Saturday, May 17, 2025
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीय#Metoo में फँसा इस्लामिक स्कॉलर तारिक रमादान अब महिला पत्रकार के साथ गैंगरेप में...

#Metoo में फँसा इस्लामिक स्कॉलर तारिक रमादान अब महिला पत्रकार के साथ गैंगरेप में घिरा

50 वर्षीय महिला पत्रकार ने 56 साल के रमादान पर अपने स्टाफ के साथ मिलकर गैंगरेप का आरोप लगाया है। यह घटना तब हुई जब महिला पत्रकार रमादान का इंटरव्यू लेने मई 2014 में लियोन के एक होटल में गई थी।

इस्लामिक स्कॉलर तारिक रमादान पर अब एक महिला पत्रकार के साथ गैंगरेप में शामिल होने का आरोप लगा है। दो महिलाओं के साथ बलात्कार को लेकर उन पर पहले से ही फ्रांस में मुकदमे चल रहे हैं। फ्रांस की न्यायिक सेवा से जुड़े सूत्रों के हवाले से यह खबर सामने आई है।

अरब न्यूज के मुताबिक सूत्रों ने यूरोप 1 रेडियो और ला जर्नल डे डिमांशे की उस खबर की पुष्टि की है जिसमें एक 50 वर्षीय महिला पत्रकार ने 56 साल के रमादान पर अपने स्टाफ के साथ मिलकर गैंगरेप का आरोप लगाया है। यह घटना तब हुई जब महिला पत्रकार रमादान का इंटरव्यू लेने मई 2014 में लियोन के एक होटल में गई थी।

महिला पत्रकार का कहना है कि रमादान ने पुलिस में रिपोर्ट नहीं दर्ज कराने की धमकी भी दी थी। महिला के अनुसार तारिक ने जनवरी में मेसेंजर के जरिए उससे संपर्क किया था और कहा था, “तुम जानती नहीं हो मैं कितना पॉवरफुल हूँ।”

रमादान एक शादीशुदा आदमी है और उसके चार बच्चे भी हैं। साल 2017 तक वह ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हुआ करता था। लेकिन मीटू मूवमेंट के दौरान 2 महिलाओं ने उस पर रेप का आरोप लगाया था, जिसके बाद उसे वहाँ से निकाल दिया गया।

उल्लेखनीय है कि इस दौरान तारिक पर 2009 में एक दिव्यांग महिला और 2012 में एक फेमिनिस्ट कार्यकर्ता से रेप का आरोप लगा था। 2018 में बेल न मिलने के कारण 9 महीने उसे कस्टडी में रखा गया था।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

'द वायर' जैसे राष्ट्रवादी विचारधारा के विरोधी वेबसाइट्स को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

240 पुस्तकें, 50 रिसर्च पेपर… स्वामी रामभद्राचार्य को ‘ज्ञानपीठ पुरस्कार’ क्यों? जो 500 सालों में नहीं हुआ वो भी कर दिखाया: संत नहीं, पुरस्कृत...

स्वामी रामभद्राचार्य को 'ज्ञानपीठ पुरस्कार' क्यों? ये लेख उनके लिए नहीं है जो सवाल पूछ रहे, उन आम लोगों के लिए है जो उस गिरोह के भ्रमजाल का निशाना हैं। जिनका पढ़ने-लिखने से कोई वास्ता ही नहीं, वो क्या समझेगा कि 2 महीने की उम्र में अपने नेत्र खोने वाला शिशु कालांतर में 240 पुस्तकें और 50 शोधपत्र प्रकाशित कर देगा।

अब इकोनमी ही नहीं, डिफेंस सेक्टर में भी ग्लोबल पॉवर बनकर उभरा है भारत: ऑपरेशन सिंदूर में दुनिया ने देखा दम, नई डिफेंस पॉलिसी...

‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारत की सैन्य शक्ति, रणनीतिक क्षमता और राजनीतिक इच्छाशक्ति का प्रदर्शन था। जो खुद पहल कर के निर्णायक कार्रवाई करता है।
- विज्ञापन -