Monday, April 21, 2025
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीयऔरतों को क्यों दें संपत्ति में अधिकार…बांग्लादेश में महिला आयोग की रिपोर्ट पर भड़की...

औरतों को क्यों दें संपत्ति में अधिकार…बांग्लादेश में महिला आयोग की रिपोर्ट पर भड़की मुल्ला जमात, बोले- ये सब इस्लाम के खिलाफ

हाल ही में महिलाओं के अधिकारों के लिए काम करने वाले आयोग ने एक रिपोर्ट मोहम्मद यूनुस को सौंपी है। इस रिपोर्ट में महिलाओं की भलाई के लिए 433 सिफारिशें की गई हैं। बांग्लादेश की जमात-ए-इस्लामी, इस्लामी आंदोलन बांग्लादेश (IAB), और हिफाजत-ए-इस्लाम जैसे इस्लामी संगठनों ने इसे 'नामंजूर' बताया है।

बांग्लादेश में महिलाओं को अधिकार देने की बात पर इस्लामी कट्टरपंथी भड़क गए हैं। महिलाओं को सम्पत्ति में हिस्सा देने की बात पर कट्टरपंथी नाराज हैं। इसके लिए सिफारिश करने वाली रिपोर्ट को उन्होंने खारिज करने की बात की है। शेख हसीना के बांग्लादेश की सत्ता से जाने के बाद लगातार महिला अधिकारों पर हमले हो रहे हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बांग्लादेश में हाल ही में महिलाओं के अधिकारों के लिए काम करने वाले आयोग ने एक रिपोर्ट मोहम्मद यूनुस को सौंपी है। इस रिपोर्ट में महिलाओं की भलाई के लिए 433 सिफारिशें की गई हैं।

अब बांग्लादेश की जमात-ए-इस्लामी, इस्लामी आंदोलन बांग्लादेश (IAB), और हिफाजत-ए-इस्लाम जैसे इस्लामी संगठनों ने इसे ‘नामंजूर’ बताया है। उन्होंने यूनुस सरकार से इसे रद्द करने की माँग भी की है।

महिलाओं को सम्पत्ति के अधिकार के खिलाफ हैं कट्टरपंथी

महिला आयोग की रिपोर्ट में बांग्लादेश के भीतर महिलाओं और पुरुषों को समान संपत्ति देने के अधिकार की बात की गई है। इस पर जमात के महासचिव मिया परवार ने कहा कि यह प्रस्ताव इस्लामी कानूनों के खिलाफ है और इसे लागू करना ‘शरिया के खिलाफ खड़ा होना’ होगा।

परवार ने कहा कि इसमें कई ऐसे प्रावधान है जो इस्लामी मान्यता के अनुसार निकाह, तलाक और विरासत नियमों के खिलाफ हैं। उन्होंने यह भी बताया कि इस्लाम में मर्द और औरत को बराबर रखा जाता है लेकिन दोनों के काम अलग-अलग बताए गए हैं।

कट्टरपंथी संगठन इस्लामी आंदोलन बांग्लादेश की महिला शाखा ने रिपोर्ट को सांस्कृतिक और मजहबी मामलों से अलग बताया। हिफाजत-ए-इस्लाम ने महिला आयोग की पूरी संस्था को खत्म करने की माँग की और इसे इस्लामी कानूनों पर हमला करार दिया। उलेमा माशायेख परिषद ने मजहबी भावनाओं का अपमान बताते हुए रिपोर्ट को खारिज किया है। 

तख्तापलट के बाद महिलाएँ टारगेट पर

बांग्लादेश में लगातार इस्लामी कट्टरपंथियों के निशाने पर महिलाएँ हैं। यह बांग्लादेश में शेख हसीना के तख्तापलट के बाद से बढ़ा है। इससे पहले जनवरी 2025 में महिला फुटबॉल मैचों को भी निशाना बनाया गया था, जहाँ इस्लामी कट्टरपंथी महिलाओं के फुटबॉल खेलने को इस्लामी विरोधी बताकर तोड़फोड़ की गई थी।

इसके अलावा नाबालिग और महिलाओं के साथ बलात्कार और यौन उत्पीड़न की घटनाएँ भी बांग्लादेश में बढ़ती जा रही हैं। बांग्लादेश में दहेज के नाम पर हिंसा, बाल विवाह, और कार्यस्थलों पर भेदभाव अब भी व्यापक स्तर पर देखे जा रहे हैं। महिलाओं के अधिकारों की वकालत करने वाली कार्यकर्ता कई बार धमकियों और हमलों का शिकार होती हैं।

इस्लामी कट्टरपंथियों का यूसीसी विरोध

बांग्लादेश ही नहीं भारत में भी UCC जैसे कानूनों का इस्लामी कट्टरपंथी विरोध करते आए हैं। इसी कड़ी में वह UCC जैसे कानून भी लागू ना किए जाने की माँग करते रहे हैं। गौरलतब है कि साल 2024 में UCC कानून उत्तराखंड में लागू किया गया था, जिसके खिलाफ इस्लामी कट्टरपंथी आ गए थे।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

जनजातियों को जगाने के लिए जमीन पर चंपई सोरेन का अभियान: बोले – संथाल परगना में 9% से 24% हो गए मुस्लिम, धर्मांतरण के...

"आदिवासियों का इतिहास संघर्ष से भरा हुआ है। बाबा तिलका माँझी से लेकर सिद्धू-कान्हू, चाँद भैरव, बिरसा मुंडा सबने आज़ादी की लड़ाई लड़ी थी।"

कर्नाटक में 30 साल में 94% बढ़े मुस्लिम, आबादी 39 लाख से 77 लाख पहुँची: सर्वे ने बताया- हिन्दू लिंगायत सिर्फ 8% बढ़े, रिपोर्ट...

कर्नाटक में मुस्लिम आबादी 1984 से 2015 के बीच तीन दशक में लगभग दोगुनी हो गई। 2015 में राज्य उनकी आबादी लगभग 77 लाख थी।
- विज्ञापन -