Sunday, June 22, 2025
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बांग्लादेश में महिलाओं के फुटबॉल मैच को देख बौखलाए इस्लामी कट्टरपंथी, 2 जगह की तोड़फोड़: कहा- ये इस्लाम के खिलाफ, हमलावरों में मदरसे के छात्र तक शामिल

कट्टरपंथियों ने आरोप लगाया गया कि फुटबॉल खेलने वाली लड़कियाँ पर्दा नहीं करती हैं। उनके इस हंगामे के चलते फुटबॉल मैच कैंसल कर दिया गया। लड़कियों को सुरक्षित स्थान पर ले जाना पड़ा। इस्लामी भीड़ ने चेतावनी दी है कि आगे भी ऐसे आयोजन ना हों।

बांग्लादेश में इस्लामी कट्टरपंथियों ने महिला फुटबॉल मैचों को निशाना बनाया है। इस्लामी कट्टरपंथियों ने महिलाओं के फुटबॉल खेलने को इस्लाम विरोधी बता कर तोड़फोड़ मचाई। यह हमले बांग्लादेश में दो अलग-अलग जगह हुए। हमला करने वाले एक इस्लामी संगठन से जुड़े हुए थे।

पहली घटना बांग्लादेश के जॉयपुरहाट के तिलकपुर में हुई। यहाँ मंगलवार (28 जनवरी, 2025) को एक मदरसे के तालिब (छात्र) और बाकी कट्टरपंथी ग्राउंड के बाहर हंगामा करने लगे। दो महिला टीमों के बीच होने वाले इस मैच को लेकर खूब तोड़फोड़ मचाई गई।

यह मैच बुधवार (29 जनवरी) को तिलकपुर हाई स्कूल के खेल के मैदान पर जॉयपुरहाट और रंगपुर महिला फुटबॉल टीमों के बीच होना था। इसको लेकर सोशल मीडिया पर वीडियो भी वायरल हुए। इसमें मुस्लिम भीड़ को स्कूल की टिन की बाड़ को तोड़ते हुए देखा जा सकता है। इन हमलावरों को भड़काऊ भाषण देकर यहाँ लाया गया था।

कट्टरपंथियों ने आरोप लगाया गया कि फुटबॉल खेलने वाली लड़कियाँ पर्दा नहीं करती हैं। उनके इस हंगामे के चलते फुटबॉल मैच कैंसल कर दिया गया। लड़कियों को सुरक्षित स्थान पर ले जाना पड़ा। इस्लामी भीड़ ने चेतावनी दी है कि आगे भी ऐसे आयोजन ना हों।

एक कट्टरपंथी ने ऐलान किया, “मैं उन लोगों को चेतावनी देना चाहता हूँ जो हमारी महिलाओं को बेपर्दा करके पैसा कमाना चाहते हैं। सावधान रहें। महिलाओं के सभी खेल बंद कर दो। अगर तुम नहीं रुकते, तो हम अपनी ताकत दिखाएँगे” स्थानीय पुलिस ने भी घटना की कोई जानकारी होने से इनकार कर दिया।

वहीं इसी दिन बांग्लादेश के दिनाजपुर में हाकिमपुर में भी तौहीदी जनता नाम के एक इस्लामी संगठन ने एक फुटबॉल मैच को निशाना बनाया। यहाँ इस्लामी कट्टरपंथियों की भीड़ ने महिलाओं के मैच पर हमला कर दिया। इस हमले में 10 लोग घायल हो गए। हमले के बाद मैच को रद्द करना पड़ा। आयोजकों ने धमकियों के बाद पूरा टूर्नामेंट ही कैंसिल कर दिया है।

बंगलादेश में हुई इन घटनाओं के पीछे बढ़ता इस्लामी कट्टरपंथ है। यूनुस सरकार आने के बाद से लगातार इस्लामी कट्टरपंथी अपनी मनमर्जी में लगे हुए हैं। महिलाओं के साथही अल्पसंख्यक हिन्दुओं को भी निशाना बनाया गया है। महिलाओं के मैच पर हमले की कई संगठनों ने आलोचना की है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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