रविवार (15 दिसंबर) को जामिया मिलिया इस्लामिया में हिंसा की जाँच के लिए एक न्यायिक आयोग के गठन का अनुरोध करने वाली याचिकाओं की सुनवाई करते हुए, दिल्ली हाईकोर्ट की पीठ ने मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की खंडपीठ ने आज छात्र दंगाइयों को किसी भी तरह से अंतरिम संरक्षण प्रदान करने से इनकार कर दिया।
अदालत ने केंद्र, दिल्ली सरकार और पुलिस को एक नोटिस भी जारी किया, जिसमें जामिया मिलिया इस्लामिया की घटना पर जवाब दाखिल करने को कहा गया। अदालत इस मामले की सुनवाई आगामी 4 फरवरी को करेगी। इतनी लंबी तारीख़ मिलने पर याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट से इसे और जल्दी देने की माँग की तो कोर्ट ने इससे इनकार कर दिया।
Jamia matter: After the Court set February 4 as next date of hearing, the petitioner’s counsel requested for an earlier date. After the court denied, the lawyers raised ‘shame shame’ slogans in court. High Court also denied interim protection from arrest to students https://t.co/izrUBMEtjO
— ANI (@ANI) December 19, 2019
इससे पहले, दिल्ली हाईकोर्ट ने जामिया दंगाइयों को संरक्षण देने संबंधी याचिका ठुकरा दी थी। कोर्ट रूम में उस समय एक अजीब सा माहौल बन गया जब याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले वकीलों ने जजों के समक्ष शेम-शेम के नारे लगाए।
इस बीच, दिल्ली हाईकोर्ट की सिंगल जज की बेंच ने जामिया छात्रों को हिरासत में लेने को चुनौती देने वाली याचिका को चीफ जस्टिस डीएन पटेल की बेंच में ट्रांसफर कर दिया है। ऐसे में इस याचिका पर भी अन्य पिटीशन के साथ डिवीजन बेंच में सुनवाई की जाएगी।
हाईकोर्ट के फ़ैसले से असंतुष्ट, वकीलों की लॉबी ने कथित तौर पर न्यायाधीशों पर ‘Shame on you’ के नारे लगाना शुरू कर दिया।
पिछले कुछ दिनों से CAA के ख़िलाफ़ विरोध-प्रदर्शन में घायल छात्रों के लिए चिकित्सा उपचार और मुआवज़े की माँग वाली छ: याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए अदालत का फ़ैसला आया है।
इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया था कि इस मुद्दे पर सभी याचिकाएँ संबंधित उच्च न्यायालयों के पास ले जाई जाएँ। जहाँ इस बात पर ग़ौर किया जा सके कि क्या इस मुद्दे की जाँच के लिए एक स्वतंत्र जाँच समिति का गठन किया जा सकता है!
नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में रविवार को दिल्ली के जामिया इलाके में जमकर हिंसा हुई। रविवार (दिसंबर 15, 2019) शाम प्रदर्शनकारियों ने कई बसें और बाइक फूँक दी। उपद्रवियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा और आँसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। इसके बाद पुलिसकर्मियों ने अराजक तत्वों के जामिया मिलिया विश्वविद्यालय में घुसे होने के संदेह पर कैंपस से सभी छात्रों को बाहर निकाल दिया।
पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। प्रदर्शनकारियों ने बसों और वाहनों में आग लगा दी। जामिया में इस हिंसा के खिलाफ जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों के अलावा जेएनयू और दूसरे संगठनों के लोगों ने भी पुलिस मुख्यालय पर देर रात प्रदर्शन किया। देर रात पुलिस द्वारा 50 छात्रों को रिहा करने के बाद सोमवार (दिसंबर 16, 2019) सुबह 4 बजे प्रदर्शन खत्म हुआ। जामिया कैंपस में 5 जनवरी तक छुट्टी घोषित कर दी गई है।
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