Friday, April 26, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीयबांग्लादेश: 200 साल पुराने शिव मंदिर की जमीन हड़पने के लिए मुस्लिमों ने की...

बांग्लादेश: 200 साल पुराने शिव मंदिर की जमीन हड़पने के लिए मुस्लिमों ने की तोड़फोड़, Video वायरल

"दर्शकों देखो कैसे हिंदुओं का यहाँ शोषण होता है। हम यहाँ सदियों से रह रहे हैं। लेकिन अब ये हमारे बाड़ को तोड़ रहे हैं। अवामी लीग सरकार के तहत देश में कानून और व्यवस्था की स्थिति को देखो।"

बांग्लादेश में एक बार फिर हिंदू मंदिर में तोड़फोड़ का मामला सामने आया है। इस बार घटना बांग्लादेश के पिरोजपुर जिले के बारिसल विभाग के दिघिरजन (Dighirjan) गाँव की है।

बांग्लादेश दर्पण के अनुसार, वहाँ कुछ मुस्लिम युवकों ने सोमवार को 200 साल पुराने शिव मंदिर के बाहर जमकर तोड़फोड़ की। ये मंदिर निजी स्वामित्व वाली भूमि पर बना था और इसके चारों ओर बाँस की बाड़ से घेराव हो रखा था।

घटना का एक वीडियो भी इस समय सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में नीले रंग के कपड़ों में एक आदमी मंदिर के चारों ओर लगे बाँस के बाड़ को डंडों से तोड़ता दिख रहा है।

वीडियो में हिंदू युवक की आवाज भी सुनाई दे रही है। जो कहता है, “दर्शकों देखो कैसे हिंदुओं का यहाँ शोषण होता है। हम यहाँ सदियों से रह रहे हैं। लेकिन अब ये हमारे बाड़ को तोड़ रहे हैं। अवामी लीग सरकार के तहत देश में कानून और व्यवस्था की स्थिति को देखो।”

वहीं एक दूसरा युवक वीडियो में कहता सुना जा सकता है कि ये तोड़फोड़ लूट करने की कोशिश है और ये हरकत उनकी भावनाओं को आहत करने का एक कुत्सित प्रयास है।

वीडियो में हम देख सकते हैं कि तोड़फोड़ करने वाले युवक को लगातार देखने के बाद मौके पर खड़ा एक लाल टीशर्ट में युवक भी तोड़फोड़ करने लगता है। वह बाँस के बाड़ को उखाड़ता है और फिर दूसरी दिशा में उसे गिरा देता है।

रिपोर्ट के मुताबिक इलाके में जमीन हड़पने वालों की नजर काफी समय से हिंदुओं की संपत्ति पर थी। इसी कारण तहसीलदार मोहम्मद शाहजहाँ शेख, मोहम्मद हिदायत शेख और मोहम्मद कामरुल शेख वहाँ आए और बाँस के बाड़ को तोड़कर अवैध रूप से जमीन हड़पने की कोशिश की।

ये जमीन द्रिपन मजूमदार की है। वह शहीद जनानी कॉलेज में बतौर प्रिंसिपल काम करते हैं। वह हिंदू-बुद्धि-ईसाई एकता काउंसिल के उपाध्यक्ष भी हैं। मजूमदार का आरोप है कि इस मामले में उनके हस्तक्षेप के बाद भी उपद्रवी बाँस के बाड़ को तोड़ते रहे और उन लोगों ने उनके व उनके परिवार की महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार भी किया।

रिपोर्ट्स की मानें तो इस घटना के बाद स्थानीय लोगों का कहना है कि पैसा और रुतबा होने के बाद भी बांग्लादेश में हिंदुओं का शोषण जारी है। आखिर ये सब कब तक चलेगा? अन्याय के ख़िलाफ़ खड़ा होना पड़ेगा। अभी भी समय है, सब ठीक किया जा सकता है।

गौरतलब हो कि बांग्लादेश में हिंदुओं का उत्पीड़न लगातार बढ़ता जा रहा है। पिछले दिनों मई माह में ही हिंदुओं को प्रताड़ित करने वाली कई घटनाएँ सामने आई थीं।

वर्ल्ड हिन्दू फेडरेशन बांग्लादेश चैप्टर (world hindu federation bangladesh chapter) द्वारा जारी प्रेस रिलीज के अनुसार मई 2020 में ही हिंदुओं के 10 मंदिरों को तोड़ दिया गया था और देवी-देवताओं की मूर्तियों को क्षत-विक्षत कर दिया गया था।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

लोकसभा चुनाव 2024: बंगाल में हिंसा के बीच देश भर में दूसरे चरण का मतदान संपन्न, 61%+ वोटिंग, नॉर्थ ईस्ट में सर्वाधिक डाले गए...

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग के 102 गाँवों में पहली बार लोकसभा के लिए मतदान हुआ।

‘इस्लाम में दूसरे का अंग लेना जायज, लेकिन अंगदान हराम’: पाकिस्तानी लड़की के भारत में दिल प्रत्यारोपण पर उठ रहे सवाल, ‘काफिर किडनी’ पर...

पाकिस्तानी लड़की को इतनी जल्दी प्रत्यारोपित करने के लिए दिल मिल जाने पर सोशल मीडिया यूजर ने हैरानी जताते हुए सवाल उठाया है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe