संयुक्त राष्ट्र अमेरिका के विदेश मामलों और अंतरराष्ट्रीय संबंधों को देखने वाले स्टेट डिपार्टमेंट ने चीन को शिनजियांग में उइगर मुस्लिमों के ‘नरसंहार’ के लिए जिम्मेदार ठहराया है। ट्रम्प प्रशासन ने कहा कि चीन अपने उत्तर-पश्चिमी हिस्से में उइगर व अन्य मुस्लिम अल्पसंख्यकों के खिलाफ बड़े स्तर पर दमनकारी अभियान चला रहा है, जो मानवता के खिलाफ अपराध है। नजरबंदी कैम्पों और जबरन गर्भ-निरोधन की खास तौर पर निंदा की गई है।
इसे पिछले दशक में चीन का सबसे बड़ा मानवाधिकार उल्लंघन माना जाता है। गौर करने वाली बात ये है कि डोनाल्ड ट्रम्प राष्ट्रपति के रूप में व्हाइट हाउस में अपना अंतिम दिन व्यतीत कर रहे हैं और इसी दौरान ये रिपोर्ट आई। पिछले 4 वर्षों से दोनों देशों के बीच बिगड़ते रिश्तों में नए ‘खोज’ के बाद और दरार पड़ सकती है। अमेरिकी विशेषज्ञ मान रहे हैं कि अमेरिका में कोई भी सरकार आ जाए, अगले कई वर्षों तक चीन एक बड़ी चुनौती बना रहेगा।
अमेरिका के स्टेट सेक्रेटरी माइक पोम्पियो ने कहा कि नरसंहार अभी भी चालू है और क्रमबद्ध तरीके से चीन की सरकार द्वारा उइगर मुस्लिमों का सफाया किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि चीन पूरी तरह से इस एथनिक समूह को मिटा देना चाहता है। अब इस टिप्पणी के बाद जो बायडेन के अंतर्गत भी अमेरिका अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चीन के खिलाफ नए प्रतिबंध लगा सकता है। वो खुद इसे एक भाषण में नरसंहार करार चुके हैं।
अमेरिका ने चीन की इस तरह से भर्त्सना अब तक नहीं की थी, जैसा उइगर मामले में किया गया है। यूएस ने कहा है कि एक राष्ट्रीय, एथ्निकल, रेसियल और धार्मिक समूह को बर्बाद किया जा रहा है। स्टेट डिपार्टमेंट के कई अधिकारी और अधिवक्ता इस पर कई दिनों से बहस कर रहे थे, लेकिन रिपोर्ट अब ट्रम्प प्रशासन के अंतिम दिन पेश की गई है। इस मामले में भी अमेरिका के कई अधिकारी आमने-सामने हैं। कुछ चीन पर कड़े प्रतिबंध की वकालत नहीं भी करते।
चीन पहले ही अमेरिका के आरोपों को नकार चुका है। उसका कहना है कि ये अमेरिकी राजनेताओं की एक ‘बेईमानी भरी छलरचना’ है। इसे वो ‘सदी की सबसे बड़ी कंस्पीरेसी’ कहता रहा है। शिनजियांग में प्रोपेगंडा विभाग के डिप्टी डायरेक्टर सु सुइसियांग ने कहा कि चीन का हर समुदाय का हर व्यक्ति सुरक्षित, सटीक और उचित बर्थ कंट्रोल मेजर अपनाने को स्वतंत्र है। उन्होंने ‘जबरन गर्भ-निरोधन’ के आरोप नकार दिए।
अमेरिकी मीडिया इसे देश में कोरोना वायरस से मरने वाले 4 लाख लोगों और कैपिटल हिल इमारत में हुई हिंसा की खबरों को ढकने का माध्यम भी बता रहे हैं। वहीं उइगर नेताओं ने अमेरिका की इस रिपोर्ट पर ख़ुशी जताते हुए कहा कि ये पीड़ितों पर हो रहे अत्याचार को वैश्विक स्तर पर उठाने में काम आएगा। एक उइगर मुस्लिम की अम्मी ऐसे ही कैइस डिटेंशन कैंप में है। उसने भी इसका स्वागत किया। इसे पहले कनाडा ने चीन की कम्युनिस्ट पार्टी को इस अपराध के लिए जिम्मेदार ठहराया था।
“… after careful examination of the available facts, I have determined that the PRC, under the direction and control of the CCP, has committed genocide against the predominantly Muslim Uyghurs and other ethnic and religious minority groups in Xinjiang. (1/2)
— World Uyghur Congress (@UyghurCongress) January 19, 2021
एंटोनी जे ब्लिंकन को अमेरिका का नया स्टेट सेक्रेटरी नॉमिनेट किया गया है और उन्होंने भी इस रिपोर्ट का समर्थन किया है। उन्होंने चीन को सबसे बड़ी चुनौती बताया। कुछ अमेरिकी अधिकारी चाहते थे कि अमेरिका इसे ‘नरसंहार’ न कहे, क्योंकि उसने म्यांमार में रोहिंग्या मुस्लिमों के खिलाफ अत्याचार को ‘एथनिक क्लींजिंग’ कहा था। जो बायडेन विभिन्न पदों पर रहते हुए चीन की कई बार सार्वजनिक आलोचना कर चुके हैं।
हाल ही में अमेरिका स्थित चीनी दूतावास के एक ट्वीट में चीन के शिनजियांग प्रान्त स्थित यातना शिविरों में रखी गई उइगर औरतों के लिए दावा किया गया था कि वे अब ‘स्वच्छंद’ हैं और अब वह बच्चे ‘पैदा करने की मशीन’ नहीं रह गई हैं। ट्वीट के सामने आते ही इसकी जम कर आलोचना हुई, जिसके बाद ट्विटर ने भी इस ट्वीट को हटा दिया था। दूतावास द्वारा शेयर किए गए लेख में दावा किया गया था कि चीन ने उस क्षेत्र में ‘मजहबी कट्टरपंथ’ समाप्त कर दिया है।