चीन के जियांग्सू प्रांत के सुकियान में वांग नाम के उस चीनी व्यक्ति, जो कि अपने नियमित आहार में पानी के घोंघे, क्रेफ़िश और कच्चे साँप का सेवन करता था, को अपने पित्ताशय की थैली में संक्रमण पाए जाने की जानकारी हुई है। साँस लेने में परेशानी महसूस करने के बाद चीनी व्यक्ति ने एक साँस संबंधी चिकित्सक डॉ. झाओ हैयान से संपर्क किया।
चीन के उस व्यक्ति को लगता था कि उसके फेफड़ों में जीवित साँप और कीड़े हैं। इसके बाद कराए सीटी स्कैन फुटेज में व्यक्ति के फेफड़ों में एक लाइन के आकार का कुछ संक्रमण नजर आया। पेरागोनिमिसिस, जो कि फीता कृमि के मिश्रण वाले अशुद्ध पानी की पीने से हो सकता है।
यह देखते हुए कि वांग ने कच्चा समुद्री भोजन खाया, शायद वह इस तरह के भोजन करने से पेथोगन्स से संक्रमित हो गए। जब डॉक्टरों ने उस व्यक्ति से उसके आहार के बारे में पूछा तो वांग ने बताया कि उसने समुद्री भोजन जैसे कि क्रेफ़िश और नदी के घोंघे को खाने का आनंद लिया था। उसने यह भी स्वीकार किया कि उसने एक बार पहले भी एक कच्चे साँप का सेवन किया था।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन से महामारी खत्म हो गई है, इसलिए चीन ने अपने यहाँ वेट मार्केट को फिर से चालू कर दिया है। इस समय चीन की इन मार्केटों में खुलेआम पिंजरे में बंद करके कुत्ते, बिल्ली, बतख, खरगोश का मांस बिक रहा है। इसके अलावा यहाँ चमगादड़, केकड़े और छिपकलियाँ भी बेची जा रही हैं। इन्हें यहाँ पारंपरिक दवाइयों की तरह भी इस्तेमाल किया जाता है।
आपको बता दें कि आमतौर वेट मार्केट शब्द का प्रयोग ताजे मांस, मछली आदि बेचने वाले बाजारों के लिए किया जाता है, लेकिन चीन के इन बाजारों को जंगली जानवरों का मांस बेचने के लिए जाना जाता है, जो वुहान कोरोना वायरस जैसी कई घातक बीमारियों का स्रोत भी है। वैज्ञानिक रिपोर्टों से पता चलता है कि चीन के हुबेई प्रांत की एक 55 वर्षीय महिला शायद पहली महिला थी, जो इसी तरह के वेट मार्केट से कोरोना से संक्रमित हुई थी।
माना जाता है कि चीन के वुहान स्थिक हुआन सीफूड मार्केट को कोरोन वायरस का केंद्र माना जाता है। इससे पहले ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और संयुक्त राष्ट्र से चीन के वेट मार्केट के खिलाफ कार्रवाई करने की माँग की थी।
गौरतलब है कि चीन के वुहान शहर से निकला कोरोना वायरस का संक्रमण आज विश्व भर में फैल गया है। इसके चलते विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक पूरे विश्व में 245,193 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि इससे 3,506,360 लोग विश्व भर में अब तक संक्रमित हो चुके हैं।