पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर भारत-चीन के बीच हुई खूनी हिंसक झड़प के बाद भी सीमा पर तनाव का माहौल बना हुआ है। निहत्थे भारतीय सैनिकों पर धोखेबाजी से हमला करने पर दुनिया चीन के प्रति अपना आक्रोश व्यक्त कर रही हैं। इसी बीच अमेरिका से बड़ी खबर सामने आई है। चीन की तानाशाही को देखते हुए अमेरिका ने यूरोप से अपनी सेना हटा ली है। और उस सेना का इस्तेमाल कर उसे एशिया में तैनात करने का फैसला लिया है।
Pompeo talks of China’s provocative military actions, says US will posture appropriately to counter PLA
— ANI Digital (@ani_digital) June 25, 2020
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यह जानकारी अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने जर्मन मार्शल फंड के वर्चुअल ब्रसेल्स फोरम 2020 में एक सवाल के जवाब देते हुए दिया था। उन्होंने बताया कि अमेरिका यह फैसला ऐसे समय में कर रहा है, जब चीन ने भारत में पूर्वी लद्दाख में एलएसी के पास युद्ध जैसे हालात पैदा कर दिए हैं। सिर्फ भारत ही नहीं चीन वियतनाम, इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलिपींस और साउथ चाइना सी में खतरा बना हुआ है।
There’ll be fewer US resources at certain places, they’ll be at other places as there’s threat from Chinese Communist Party to India, Vietnam, Indonesia, Malaysia, South China Sea. We’ll make sure we are postured appropriately to counter People’s Liberation Army: US Secy of State pic.twitter.com/2R0fdpu6Su
— ANI (@ANI) June 25, 2020
रिपोट्स के अनुसार चीन को उसकी चालबाजी का जवाब देने के लिए अमेरिका ने जर्मनी में तैनात 52 हजार अपने सैनिकों में से लगभग 9,500 सैनिकों को एशिया में तैनात करने का फैसला लिया है। यहीं नहीं चीन से बढ़ते खतरे को मद्देनजर रखते हुए और पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (चीन की सेना) को मुहतोड़ जवाब देने के लिए अमेरिका पूरी दुनिया में अपनी सेना को तैनात करने जा रहा है।
वहीं अपने संबोधन में अपनी बात जारी रखते हुए उन्होंने कहा चीन अपने अनुसार शासन चलाने के लिए नए नियम-कायदे लागू करने की कोशिश कर रहा है। अमेरिका हालत के अनुसार सेना तैनाती की रणनीति से अच्छे से वाकिफ है। ट्रंप प्रशासन ने दो साल पहले अमेरिकी सेना की एक लंबी बहुप्रतीक्षित रणनीतिक स्थिति की समीक्षा की थी। अमेरिका हर तरह के सिचुएशन से अवगत है। उसने खतरों को देखा है और समझा भी है कि साइबर, इंटेलिजेंस और मिलिट्री जैसे संसाधनों को हालात के अनुकूल कैसे बाँटा जाए।
Citing threats from Chinese communist party to India & South East Asia, US will be "postured appropriately" & that is why reducing troops in Europe: US Secretary of state Mike Pompeo pic.twitter.com/HUE8PPqwSP
— Sidhant Sibal (@sidhant) June 25, 2020
माइक ने चीन की दादागिरी को लेकर यूरोपियन यूनियन से बात करने की भी बात कही है। इससे पहले यूरोपियन यूनियन ने अमेरिकी प्रशासन पर जर्मनी से सेना वापस बुलाए जाने को लेकर नाराजगी जाहिर की थी। उन्होंने बाद में चीन को आर्थिक रूप से कमजोर करने को लेकर ये भी कहा कि चीनी कंपनियों के खिलाफ दुनिया को एकजुट करने का प्रयास भी किया जा रहा है। दरअसल, बीजिंग कोविड-19 महामारी के चलते रणनीतिक और आर्थिक रूप से फायदा उठाने की कोशिश कर रहा है।
पोंपियो ने चीन को सभी देशों के लिए खतरा बताते हुए यह भी कहा कि अमेरिका के अलावा पूरी दुनिया चीन का सामना कर रही है। यूरोपियन यूनियन के विदेश मंत्रियों से बातचीत के दौरान मुझे चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के बारे में बहुत सा फीडबैक मिला। जिसमें मंत्रियों ने भारत के साथ लद्दाख में घातक झड़प, पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने उकसावे वाले कार्रवाई की बात जैसे कई तथ्यों को सामने लाया। इसमें दक्षिण चीन सागर में उसकी आक्रामता और शांतिपूर्ण पड़ोसियों के खिलाफ खतरे का जिक्र किया गया था।
I spoke this month with EU Foreign Ministers, I got a lot of feedback on China’s Communist Party, laid out a series of facts that talked about People’s Liberation Army’s provocative military actions…: US Secretary of State, Mike Pompeo (1/2) pic.twitter.com/Vl7SRsERHh
— ANI (@ANI) June 25, 2020
उल्लेखनीय हैं कि लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून को भारत और चीनी सैनिकों के बीच हाथापाई और संघर्ष हुआ था। जिसमें भारत के 20 जवान वीरगति को प्राप्त हुए जबकि चीन के 43 से अधिक जवानों के बलिदान होने की सूचना सामने आई थी। चीन अभी तक अपने सैनिकों की मौत का आँकड़ा छुपा रहा है और सीमा पर संघर्ष के लिए भारत को ही दोषी ठहरा रहा है। लद्दाख में हुई हिंसक झड़प के बाद से दोनों देशों के बीच हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं।
बता दें चीनी सेना ने पहले से ही अपने पास लाठी-डंडे, रॉड, हॉकी स्टिक, बेसबॉल क्लब, ड्रैगन पंच, पाईप, पत्थर, कीलें, बूट की नोक जमा कर लिया था। और उसी का इस्तेमाल वे हिंसा के दौरान कर रहे थे। वहीं पहाड़ी पॉइंट 14 पर पहले से मौजूद चीनी सैनिकों ने भारतीय सैनिकों को निशाना बनाते हुए उनके ऊपर बड़े-बड़े पत्थरों को फेक कर भी हमला किया। बिना किसी हथियार के भारतीयों सैनिकों ने उनका डट कर मुकाबला किया। हालाँकि, इस झड़प में कई भारतीय सैनिकों को तो संभलने तक का मौका नहीं मिला था।