अरब (Arab) देशों में भारतीय हिन्दू लोगों के खिलाफ अब पाकिस्तानियों ने नया मोर्चा खोल लिया है, जो संभवतः आईएसआई (ISI) द्वारा समर्थित है। सोशल मीडिया पर अपने आपको अरब (Arab) का दिखा कर, भारतीय प्रधानमंत्री मोदी से इस्लामोफोबिया फैलाने की ‘शिकायत’ कर रहे हैं। ऑर्गेनाइज़र के एक लेख में कहा गया है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम पारित करने के जवाब में कुछ भारतीयों द्वारा शुरू किए गए लगातार भारत विरोधी अभियान के बाद, पश्चिम में इस्लामी कट्टरपंथी खाड़ी देशों (gulf countries) में भारतीय हिन्दू लोगों के खिलाफ जहर उगलने का मौका पा गए हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, केरल स्थित इस्लामी चरमपंथियों ने नफ़रत फैलाने वाले अभियान का नेतृत्व किया, जिसमें अरब देशों की पुलिस आदि से खाड़ी में काम करने वाले भारतीय हिन्दू लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया गया क्योंकि वे भारत में समुदाय विशेष वालों को मारते हैं। इसी काम को अंजाम देने के लिए, सोशल मीडिया पर कई फर्जी अकाउंट भारत के खिलाफ झूठ फैलाने के उद्देश्य से बनाए गए हैं।
@RoyalOmanPolice @OmanAviationGrp @aviation_oman @MofaOman @LadyVelvet_HFQ @alnassar_kw Prashant joshi is in oman Working in Oman aviation(Muscut alhail north)as loading agent.He spreading hatred post/memes in FB also balming muslim community for virus spread.Plz take action pic.twitter.com/rRynR6ov9g
— NRI’s Against Hate (@hate_nri) April 20, 2020
यह एक सच्चाई है कि नई दिल्ली में निजामुद्दीन मरकज़ के तब्लीगी जमात ने भारत में कुल कोरोनावायरस रोगियों का 30% योगदान दिया है। आम जनता का गुस्सा इसलिए भी है कि इनमें से कई ने अपने यात्रा इतिहास को छिपाया है और स्वास्थ्यकर्मियों के साथ दुर्व्यवहार भी किया है। इसमें नर्सों से छेड़छाड़ और डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों पर पथराव भी शामिल है।
रिपोर्ट के अनुसार, केरल मे स्थित विभिन्न इस्लामी संगठनों ने अरबों को प्रभावित करने के लिए प्रमुख व्यापारियों और धार्मिक नेताओं का उपयोग किया और उन्हें भारत के खिलाफ नकली बयान के साथ बरगलाया। अरब देशों के बाहर गल्फन्यूज़, अल जज़ीरा, खलीज टाइम्स जैसे मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल भारत में वहाँ के हिन्दू लोगों द्वारा समुदाय विशेष के साथ किए गए बर्ताव की गलत जानकारी को फैलाने के लिए किया गया था।
पाकिस्तान ने भारतीय समुदाय विशेष से हाथ मिलाया
पाकिस्तान की 2016 की नीति ‘भारत और पाकिस्तान के बीच विकसित नवीनतम परिस्थितियों के मद्देनजर नीतिगत दिशा-निर्देश’ शीर्षक से ‘भारतीय प्रसार प्रचार’ के सदस्यों के रूप में चुनिंदा पत्रकारों के साथ ‘मीडिया समन्वय समिति’ रखने और विशेष रूप से एक मीडिया रणनीति को बढ़ावा देने की सिफारिश की थी। नीति ने अंतरराष्ट्रीय लॉबिस्टों और रणनीतिक संचार संगठनों को वैश्विक नैरेटिव बदलने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। नीति दस्तावेज में भारतीय समाज में ‘दोष-रेखाओं’ को उजागर करने का आह्वान किया गया है। वे विशेष रूप से मजहब विशेष, सिखों, ईसाइयों और दलितों को अलग-थलग वर्गों के रूप में उल्लेख करना चाहते थे। नीति ने मोदी और आरएसएस (RSS) की विचारधारा को लक्षित करने के लिए भी कहा, और भारत में उन लोगों तक पहुँचने का सुझाव दिया जो “मोदी के अतिवाद के विरोध में” हैं। नीति ने विशेष रूप से राजनीतिक दलों, मीडिया और नागरिक समाज में लोगों तक पहुँचने के बारे में बात की।
इसलिए, पाकिस्तान का इस प्रचार पर समर्थन मिलना कि “भारत मजहब विशेष के खिलाफ है,” उतने आश्चर्य की बात नहीं है।
अलर्ट नेटिज़ेंस ने बताया कि पिछले कुछ दिनों में, विभिन्न ट्विटर उपयोगकर्ताओं ने अपने ट्विटर हैंडल को बदल कर भारत में समुदाय विशेष के खिलाफ ‘घृणा’ की निंदा करने के लिए ट्वीट किया।
Phir Popat banne Indian Muslims😂😂 https://t.co/YeyfVYlMdQ pic.twitter.com/0sS2IcTCoD
— Wali ವಾಲಿ HMP (@NetajiBond) April 22, 2020
जैसा कि ऊपर देखा जा सकता है कि किस तरह “H. H. Mona bint Fahad al” के ट्विटर हैंडल से किस प्रकार भारत को धमकियाँ दी जा रही है।
