Saturday, November 16, 2024
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‘मैंने मुश्किल वक्त में इंदिरा गॉंधी का साथ दिया, पर मुस्लिमों को गुलाम न समझे कॉन्ग्रेस’

पार्टी के प्रदेश और केंद्रीय नेतृत्व पर मुस्लिमों को नजरंदाज करने का आरोप लगाते हुए कुरैशी ने कहा, "कुछ नेता नेहरू-गाँधी खानदान को गुमराह कर रहे हैं और वहीं लोग पार्टी के इस बिखराव के लिए जिम्मेदार हैं।"

कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व राज्यपाल अजीज कुरैशी ने पार्टी नेतृत्व को जमकर सुनाया है। मध्य प्रदेश के झाबुआ उपचुनाव के लिए पार्टी ने 40 स्टार प्रचारकों की सूची जारी की है। इसमें एक भी मुस्लिम नहीं है। कुरैशी ने इस पर गहरी नाराजगी जताई है।

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उन्होंने इस सूची का हवाला देते हुए पार्टी में मुस्लिमों को नजरअंदाज करने का मुद्दा उठाया है। उन्होंने कहा कि कॉन्ग्रेस का प्रदेश और केंद्रीय ईकाई इस बात को समझ ले कि मुस्लिम उनका गुलाम नहीं है।

उन्होंने स्टार प्रचारकों की सूची आने के बाद बुधवार को मीडिया से बातचीत में तीखी प्रतिक्रिया दी। कुरैशी ने कहा, “कुछ नेता नेहरू-गाँधी खानदान को गुमराह कर रहे हैं और वहीं लोग पार्टी के इस बिखराव के लिए जिम्मेदार हैं।”

उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मिजोरम के राज्यपाल रहे कुरैशी ने कहा कि मध्यप्रदेश और केंद्रीय नेतृत्व को यह बात अच्छी तरह जान लेना चाहिए कि मुस्लिम उनका गुलाम नहीं है और न ही दिहाड़ी मजदूर। उन्होंने कहा है कि अब और अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

कॉन्ग्रेस नेता ने स्टार प्रचारकों की सूची को आधार बनाकर कहा कि उन्हें ये देखकर 1977 की याद आ गई, जब इंदिरा गाँधी ने कॉन्ग्रेस (आई) की स्थापना की थी और सभी कॉन्ग्रेसियों से साथ देने की अपील की थी।

कुरैशी ने कहा उस समय डीपी मिश्रा, डॉ. शंकरदयाल शर्मा, प्रकाश चंद सेठी, श्यामचरण शुक्ल और गोविंद नारायण सिंह जैसे नेताओं ने उनका विरोध किया था। इस मुश्किल वक़्त में सिर्फ़ वही इंदिरा गाँधी के साथ खड़े थे। उनके अनुसार उन्होंने ही जेल भरो आंदोलन की शुरुआत करके गिरफ्तारी भी दी थी।

कुरैशी ने पार्टी नेतृत्व को पिछले चुनावों की याद भी दिलाई। उन्होंने कहा कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव में मुस्लिम ही कॉन्ग्रेस का साथ देते हैं। लेकिन नेतृत्व यह भूल गया है। आज वह भाजपा के हिंदुत्व विचाराधारा के समर्थकों को खुश करने में जुटी है। इसके लिए मुस्लिमों को नजरंदाज किया जा रहा है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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