पाकिस्तान से जबरन धर्म परिवर्तन की ख़बरें लगातार सामने आ रही हैं। सिख और हिंदू लड़की के बाद अब 15 साल की एक ईसाई लड़की के जबरन धर्मांतरण का मामला सामने आया है।
जानकारी के मुताबिक, पीड़ित ईसाई लड़की जिस स्कूल में पढ़ती थी वहाँ की प्रिंसिपल ने ही उसका धर्म परिवर्तन करवाया है। घटना लाहौर के पंजाब प्रांत की है। ईसाई लड़की के पिता मुख्तार मसीह का कहना है कि स्कूल प्रिंसिपल उनकी बेटी फैजा को लाहौर से करीब 50 किमी दूर शेखपुरा जिले के एक मदरसे में लेकर गई और उसके जबरन धर्म परिवर्तन कराया। प्रिंसिपल का नाम सलीमा बीबी है।
दरअसल, जब बुधवार (सितंबर 4, 2019) को फैजा स्कूल से अपने घर नहीं पहुँची तो उसके पिता मुख्तार स्कूल पहुँचे। वहाँ जब उन्होंने अपनी बेटी के बारे में पूछताछ की, तो एक क्लास टीचर ने उन्हें बताया कि प्रिंसिपल उनकी बेटी का धर्म परिवर्तन कराने के लिए मदरसा ले गई है। जिसके बाद लड़की के पिता ने उसे पास के तीन मदरसों में तलाशा। उन्हीं में से एक मदरसे में बच्ची उन्हें दिखाई दी, लेकिन मदरसे के कर्मचारियों नें उन्हें अपनी बच्ची से नहीं मिलने दिया।
मुख्तार की शिकायत पर पुलिस ने मदरसे में छापा मारकर लड़की को बरामद कर लिया और उसे शेखपुरा के एक शेल्टर होम में शिफ्ट कर दिया। पुलिस अधिकारी मुहम्मद नवाज ने बताया कि पिता की शिकायत पर तुरंत एक्शन लेकर बच्ची को बरामद कर लिया गया है। लेकिन फिलहाल किसी के खिलाफ FIR दर्ज नहीं की गई है। जाँच जारी है।
लड़की ने अभिभावकों ने बताया कि जब वो स्कूल में अरबी पढ़ रही थी तो उसकी स्कूल टीचर ने उससे कहा कि उसने अपने आप धर्मांतरण किया है। बच्ची के पिता ने बताया कि प्रिंसिपल ने उन्हें भी धर्म परिवर्तन कर इस्लाम अपनाने के लिए कहा था और बदले में उनकी जरूरतों के हिसाब से पैसा देने की बात कही थी। लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया।
गौरतलब है कि, 3 सितंबर को पाकिस्तान के सिंध प्रांत में दो हिंदू लड़की को अगवा कर उनका धर्म परिवर्तन करवाया गया था। इससे पहले एक सिख युवती को भी अगवा कर उसका धर्म परिवर्तन करवाने के बाद उसकी मोहम्मद हसन से शादी करवा दी गई, जो कि हाफ़िज़ सईद के आतंकवादी संगठन जमात-उद-दावा का सदस्य है।