भारत से तस्करी कर विदेशों में ले बेच दी गई प्राचीन भारतीय मूर्तियों को भारत सरकार लगातार वापस ला रही है। इसी क्रम में बिहार से चोरी कर अमेरिका ले जाई गई बिहार के नालंदा स्थित बुद्ध शाक्यमुनि या बोधिसत्व की नक्काशीदार कांस्य की प्रतिमा को अमेरिका में भारतीय वाणिज्य दूतावास को वापस कर दिया गया है।
The second Nalanda Buddha also comes back home!!!!!
— Sanjeev Sanyal (@sanjeevsanyal) April 24, 2022
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रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसा दूसरी बार हो रहा है जब नालंदा की बुद्ध की प्रतिमा को भारत को वापस किया गया है। इससे पहले 2018 में लंदन ने ऐसी ही एक प्रतिमा को वापस किया था। इन मूर्तियों को भारत के नालंदा स्थित म्यूजियम से लूट लिया गया था। 1960 के दशक की शुरुआत में पश्चिमी देशों में इसकी तस्करी की गई थी। उल्लेखनीय है कि 22 अगस्त, 1961 और मार्च 1962 में नालंदा संग्रहालय में लूटपाट की गई थी। यहाँ से 1961 में कांस्य की 14 प्रतिमाओं को लूटा गया था। इसे भारत को वापस करने के लिए 15 अगस्त 2018 को लंदन में एक शानदार समारोह हुआ था। उस दौरान कलाकृतियों की अवैध तस्करी से निपटने के लिए काम कर रहे एक्टिविस्ट्स ने इसकी प्रशंसा की थी।
On #IndependenceDay, London’s Metropolitan Police Service (MPS) has returned India a 12th century statue of Lord Buddha stolen from India 57 years ago. The bronze statue is one of the 14 statues stolen in 1961 from Archaeological Survey of India (ASI) museum in Nalanda. pic.twitter.com/FLbiFU7ZSs
— ANI (@ANI) August 15, 2018
गौरतलब है कि बोधिसत्व मैत्रेय के नाम से जानी जाने वाली बुद्ध शाक्यमुनि की मूर्ति सोने और तांबे की मिश्रित धातु से बनी है। इससे पहले इसके लिए पर्याप्त सबूत नहीं होने के कारण अंमेरिका के लॉस एंजिल्स काउंटी संग्रहालय (एलसीएएमई) में इस मूर्ति को रखा गया था। इसको लेकर इंडिया प्राइड प्रोजेक्ट के एस विजयकुमार का कहना है कि ये केस होमलैंड सुरक्षा एजेंसियों और एजेंटों के साथ निरंतर सहयोग से अवैध तरीके से पुरातात्विक अवशेषों की तस्करी के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण जीत थी। यह विशेष मामला 1961 से ही चल रहा है, जबकि LACMA 1970 के दशक से इसके लिए सबूतों की तलाश कर रहा था।
विजयकुमार ने कहा, “इस मामले में हमने पुराने डॉक्यूमेंटेशन के लिए संजीव सान्याल और डॉ विश्वास के साथ काम मिलकर काम किया और चोरी को सिद्ध किया। होमलैंड सिक्योरिटी से जुड़े हमारे मैचिंग एजेंट चाड फ्रेडरिकसन के साथ मिलकर हमने जाँच शुरू की जिसके कारण आखिरकार यह जीत हासिल हुई।
गौरतलब है कि भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण के पूर्व महानिदेशक सचिंद्र एस बिस्वास और संजीव सान्याल पीएम मोदी की आर्थिक सलाहकार परिषद प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य हैं।
इससे पहले इसी साल जनवरी 2022 में मकर संक्रांति के मौके पर लंदन स्थित भारतीय हाई कमीशन को उत्तर प्रदेश के लोखरी गाँव से 40 पहले लापता हुई बकरी के सिर वाली देवी की प्राचीन भारतीय मूर्तियों को बरामद किया गया था। योगिनी देवियों की 1978 और 1982 के बीच लोखरी से चोरी हो गई थी।