Saturday, November 9, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीय40 देशों की समिट में Pak को बुलाया ही नहीं, US राजदूत ने भी...

40 देशों की समिट में Pak को बुलाया ही नहीं, US राजदूत ने भी किया किनारा: अमेरिका से मिला ‘डबल झटका’

दुनिया भर के 40 वैश्विक नेता इस समिट का हिस्सा बनेंगे। भारत के अलावा बांग्लादेश भी शामिल होगा, लेकिन पाकिस्तान नहीं। और तो और, US क्लाइमेट एन्वॉय जॉन केरी भारत आएँगे, लेकिन पाकिस्तान नहीं जाएँगे।

भारत के साथ व्यापार को लेकर खुद ही फैसले लेकर खुद ही उसे पलट रहे पाकिस्तान को अब संयुक्त राष्ट्र अमेरिका से ‘डबल झटका’ मिला है। पहला, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बायडेन की मेजबानी वाली ‘क्लाइमेट लीडर्स समिट’ में पाकिस्तान को न्योता नहीं दिया गया है। दूसरा, US क्लाइमेट एन्वॉय जॉन केरी अपने एशिया ट्रिप में भारत तो आएँगे, लेकिन पाकिस्तान का दौरा नहीं करेंगे।

क्लाइमेट समिट अप्रैल 22-23, 2021 को होना है। ये समिट वर्चुअल रूप से ही होगा। इसमें जलवायु संकट के लिए किए जा रहे प्रयासों में तेज़ी लाने पर चर्चा की जाएगी। दुनिया भर के 40 वैश्विक नेता इस समिट का हिस्सा बनेंगे। भारत के अलावा बांग्लादेश भी इसमें शामिल होगा, लेकिन पाकिस्तान नहीं। इस साल नवंबर में स्कॉटलैंड के ग्लासगो में ‘UN क्लाइमेट चेन्ज कॉन्फ्रेंस (COP26)’ का आयोजन भी होना है।

क्लाइमेट चेन्ज के दुष्प्रभावों के मामले में पाकिस्तान दुनिया का 5वाँ सबसे कमजोर मुल्क है, लेकिन इसके बावजूद उसे न्योता न मिलने से वहाँ के नेता और अधिकारी बौखलाए हुए हैं। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ज़ाहिद हाफिज चौधरी ने कहा कि पाकिस्तान के ‘बिलियन ट्री सुनामी’ प्रोजेक्ट को वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम से लेकर कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर प्रशंसा मिली। उन्होंने कहा कि इस समिट में वो देश शामिल हो रहे हैं, जो 80% कार्बन एमिशन के लिए जिम्मेदार हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि अफगानिस्तान मुद्दे को छोड़ दें तो पाकिस्तान का अमेरिका के लिए कोई महत्व नहीं है। इसीलिए, विश्व के इन 40 नेताओं में इमरान खान का नाम शामिल नहीं है। पाकिस्तान द्वारा तालिबान को समर्थन देने से भी अमेरिका खफा है। पाकिस्तान को अमेरिका ने कड़ा सन्देश भी दिया है। स्पेशल एन्वॉय जाल्में ख़लीलजाद ने भी अपने पिछले इस्लामाबाद दौरे में विदेश मंत्री की जगह पाकिस्तान के सेना प्रमुख से मुलाकात की थी।

अब अमेरिकी राजदूत जॉन केरी भारत और बांग्लादेश आ रहे हैं, लेकिन वो पाकिस्तान नहीं जाएँगे। अब पाकिस्तान का विदेश मंत्रालय ये कह कर इज्जत बचा रहा है कि वो कार्बन एमिशन के मामले में काफी निचले पायदान पर है, इसीलिए इस समिट में उसे नहीं बुलाया गया। पाकिस्तान का कार्बन एमिशन 1% से भी कम है। भारत पर 2050 तक नेट जीरो एमिशन लक्ष्य का दबाव भी है। केरी का दौरा गुरुवार (अप्रैल 1, 2021) से शुरू हुआ।

इस दौरान उन्हें UAE, भारत और बांग्लादेश जाना है। 9 दिनों तक चलने वाली इस दौरे में अबुधाबी, नई दिल्ली और ढाका उनका ठिकाना बनेगा। केरी ने तीनों देशों के दौरे को लेकर ट्वीट भी किया। भारत ने कहा है कि वो पेरिस समझौते का पालन करते हुए 2030 तक कार्बन एमिशन को 2005 के स्तर से 30-35% कम करेगा। साथ ही वो ग्रीन व रिन्यूएबल एनर्जी के प्रयोग को बढ़ावा देने में लगा हुआ है। भारत ने ‘इंटरनेशनल सोलर अलायन्स’ भी बनाया है।

बताते चलें कि पाकिस्तान की सरकार वहाँ की इस्लामी कट्टरवादियों के सामने झुक गई है। 1 दिन पहले ही वहाँ की केंद्रीय कैबिनेट ने ‘इकोनॉमिक कोआर्डिनेशन कमिटी (ECC)’ के उस प्रस्ताव को ठुकरा दिया, जिसमें भारत से कॉटन और शुगर इम्पोर्ट करने की बात कही गई थी। उससे 1 दिन पहले ही पाकिस्तान ने भारत से होने वाले व्यापार पर से पाबंदी हटाई थी। 2019 में अनुच्छेद-370 के प्रावधानों को निरस्त किए जाने के बाद पाकिस्तान ने बौखलाहट में ये निर्णय लिया था।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘मैं हिंदू हूँ इसलिए प्रोफेसर एहतेशाम 3 साल से जान-बूझकर कर रहे हैं फेल’: छात्रा के आरोप पर AMU का दावा- नकल करते पकड़ी...

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) की एक हिन्दू छात्रा ने आरोप लगाया है कि मुस्लिम ना होने के कारण उसे लगातार फेल किया जा रहा है।

लोकसभा की तरह महाराष्ट्र चुनाव में भी ‘वोट जिहाद’ की तैयारी, मुस्लिमों को साधने में जुटे 180 NGO: रोहिंग्या-बांग्लादेशियों के बढ़ते दखल पर TISS...

महाराष्ट्र में बढ़ती मुस्लिमों की आबादी का परिणाम क्या होता है ये मई-जून में हुए लोकसभा चुनावों में हमने देखा था। तब भी मुस्लिमों को इसी तरह एकजुट करके वोट कराया गया था।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -