सोशल मीडिया पर मंगलवार (22 अगस्त 2023) से एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में शेख ज़काउल्लाह सलीम नाम का इमाम लोगों के सामने तकरीर (भाषण) पेश कर रहा है। इस लेक्चर में इमाम किसी महिला की पत्थर मार कर हत्या करना सही बता रहा है। साथ ही इमाम ऐसी सजा का तरीका भी सिखा रहा है। यह वायरल वीडियो ब्रिटेन के बर्मिंघम में मौजूद ग्रीन लेन मस्जिद का बताया गया है। इसी मस्जिद को हाल ही में ब्रिटिश सरकार ने युवाओं की मदद के नाम पर £2.2 मिलियन (23.24 करोड़ रुपए) का अनुदान दिया था।
वायरल वीडियो में इमाम शेख ज़काउल्लाह सलीम ने लोगों से बताया कि पत्थर मारने से पहले महिला को कमर तक जमीन में दफना देना चाहिए। आधा शरीर जमीन में गाड़ने के पीछे इमाम ने इस्लाम के ‘शरिया’ कानून का हवाला दिया है।
UK: Birmingham's Green Lane Mosque on how to stone a woman to death.
— Megh Updates 🚨™ (@MeghUpdates) August 22, 2023
"You must first bury her up to her waist to preserve her modesty".
The British government has just given this mosque a £2.2 mn grant for "youth services". pic.twitter.com/h6KRmfHNHF
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व नाम ट्विटर) पर यह वीडियो वायरल होने के बाद कई यूजर्स का कहना कि क्या सच में शेख ज़काउल्लाह सलीम ऐसी सजा का समर्थन करता है, क्योंकि इसी इमाम का एक और वीडियो भी वायरल है जिसमें पत्थर मार कर की जाने वाली हत्या को ‘ज़िना’ (इस्लाम के मुताबिक अवैध संबंध) की सजा बता रहे हैं।
Why This Video Of An Imam's Regressive Lecture To UK Audience Has Created Ripples On Internet#TNDIGITALVIDEOS pic.twitter.com/pCpomInv90
— TIMES NOW (@TimesNow) August 25, 2023
इस वीडियो में शेख ज़काउल्लाह सलीम ने इस्लामी शरिया का हवाला देते हुए कहा है कि जिना करने वाले व्यक्ति को शरिया के मुताबिक सजा दी जाएगी। इमाम ने बताया कि ज़िना करने वाले विवाहित व्यभिचारी पुरुष या महिला के लिए यही सज़ा है कि उन्हें पत्थर मार-मार कर मार डाला जाए। इमाम ने इस्लामी कानून के ही हवाले से अविवाहितों के लिए जिना पर मुस्लिमों की सभा में 100 कोड़े मारे जाने का कानून बताया।
It's not clear from this clip that he is advocating it.
— David Hirsh (@DavidHirsh) August 22, 2023
Maybe he's just describing one description of it from some authoritative source, in order then to explain why it should no longer be carried out, according to another authoritative source?
इमाम ने आगे कहा, “जैसा कि अल्लाह ने सूरह अन-नूर की शुरुआत में कहा है कि जो पुरुष और महिला ज़िना करते हैं उन्हें मारो। जब अल्लाह के मजहब की बात आती है तो आपको किसी भी प्रकार की दया या सहानुभूति नहीं दिखानी चाहिए।” इमाम ने अपनी मज़हबी किताब के हवाले से बाकी लोगों को भी ऐसी सजा का गवाह बनने की अपील की।
वीडियो में दिख रहे इमाम शेख ज़काउल्लाह सलीम का परिचय बर्मिंघम स्थित ग्रीन लेन मस्जिद की वेबसाइट पर दर्ज है। वेबसाइट में इमाम को कारी बताते हुए मस्जिद में शिक्षा का प्रमुख बताया गया है। मज़हबी पढ़ाई के साथ इमाम ने काफी कम उम्र में कुरान रट लिया था। इमाम शेख जाकउल्लाह ने कई मौकों पर तरावीह की नमाज का नेतृत्व भी किया था। इसी के साथ उन्होंने हाल ही में मार्कफील्ड इंस्टीट्यूट ऑफ हायर एजुकेशन से इस्लामिक एजुकेशन में मास्टर्स की पढ़ाई पूरी की है।
वायरल हुए वीडियो में दिख रही ग्रीन लेन मस्जिद के मिशन स्टेटमेंट में ‘इंस्पायर एजुकेट सर्व’ लिखा हुआ है। ख़ास बात ये है कि इस मस्जिद को जुलाई 2023 में ब्रिटिश सरकार ने £2.2 मिलियन (23.24 करोड़ रुपए) की आर्थिक मदद दी थी। यह मदद धार्मिक समुदायों को घृणा अपराधों और आतंकवादी हमलों से रोकने में मदद के नाम पर दी गई थी। हालाँकि, दिए गए पैसे के सदुपयोग के विपरीत वायरल वीडियो में इमाम शेख ज़काउल्लाह सलीम महिला को पत्थर मारकर हत्या करने के लिए उकसा रहा है।