Thursday, April 24, 2025
Homeविविध विषयअन्यकॉर्पोरेट टैक्स में कटौती से बढ़ेगा निवेश, समस्याओं को लेकर मोदी सरकार सजग: IMF

कॉर्पोरेट टैक्स में कटौती से बढ़ेगा निवेश, समस्याओं को लेकर मोदी सरकार सजग: IMF

आईएमएफ ने बताया कि पिछले कुछ सालों में भारत ने काफ़ी मजबूत विकास दर से तरक्की की है और आने वाले दिनों में भी ऐसा ही होगा। साथ ही उसने कहा है कि महिलाओं को भी कामकाजी बनाने की दिशा में काम किया जाना चाहिए क्योंकि इससे 'लेबर फाॅर्स' में इजाफा होगा।

अंतरराष्ट्रीय संस्था ‘इंटरनेशनल मोनेटरी फण्ड (IMF)’ ने कॉर्पोरेट टैक्स घटाने के मोदी सरकार के फैसले का स्वागत किया है। आईएमएफ ने कहा है कि इस निर्णय से निवेश को बढ़ावा मिलेगा। आईएमएफ की एशिया पैसिफिक डायरेक्टर ने कहा कि भारत के पास ज्यादा वित्तीय स्पेस नहीं है, इसलिए उसे वित्तीय घाटे को काबू में रखते हुए एक सुरक्षित अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ना होगा। उन्होंने कहा कि आईएमएफ कॉर्पोरेट टैक्स कम करने के भारतीय वित्त मंत्रालय के फ़ैसले का स्वागत करती है, क्योंकि इससे निवेश पर सकारात्मक असर पड़ेगा।

उन्होंने उम्मीद जताई कि अगले वित्तीय वर्ष में भारत की विकास दर बढ़ कर 7% होने की सम्भावना है। उन्होंने भारत सरकार को नॉन-बैंकिंग वित्तीय सेक्टर पर ध्यान देने की सलाह दी। आईएमएफ मानता है कि सरकारी बैंकों को रीकैपिटलाइज करना इस दिशा में एक अच्छा क़दम है। आईएमएफ ने माना है कि नॉन-बैंकिंग सेक्टर में आ रही समस्याओं को लेकर मोदी सरकार सजग है और उसे इसका अंदाजा भी है। संस्था ने यह भी माना है कि एक संघीय ढाँचे में वित्त सम्बन्धी सुधारों को लागू करना कठिन होता है, क्योंकि अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग स्थितियाँ होती हैं।

इससे पहले आईएमएफ ने कहा था कि भारत सरकार ने आर्थिक मोर्चे को लेकर कुछ आधारभूत काम किए हैं लेकिन कई सारी समस्याओं को ख़त्म करने की दिशा में काम करना अभी बाकी है। आईएमएफ ने कहा कि महिलाओं को भी कामकाजी बनाने की दिशा में काम किया जाना चाहिए, क्योंकि इससे ‘लेबर फोर्स’ में इजाफा होगा। संस्था ने कहा कि भारत की महिलाएँ काफ़ी प्रतिभावान हैं, लेकिन उनमें से अधिकतर घरों में ही रहती हैं। आईएमएफ ने बताया कि पिछले कुछ सालों में भारत ने काफ़ी मजबूत विकास दर से तरक्की की है और आने वाले दिनों में भी ऐसा ही होगा।

आईएमएफ ने दुनिया भर में चल रही मंदी की बात करते हुए कहा कि विश्व के अन्य हिस्सों की तरह भारत में भी आर्थिक मंदी देखने को मिल रही है। बता दें कि इसी महीने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अर्थव्यवस्था को कॉर्पोरेट टैक्स में कटौती की सौगात दी थी। यह सरकार के राजस्व का एक अहम जरिया होता है, जिसे कंपनियों पर लगाया जाता है। टैक्स में कटौती से कंपनियों के मुनाफे में वृद्धि होती है, जिससे कम्पनियाँ निवेश करने के लिए अतिरिक्त धन का उपयोग कर पाएँगी। वित्त मंत्री के इस ऐलान का असर शेयर बाजार पर भी देखने को मिला, जिसने इस ख़बर के साथ ही उछाल मारी।

भारत में आर्थिक मंदी को लेकर लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं। कई लोग इसे अमेरिका-चीन ट्रेड वॉर से जोड़ कर भी देख रहे हैं। वहीं कॉन्ग्रेस इसे सरकार की विफलता बताते हुए नोटबंदी और जीएसटी को जिम्मेदार ठहरा रही है। हालाँकि, सरकार ने आर्थिक मंदी की ख़बरों के बीच आर्थिक सुधार के लिए कई क़दम उठाए हैं और समय-समय पर वित्त मंत्रालय ने मीडिया के सवालों का जवाब दिया है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

सिंधु जल समझौता निलंबित, पाकिस्तानी नागरिकों का वीजा रद्द, अधिकारियों को देश-निकाला, अटारी सीमा बंद: पहलगाम हमले के बाद एक्शन में भारत

भारत सरकार ने अंतरराष्ट्रीय दबावों की परवाह किए बिना इतिहास में हुए भूलों को सुधारने की कार्रवाई शुरू कर दी है। सिंधु जल समझौता निलंबित।

‘ये PM को सन्देश – मुस्लिम कमजोर महसूस कर रहे’: रॉबर्ट वाड्रा ने 28 शवों के ऊपर सेंकी ‘हिंदुत्व’ से घृणा की रोटी, पहलगाम...

रॉबर्ट वाड्रा ने कहा कि आईडी देखना और उसके बाद लोगों को मार देना असल में प्रधानमंत्री को एक संदेश है कि मुस्लिम कमजोर महसूस कर रहे हैं।
- विज्ञापन -