This @0Selfless is using DP of @TamimBinHamad and fooling Indian Madarsachhaps. 😂😂
— Shash (@pokershash) April 21, 2020
Itni shuddh hindi to main bhi nahi bolta 😂🤣 pic.twitter.com/PBq4PhEedl
पिछले कुछ दिनों में इस तरह के कई ट्विटर हैंडल लगातार ट्रेंड कर रहे हैं।
Kakul Training Center is in Abbotabad Pakistan. Madarsachhap walo ka fir se kata hai 😂🤣🤣🤣 https://t.co/CS6idfukeH pic.twitter.com/kYufHXHkux
— Shash (@pokershash) April 21, 2020
ट्विटर पर अरब होने का दिखावा करने वाले Kahlown Yasin संभवतः पाकिस्तान से है। जैसा कि ट्विटर यूजर @PokerShash ने पता लगाया कि यासीन कोई शेख नहीं, बल्कि खाड़ी में काम करने वाला पाकिस्तानी है।
This @kahlownyasin is a Pakistani from Faislabad. works at Al Hamdaan Group. He is not any Sheikh or holds any power. Achha kaat raha hai Madarsachhaps ka😂🤣🤣🤣 pic.twitter.com/1MWk7YhhoL
— Shash (@pokershash) April 21, 2020
कई लोगों ने तो अपने प्रोफाइल हैंडल और चित्रों को भी महिला के नाम और चेहरे से बदल दिया और यह दिखाने का प्रयास किया कि महिलाएँ भी भारत में हो रहे ‘समुदाय विशेष के खिलाफ अत्याचारों’ की निंदा कर रही है।
Sabina Fatima is actually Mukeem Durrani from Faridabad. Hope @FBDPolice and @police_haryana will take strict against him because he is son of a Policeman. @cmohry pic.twitter.com/tbtObxnjxo
— Shash (@pokershash) April 21, 2020
अरब मामला: भारतीय हिन्दू कर्मचारियों पर निशाना
ऑर्गेनाइज़र की रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ प्रवासी भारतीयों ने कहा था कि पश्चिम एशिया और अरब देशों में भारतीयों, विशेष रूप से हिंदू लोगों के खिलाफ़, सीएए के विरोध प्रदर्शनों को लेकर जल्द ही हमला होने वाला है। केरल के एक प्रवासी कार्यकर्ता का हवाला देते हुए, ऑर्गनाइज़र का कहना है कि पीएफ़आई और जमात-ए-इस्लामी जैसे इस्लामिक संगठनों के कैडर नियमित रूप से यूएई, सऊदी, कुवैत, कतर आदि में भारतीयों को निशाना बनाते हैं। दिसंबर 2019 में, इस्लामी कट्टरपंथियों के एक झुंड ने कतर अस्पताल से एक भारतीय डॉक्टर को यह कह कर निष्कासित करवा दिया था कि सीएए के प्रति डॉक्टर का समर्थन समुदाय विरोधी और सांप्रदायिक था।
तब्लीगी जमात के सदस्यों की लापरवाही और दुर्व्यवहार के खिलाफ गुस्सा व्यक्त करने के कारण अब कई लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
Hi @DelhiPolice,
— Prince Nuclear Nadal💥 (@TheAngryLord) April 21, 2020
Please take note of a gentleman named Zaigham Murtaza from Delhi, who’s constantly into reporting Indians sitting in Islamic countries for their FoE and putting all of them in harm’s way.
The bloodshed in his profile header is pretty disturbing too. pic.twitter.com/wOd5oQtgTT
Now Arab journalists started discussing Anti-Muslim hatred in India.
— Md Asif Khan آصِف (@imMAK02) April 21, 2020
Global media should do more ground research in India and should publish more reports about on going hate campaign against Indian Muslims.#Islamophobia_In_India pic.twitter.com/qXDgroknFW
कुछ इस्लामी कट्टरपंथियों ने तो भारतीयों पर किए गए हमले को भी सराहा है:
Few Arab twitteratis started talking against Hindutva and the entire Hindutva machinery started trembling. If only the Indian Liberals were not Hindtuva fanbois and fascist enablers, they would have done much bigger damage to Hindutva ideology.
— Al Amreeki (@OpusOfAli) April 21, 2020
कई भारतीयों, विशेष रूप से पत्रकारों को, ऐसा लगता है कि उनके अनुसार की गई अनर्गल बाते लोगो के हित के लिए होती है। मगर वो ये भूल जाते हैं कि उनकी वजह से लोगो में एक दूसरे के प्रति डर का माहौल पैदा कर दिया गया है।
तब्लीगी, इस्लाम में एक विचारधारा है। जो इस्लाम के अंदर आता है। उनके गलत बर्ताव पर उनका बचाव करना या उनके अनुसार कार्य करना पूरे समुदाय को बदनाम करता है। इसमें अधिकांश लोग वो भी आ जाते है जिनका इससे कोई लेना देना ही नहीं होता है।