Saturday, July 27, 2024
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‘पैदाइश अल्लाह का कानून, कुदरत से टकराना ठीक नहीं’: योगी सरकार की नई जनसंख्या नीति पर भड़के SP सांसद शफीकुर्रहमान

अगर आबादी ज्यादा घट गई और किसी मुल्क से लड़ाई हो गई तब क्या होगा? कुरान का हवाला देते हुए सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने कहा कि इस दुनिया को रब ने पैदा किया। पैदाइश अल्लाह का कानून है। कुदरत से टकराना ठीक नहीं, इससे नुकसान ही होगा।

योगी सरकार (Yogi Government) की नई जनसंख्या नीति (New Population Policy) को लेकर सियासी घमासान शुरू हो गया है। विश्व जनसंख्या दिवस पर रविवार (जुलाई 11, 2021) को उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नई जनसंख्या नीति का ऐलान कर दिया। इस बीच संभल से समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क (MP Shafiq-ur-Rahman) ने विवादित बयान दिया है। 

बर्क का साफ कहना है कि बीजेपी सरकार चलाने में फेल हो गई है। वह नए-नए कानून लाकर जनता को उलझाना चाहती है। उन्होंने कुरान का हवाला देते हुए कहा कि दुनिया को रब ने पैदा किया है। पैदाइश अल्लाह का कानून है और कुदरत से टकराना ठीक नहीं है। इससे नुकसान ही होगा।

मीडिया से बातचीत में बर्क ने एक अजीबोगरीब दलील दी। उन्होंने कहा कि अगर आबादी ज्यादा घट गई और किसी मुल्क से लड़ाई हो गई तब क्या होगा? कुरान का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि इस दुनिया को रब ने पैदा किया। पैदाइश अल्लाह का कानून है। कुदरत से टकराना ठीक नहीं, इससे नुकसान ही होगा। सांसद ने कहा कि जो जनसंख्या कानून लाने की बात हो रही है उससे आवाम का हित नहीं होगा।

शफीकुर्रहमान बर्क ने आगे कहा कि अल्लाह को जिसे पैदा करना है उसे कौन रोक सकता है। वह तो पैदा होगा ही। चाहे गरीब हो या अमीर सभी को खाना अल्लाह के रहमों करम से मिलता है। उन्होंने कहा कि जनसंख्या कानून से कोई लाभ नहीं होने वाला। यूनिफार्म सिविल कोड के सवाल पर उन्होंने कहा कि जब कानून आएगा तो उस पर चर्चा होगी। फिर कुछ कहा जा सकता हैं। 

कानून को अवाम के खिलाफ बताते हुए सपा सांसद ने कहा कि अवाम को बीजेपी कुछ दे नहीं सकती। अब कानून के बहाने सहूलियतें न देने, चुनाव न लड़ने देकर परेशान किया जाएगा। कोरोना का मामला था सरकार कंट्रोल नहीं कर पाई। मैंने भी वैक्सीन लगवाई। कोई बुराई नहीं है। हम कानून मानने वाले हैं, मगर जनसंख्या अल्लाह का कानून है। अलाह ने जितनी रूहें पैदा की हैं उन्हें आनी हैं इंसान की शक्ल में तो कौन रोकेगा उन्हें? मगर सजा देंगे। आप लोगों को इनाम नहीं दे सकते। दो से ज्यादा हो जाएँगे तो तनख्वाह नहीं देंगे आप। चुनाव नहीं लड़ने देंगे। गरीब हो या अमीर, बच्चे की शादी कर बच्चों की दुआ की जाती है, जिस पर रोक अल्लाह से टकराना है।

बता दें कि यह पहला मौका नहीं है जब सपा सांसद ने ऐसा बयान दिया है। इससे पहले भी वे अपने विवादित बयानों को लेकर सुर्ख़ियों में रह चुके हैं। शफीकुर्रहमान ने नमाज़ को लेकर कहा था कि कोरोना कोई बीमारी नहीं बल्कि अल्लाह द्वारा हमारे गुनाहों की सजा है और हुकूमत द्वारा मस्जिद और ईदगाह में नमाज़ करने पर लगी पाबंदी को हटाया जाना चाहिए क्योंकि जब मुल्क के सभी लोग मस्जिदों में नमाज पढ़ेंगे तभी ये मुल्क बचेगा।

सपा सांसद का कहना था कि कि ईद-उल-अज़हा के मौके पर मस्जिदों और ईदगाह में इजतेमाई नमाज़ पर पाबंदी लगाना गलत है क्योंकि हम सबको सामूहिक रूप से अल्लाह से अपने गुनाहों की माफ़ी माँगनी चाहिए। समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने कहा था– “कोरोना वायरस का कोई इलाज अब तक नहीं पाया गया है, जिसका मतलब है कि कोरोना वायरस एक बीमारी नहीं है, बल्कि हमारे पापों के लिए अल्लाह द्वारा दंडित किया गया है। कोरोना का सबसे अच्छा इलाज यह है कि हम सभी अल्लाह से दुआ करें।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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