Thursday, April 25, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीयसऊदी अरब, यूएई और तुर्की समेत 134 देशों से बाहर किए गए 519000 पाकिस्तानी

सऊदी अरब, यूएई और तुर्की समेत 134 देशों से बाहर किए गए 519000 पाकिस्तानी

दिलचस्प यह है कि मजहब का मसीहा बनने की कोशिश कर रहे पाकिस्तान के नागरिक सबसे ज्यादा इस्लामिक मुल्कों से ही निकाले गए। पाकिस्तानियों को बाहर निकालने के मामले में सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, ओमान और तुर्की अव्वल हैं।

आतंकवाद के पनाहगाह पाकिस्तान को शर्मसार करने वाली एक और खबर सामने आई है। बीते पॉंच साल में 134 मुल्कों से उसके पॉंच लाख से ज्यादा नागरिक बाहर किए गए है। फर्जी दस्तावेजों और आपराधिक मामलों के कारण इनलोगों को बाहर निकाला गया।

पाकिस्तानी गृह मंत्रालय की हालिया रिपोर्ट से यह खुलासा हुआ है। इसके मुताबिक 2014 के बाद से 519,000 पाकिस्तानी नागरिक विभिन्न मुल्कों से निर्वासित किए गए हैं। दिलचस्प यह है कि मजहब का मसीहा बनने की कोशिश कर रहे पाकिस्तान के नागरिक सबसे ज्यादा इस्लामिक मुल्कों से ही निकाले गए। पाकिस्तानियों को बाहर निकालने के मामले में सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, ओमान और तुर्की अव्वल हैं।

रिपोर्ट से यह भी पता चला है कि तुर्की और सऊदी अरब के निर्वासित शिविरों में अभी भी कम से कम 65,000 पाकिस्तानी रह रहे हैं। सऊदी पाकिस्तानियों को निकालने में सबसे आगे है। 2014 के बाद से उसने 3,25,000 से अधिक पाकिस्तानियों को निष्कासित किया है। इसी दौरान 52,000 से अधिक पाकिस्तानियों को निष्कासित करके यूएई सूची में दूसरे स्थान पर है। ओमान और तुर्की में अवैध रूप से रह रहे 47,000 पाकिस्तानी पाँच साल के भीतर घर लौटाए गए हैं।

इसी तरह, 2014 से 2019 के बीच 18,312 पाकिस्तानी मलेशिया से, 15,320 ब्रिटेन से, 17,534 ग्रीस से,
15,413 ईरान से, 936 अमेरिका से, 275 चीन से, 445 कनाडा से और 920 जर्मनी से निकाले गए हैं। यूरोपीय देशों ने भी अच्छी-खासी तादाद में अवैध रूप से बस गए पाकिस्तानियों को बाहर किया है। इटली ने 945, फ्रांस ने 845, स्पेन ने 494, बेल्जियम ने 375, नॉर्वे ने 301, ऑस्ट्रिया ने 270, स्वीडन ने 112, नीदरलैंड ने 145, रोमानिया ने 165, स्विटजरलैंड ने 65 और बुल्गारिया ने 175 अप्रवासियों को वापस पाकिस्तान भेजा है।

कथित तौर पर, पाकिस्तानी निर्वासितों की यह बड़ी संख्या, पाकिस्तान में सक्रिय रूप से काम करने वाले मानव तस्करी समूहों का शिकार होती हैं। अब तक, आंतरिक मंत्रालय ने देश में ऐसे 1000 से अधिक समूहों की पहचान की है। मानव तस्कर अक्सर ऐसे लोगों का शिकार करते हैं जो बेहतर जीवन और बेहतर रोज़गार के अवसरों की तलाश में विदेश जाना चाहते हैं।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

माली और नाई के बेटे जीत रहे पदक, दिहाड़ी मजदूर की बेटी कर रही ओलम्पिक की तैयारी: गोल्ड मेडल जीतने वाले UP के बच्चों...

10 साल से छोटी एक गोल्ड-मेडलिस्ट बच्ची के पिता परचून की दुकान चलाते हैं। वहीं एक अन्य जिम्नास्ट बच्ची के पिता प्राइवेट कम्पनी में काम करते हैं।

कॉन्ग्रेसी दानिश अली ने बुलाए AAP , सपा, कॉन्ग्रेस के कार्यकर्ता… सबकी आपसे में हो गई फैटम-फैट: लोग बोले- ये चलाएँगे सरकार!

इंडी गठबंधन द्वारा उतारे गए प्रत्याशी दानिश अली की जनसभा में कॉन्ग्रेस और आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता आपस में ही भिड़ गए।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe