पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान अब ‘उद्धरण चोर’ हो गए हैं। इमरान ने बेशर्मी दिखाते हुए न सिर्फ़ रवीन्द्रनाथ टैगोर द्वारा कही गई बातों को चुराया, बल्कि ट्विटर पर लिखा कि यह उद्धरण खलील जिब्रान का है। एक देश की सत्ता संभाल रहे व्यक्ति द्वारा इस तरह का व्यवहार किया जाना लोगों को पचा नहीं लेकिन फिर कुछ लोगों ने कहा कि यह तो पाकिस्तान की फितरत रही है।
Those who discover and get to understand the wisdom of Gibran’s words, cited below, get to live a life of contentment. pic.twitter.com/BdmIdqGxeL
— Imran Khan (@ImranKhanPTI) June 19, 2019
दरअसल, भारतीय राष्ट्रगान के रचयिता और नोबेल पुरस्कार विजेता रवीन्द्रनाथ टैगोर ने कहा था:
“I slept and I dreamed that life is all joy. I woke and I saw that life is all service. I served and I saw that service is joy.” (मैं सोया और स्वप्न देखा कि जीवन आनंद है। मैं जागा और देखा कि जीवन सेवा है। मैंने सेवा की और पाया कि सेवा आनंद है।)
इमरान ख़ान ने इस ट्वीट के साथ लिखा कि जो खलील जिब्रान के इस उद्धरण को समझ लेते हैं, वो एक संतुष्टिपूर्ण जीवन जीते हैं। इसके बाद लोगों ने रिप्लाई में बताया कि यह कमेंट जिब्रान का नहीं बल्कि टैगोर का है।
— Er Raghu (@raghujpr) June 19, 2019
बता दें कि खलील जिब्रान लेबनीज-अमेरिकन लेखक थे। शेक्स्पियर और लॉज़ी के बाद उन्हें तीसरा सबस ज्यादा बिकने वाला लेखक कहा जाता है। बचपन से ही बाइबल और अरबी की शिक्षा पाने वाले जिब्रान का भरण-पोषण ग़रीबी में हुआ था लेकिन वो अरबी और अंग्रेजी- दोनों ही भाषाओं की लेखन विधा में महारत रखते थे। लेकिन, इमरान द्वारा ट्वीट की गई पक्तियाँ उनकी नहीं थीं।
हिंसक लोग अहिंसा का पाठ पढ़ाने चले हैं इन्हें तो मोदी जी ढंग से समझा सकते हैं?
— अाचार्यबशिष्ठपाण्डेय (@B_K_Pandey_ji) June 19, 2019
वहीं इन पंक्तियों के असली लेखक और ‘गुरुदेव’ के नाम से विख्यात रवीन्द्रनाथ टैगोर की बात करें तो उन्होंने मात्र 16 वर्ष की आयु में ही अपनी कविताओं का प्रकाशन शुरू कर दिया था। ‘गीतांजलि’ और ‘गोरा’ जैसी पुस्तकों के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध टैगोर भारत और बांग्लादेश के राष्ट्रगान के रचयिता हैं और श्री लंका के राष्ट्रगान की प्रेरणा भी उन्हीं से ली गई है।