर है और समाज व धर्म दोनों के लिए शर्मनाक है।”
प्रभु श्री राम की पहली सीख है-“सत्य बोलना” जो आपने कभी जीवन में किया नहीं।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) June 15, 2021
शर्म आनी चाहिए कि पुलिस द्वारा सच्चाई बताने के बाद भी आप समाज में जहर फैलाने में लगे हैं।
सत्ता के लालच में मानवता को शर्मसार कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश की जनता को अपमानित करना, उन्हें बदनाम करना छोड़ दें। pic.twitter.com/FOn0SJLVqP
इस ट्वीट पर बहुत लोगों की प्रतिक्रिया आई। वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनके इस ट्वीट का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए उन्हें कहा, “प्रभु श्री राम की पहली सीख है- ‘सत्य बोलना’ जो आपने कभी जीवन में किया नहीं। शर्म आनी चाहिए कि पुलिस द्वारा सच्चाई बताने के बाद भी आप समाज में जहर फैलाने में लगे हैं। सत्ता के लालच में मानवता को शर्मसार कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश की जनता को अपमानित करना, उन्हें बदनाम करना छोड़ दें।”
गौरतलब है कि सोशल मीडिया पर हाल में एक वीडियो वायरल हुई थी। इसमें एक मुस्लिम व्यक्ति ने चार अज्ञात लोगों पर गाजियाबाद में सुनसान पड़े एक मकान में ले जाकर उसे ‘जय श्रीराम’ का नारा लगाने के लिए मजबूर करने, पिटाई करने और दाढ़ी काटने का आरोप लगाया था।
थाना लोनी बार्डर क्षेत्रान्तर्गत हुई घटना में #GhaziabadPolice द्वारा की गई कठोर कार्यवाही- 03 अभियुक्त गिरफ्तार ।
— GHAZIABAD POLICE (@ghaziabadpolice) June 15, 2021
उक्त सम्बन्ध में पुलिस अधीक्षक, ग्रामीण की वीडियो बाईट।@Uppolice https://t.co/IIcMJIvn46 pic.twitter.com/ZGHGQIpXsh
हालाँकि, गाजियाबाद पुलिस ने कहा कि वह 5 जून को हुई इस कथित घटना में पहले ही प्राथमिकी दर्ज कर चुकी है, लेकिन दो दिन बाद सात जून को पुलिस को इसकी सूचना दी गई। जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अमित पाठक ने कहा कि उत्तर प्रदेश में बुलंदशहर के निवासी अब्दुल समद ने अपनी शिकायत में इस तरह के आरोप नहीं लगाए हैं जैसे कि वीडियो में लगाए गए। उन्होंने बताया कि इस मामले में पुलिस परवेश गुर्जर नाम के एक व्यक्ति को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है, जिसने आलिम के रूप में काम करने वाले समद से ताबीज लिया था।
थाना लोनी बार्डर क्षेत्रान्तर्गत हुई घटना में #GhaziabadPolice द्वारा की गई कठोर कार्यवाही- 3 अभियुक्त गिरफ्तार@Uppolice pic.twitter.com/zg6lHregKD
— GHAZIABAD POLICE (@ghaziabadpolice) June 14, 2021
पुलिस के अनुसार, सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो की जब पुलिस ने जाँच की, तो पाया कि पीड़ित अब्दुल समद बुलंदशहर से लोनी बॉर्डर स्थित बेहटा आया था। वो एक अन्य व्यक्ति के साथ मुख्य आरोपित परवेश गुज्जर के घर बंथना गया था। वहीं पर कल्लू, पोली, आरिफ, आदिल और मुशाहिद आ गए।
वहाँ पर बुजुर्ग के साथ मारपीट शुरू कर दी गई। अब्दुल समद ताबीज बनाने का काम करता है। आरोपितों का कहना है उसके ताबीज से उनके परिवार पर बुरा असर पड़ा। अब्दुल समद गाँव में कई लोगों को ताबीज दे चुका था। आरोपित उसे पहले से ही जानते थे।