रिपब्लिक मीडिया ने एक्सक्लूसिव तौर पर केन्द्रीय जाँच ब्यूरो (सीबीआई) के द्वारा डोमिनिका की अदालत में पीएनबी घोटाले के आरोपित मेहुल चौकसी के खिलाफ पेश किए गए हलफनामे को एक्सेस करने का दावा किया है।
रिपब्लिक के अनुसार यह हलफनामा डोमिनिका हाई कोर्ट में दाखिल किया गया है। इस हलफनामे में सीबीआई ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि मेहुल चौकसी के खिलाफ भारतीय अदालत में 23 मई 2018 को गैर-जमानती वारंट जारी किया गया था। सीबीआई द्वारा दायर किए गए इस हलफनामे से भगोड़े व्यापारी चौकसी को भारत लाने की कार्रवाई को बल मिलेगा।
CBI affidavit in Dominica HC against Mehul Choksi accessed: warrant, Interpol notice cited https://t.co/spX0QploF3
— Republic (@republic) June 12, 2021
सीबीआई ऑफिसर शारदा राउत द्वारा साइन किए गए इस हलफनामे में बताया गया है कि धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार के मामले में मेहुल चौकसी के खिलाफ 16 मई 2018 को चार्जशीट फाइल की गई थी। इसके अलावा हलफनामें यह भी बताया गया है कि चौकसी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी किया गया है जिसकी कॉपी डोमिनिका की अदालत में जमा की गई है।
सीबीआई द्वारा दाखिल किए गए इस हलफनामें में डोमिनिका की अदालत को यह भी सूचित किया गया कि चौकसी की गिरफ्तारी के बाद उसे भारत में उसी अदालत में पेश किया जाएगा, जहाँ उसके खिलाफ भ्रष्टाचार, धोखाधड़ी, मनी लॉन्डरिंग और घूसखोरी का मामला दर्ज है।
सीबीआई के हलफनामे में मेहुल चौकसी के द्वारा चुनी गई जगह पर पूछताछ करने की बात को सिरे से खारिज करते हुए कहा गया है कि चौकसी को भारत में ही अदालत में पेश करना होगा, जहाँ भारतीय कानून के अनुसार उस पर कार्रवाई की जाएगी। सीबीआई ने डोमिनिका कोर्ट को बताया है कि मेहुल चौकसी भारत में हो रही कार्यवाही से पूरी तरह से परिचित था।
शनिवार (12 जून) को सूत्रों से यह जानकारी मिली कि सीबीआई की तीन टीमें इस समय भारत, यूके और डोमिनिका में हैं। पहली टीम यूके में वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे की सहायता कर रही है। दूसरी टीम पूरे दस्तावेजों के साथ भारत में विदेश मंत्रालय की सहायता में है एवं तीसरी टीम डोमिनिका प्रशासन के साथ कोऑपरेट कर रही है।
हाल ही में डोमिनिका की अदालत ने मेहुल चौकसी की जमानत की अर्जी को यह कहते हुए रद्द कर दिया था कि अभी भी उसके भागने की संभावना है। कोर्ट ने कहा कि चौकसी ने कोर्ट के सामने किसी भी प्रकार का आश्वासन नहीं दिया, ऐसे में कोर्ट उसे जमानत भी नहीं दे सकता है। इससे पहले 25 मई को ही डोमिनिका की सरकार मेहुल चौकसी को अवैध प्रवासी घोषित कर चुकी है।
ज्ञात हो कि मेहुल चौकसी 13,000 करोड़ रुपए के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले का आरोपित है। हालाँकि मामला सामने आने पर मेहुल चौकसी ने भारत छोड़ दिया था और एंटिगुआ की नागरिकता ले ली थी। पीएनबी घोटाले का दूसरा आरोपित नीरव मोदी यूके में है जिसके प्रत्यर्पण के प्रयास चल रहे हैं।