Sunday, September 22, 2024
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4000 साल पुरानी वस्तुएँ, 10वीं सदी की अप्सरा और भगवान की प्राचीन प्रतिमा: अमेरिका भारत को फिर लौटाएगा 297 पुरावशेष और कलाकृतियाँ, PM मोदी ने दिया धन्यवाद

बताया जा रहा है कि जो वस्तुएँ भारत को लौटाई गई हैं वो भारत की भौतिक संस्कृति का हिस्सा थीं। कोई पुरावशेष लगभग 4000 वर्ष पुराना है तो कोई 2000 ईसा पूर्व से 1900 ईसवी तक का। इनका संबंध भारत के कई भागों से है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हर विदेश दौरा हमेशा से उपलब्धियों भरा रहा है। इस बार भी उनकी अमेरिका यात्रा ऐसी ही है। 21 सितंबर को अमेरिका ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत की वो 297 पुरावशेष और कलाकृतियों लौटाने का निर्णय लिया है जिसे कभी न कभी भारत से चुरा लिया गया था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस संबंध में एक्स पर लिखा, “मैं भारत को 297 अमूल्य पुरावशेषों की वापसी सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रपति जो बाइडन और अमेरिकी सरकार का अत्यंत आभारी हूँ।”

बताया जा रहा है कि जो वस्तुएँ भारत को लौटाई गई हैं वो भारत की भौतिक संस्कृति का हिस्सा थीं। कोई पुरावशेष लगभग 4000 वर्ष पुराना है तो कोई 2000 ईसा पूर्व से 1900 ईसवी तक का। इनका संबंध भारत के कई भागों से है।

इनमें से कुछ हैं जिनके बारे में रिलीज में बताया गया है- जैसे मध्य भारत से प्राप्त बलुआ पत्थर की अप्सरा जो कि 10वीं-11वीं शताब्दी की है, मध्य भारत से प्राप्त कांस्य की बनी जैन तीर्थंकर की 15-16वीं शताब्दी की प्रतिमा, 2000-1800 ईसा पूर्व से संबंधित उत्तर भारत से तांबे में मानवरूपी आकृति और दक्षिण भारत से ग्रेनाइट में भगवान कार्तिकेय की 13-14वीं शताब्दी की प्रतिमा, 3-4 सदी का टेराकोटा वास।

उल्लेखनीय हैं कि सांस्कृतिक संपत्तियों की अवैध तस्करी एक पुरानी समस्या है, लेकिन इस प्रकार की चोरी के खिलाफ लड़ाई को मझबूत करने की दिशा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब तक विदेश यात्राओं से 640 प्राचीन वस्तुएँ भारत ला चुके हैं। अमेरिका से वापस की गई पुरावशेषों की कुल संख्या 578 है।

साल 2021 में जब प्रधानमंत्री अमेरिकी यात्रा पर गए थे तो अमेरिकी सरकार द्वारा उन्हें 157 पुरावेशेष लौटाए गए थे। इसी तरह 2023 में अमेरिका ने 105 पुरावशेष भारत को लौटाए थे। इन प्रतिमाओं में 12वीं शताब्दी की कास्य नटराज प्रतिमा भी शामिल है। इनके अलावा 40 वस्तुएँ ऑस्ट्रेलिया से भी वापस की गई थीं वहीं 16 वस्तुएँ ब्रिटेन ने लौटाई थी।

दिलचस्प बात ये है कि ये आँकड़ा नरेंद्र मोदी के प्रधामंत्री बनने के बाद बढ़ा है वरना 2004 से 2013 के बीच बताया जाता है कि केवल एक कलाकृति भारत को वापस की गई थी। लेकिन अब ये संख्या कहाँ पहुँच गई है खुद देख सकते हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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