Saturday, April 27, 2024
Homeदेश-समाज‘चूल्हा जलई ले नाले से पिया, नाला मा बड़ी आग है’... चाय के बाद...

‘चूल्हा जलई ले नाले से पिया, नाला मा बड़ी आग है’… चाय के बाद अब बन रहा खाना

जब पीएम मोदी ने नाले की गैस से बनी चाय का उदाहरण दिया था तो कई नेताओं ने उनका मज़ाक उड़ाया था। अब चाय से आगे बढ़कर खाना तक बनाया जा रहा है। विदेशों में कचरे से कॉस्मेटिक्स प्रॉडक्ट्स तक बनाने पर शोध किया जा रहा है।

तारीख़ थी 10 अगस्त और दिन था ‘विश्व जैव ईंधन दिवस’ और प्रधानमंत्री मोदी गैर-जीवाश्म ईंधन के बारे में जागरूकता फैलाने वाले एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। प्रधानमंत्री ने एक ऐसे चाय बेचने वाले शख़्स का ज़िक्र किया, जो नाले से निकलने वाली गैस से चाय बनाता है।

पीएम ने कहा था, “मैंने एक अख़बार में पढ़ा था कि एक शहर में नाले के पास एक व्यक्ति चाय बेचता था। उस व्यक्ति के मन में विचार आया कि क्यों ना गंदी नाले से निकलने वाली गैस का इस्तेमाल किया जाए। उसने एक बर्तन को उल्टा कर उसमें छेद कर दिया और पाइप लगा दिया। अब गटर से जो गैस निकलती थी उससे वो चाय बनाने का काम करने लगा।”

बता दें कि पीएम के इस बयान के बाद दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल समेत कई नेताओं ने इस पर तंज कसा। केजरीवाल ने कहा था कि देश का प्रधानमंत्री पढ़ा लिखा होना चाहिए। अब केजरीवाल को कौन बताए कि पीएम तो पढ़े-लिखे थे तभी उन्होंने ऐसा कहा। शायद अब ज़रूरत केजरीवाल को फिर से पढ़ाई करने की है, क्योंकि पीएम की बात सच हो रही है। दिल्ली-एनसीआर से सटे साहिबाबाद में नाले से निकलने वाली मीथेन गैस से चूल्हे पर खाना पकाकर ग़रीबों में बाँटा जा रहा है।

7 मित्रों की मेहनत ने बदल दी लोगों की सोच

साहिबाबाद के बृज विहार इलाके में रहने वाले 7 मित्र एक साथ मिलकर इस काम को अंजाम दे रहे हैं। रिपोर्ट की मानें तो प्रॉजेक्ट में अहम भूमिका निभा रहे वीरेंद्र नॉटियाल के अनुसार नाले में चार बड़े कंटेनर लगाए गए हैं, जिसमें गैस को इकट्ठा किया जाता है। उन्होंने कहा कि इसे प्यूरिफाई करने के बाद 24 घंटे में रोज़ाना 2 से 3 घंटे जलने लायक गैस बन जाती है।  

इसके अलावा प्रोजेक्ट में अहम भूमिका निभा रहे हेमंत भारद्वाज कहते हैं कि नाले से निकलने वाली मीथेन गैस से काफी बदबू आती थी। इससे लोगों को कई बीमारियाँ हो रही थीं। हमने नाले को कवर करने के लिए कई बार निगम में आवेदन किया लेकिन प्रशासन से गुहार लगाने पर भी कुछ नहीं हुआ। इसके बाद हमने यूट्यूब की मदद ली।

नाले से मीथेन गैस निकालते हुए (फोटो साभार नवभारत टाइम्स)

यूट्यूब में बताए तरीक़े पर काम करते हुए मीथेन गैस से चूल्हा जलाने का प्लांट लगाया। इसमें क़रीब साढ़े ₹3 लाख का ख़र्च आया। हेमंत कहते हैं कि यहाँ लगाए गए चूल्हे से रोज़ाना शाम को 6 से 8 बजे तक ज़रूरतमंद बच्चों को खाना बाँटा जाता है।

‘जैविक कचरे’ के सही इस्तेमाल पर विदेशों में भी काम

आवश्यकता ही अविष्कार की जननी होती है। 17वीं शताब्दी में जर्मन के हेनिग ब्राँड नाम के एक व्यापारी का सपना था कि वो मूत्र से सोना निकाले क्योंकि दोनों का रंग एक समान था। हेनिंग ने इसके बाद 1669 में फॉस्फोरस की खोज कर दी।

इसी कड़ी में कनाडाई जैव प्रौद्योगिकी व्यापारी लूना यू का भी सपना है कि वो ख़राब पड़े कचरे का सही इस्तेमाल कर कुछ ऐसा बनाएँ जो लोगों के काम आ सके। उनका लक्ष्य ख़राब कचरे (जैविक कचरे) जैसे- सेब कोर, चिकन हड्डियों को उपयोगी सामान में बदलाने का है। वो कहती हैं कि उनका लक्ष्य है कि वो इससे कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स बनाएँ। फ़िलहाल उन्हें अपने इस लक्ष्य को पूरा करने में थोड़ी मुश्किल आ रही है, क्योंकि इन कचरों को खाली पड़ी खोखली ज़मीन को भरने के लिए भेज दिया जाता है।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

लोकसभा चुनाव 2024: बंगाल में हिंसा के बीच देश भर में दूसरे चरण का मतदान संपन्न, 61%+ वोटिंग, नॉर्थ ईस्ट में सर्वाधिक डाले गए...

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग के 102 गाँवों में पहली बार लोकसभा के लिए मतदान हुआ।

‘इस्लाम में दूसरे का अंग लेना जायज, लेकिन अंगदान हराम’: पाकिस्तानी लड़की के भारत में दिल प्रत्यारोपण पर उठ रहे सवाल, ‘काफिर किडनी’ पर...

पाकिस्तानी लड़की को इतनी जल्दी प्रत्यारोपित करने के लिए दिल मिल जाने पर सोशल मीडिया यूजर ने हैरानी जताते हुए सवाल उठाया है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe