Sunday, September 1, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीयToolkit से क्या है कॉन्ग्रेस का लिंक? क्यों पार्टी ने किया अपना पुराना ट्वीट...

Toolkit से क्या है कॉन्ग्रेस का लिंक? क्यों पार्टी ने किया अपना पुराना ट्वीट डिलीट: रहस्य गहराया

इस ट्वीट में और नीचे डॉक्यूमेंट में उल्लेखित टेक्स्ट में कोई अंतर नहीं है। इसलिए ये एक बड़ा सवाल है कि क्या कॉन्ग्रेस इन सबमें पहले से शामिल थी। अगर हाँ, तो आने वाले समय में यह पार्टी के लिए गंभीर समस्य़ा का कारण बन सकती है।

पर्यावरण एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग और अंतरराष्ट्रीय गायिका रिहाना द्वारा किसान आंदोलन के समर्थन में किए गए ट्वीट्स के बाद अब इस पूरे मामले में कॉन्ग्रेस का लिंक सामने आने लगा है। दरअसल, ऑपइंडिया ने कुछ ही देर पहले आपको बताया कि कैसे टूलकिट डॉक्यूमेंट में ऐसा कंटेंट है जो साबित करता है कि प्रदर्शन को अंतरराष्ट्रीय समर्थन पहले से पूर्व निर्धारित था। अब इसी डॉक्यूमेंट की सामग्री और पार्टी के एक ट्वीट से पता चला है कि इसमें कॉन्ग्रेस का भी हाथ शामिल था।

जिस ट्वीट का हम जिक्र कर रहे हैं उसे अब डिलीट किया जा चुका है। हालाँकि, इसका स्क्रीनशॉट अब भी उपलब्ध है। ये ट्वीट 18 जनवरी 2021 को केरल प्रदेश महिला कॉन्ग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से किया था। इसमें लिखा था, “मोदी सरकार ने बड़े पैमाने पर आबादी के एक बड़े हिस्से के अस्तित्व पर हमला किया है। ये तीन कृषि कानून आने वाले समय में उन महिलाओं की जिंदगी और बदतर कर देंगे जो पहले से ही बुनियादी जरूरतों की आसमान छूती कीमतों के कारण परेशान हैं।”

डिलीट किया जा चुका ट्वीट

पहली नजर में ये ट्वीट लग सकता है कि कॉन्ग्रेस का कोई नया रोना है। लेकिन वास्तविकता ये है कि केरल कॉन्ग्रेस का यह ट्वीट उस टूलकिट में मौजूद ट्वीट से शब्दश: मिलता है, जिसके ख़िलाफ़ अब दिल्ली पुलिस जाँच कर रही हैं।

इस ट्वीट में और नीचे डॉक्यूमेंट में उल्लेखित टेक्स्ट में कोई अंतर नहीं है। इसलिए ये एक बड़ा सवाल है कि क्या कॉन्ग्रेस इन सबमें पहले से शामिल थी। अगर हाँ, तो आने वाले समय में यह पार्टी के लिए गंभीर समस्य़ा का कारण बन सकती है क्योंकि पुलिस इसी बात की जाँच कर रही है कि टूलकिट को आखिर किसने बनाया।

कॉन्ग्रेस के ट्वीट की शब्दश: कॉपी टूलकिट में शामिल

कॉन्ग्रेस लिंक और रिहाना का ट्वीट- क्या हो चुका था 2 हफ्ते पहले प्लान?

यहाँ यह भी गौर करने वाली बात है कि यदि 18 जनवरी को कॉन्ग्रेस का यह ट्वीट इसी डॉक्यूमेंट से पोस्ट किया गया था तो मतलब साफ है कि इस टूलकिट को 18 जनवरी से पहले बनाया गया था। जिसमें रिहाना का ट्वीट भी शामिल है। मुमकिन है कि रिहाना को पहले से हिंसक दंगाई और खालिस्तानियों को साथ शामिल किए जाने की बात पता चल गई थी और अगर ऐसा इसलिए है कि ट्वीट की तारीख और रिहाना के समर्थन वाले ट्वीट में 15 दिन का फासला है।

बता दें कि कॉन्ग्रेस का टूलकिट के साथ संबंध होना केवल कयासों का हिस्सा है। दिल्ली पुलिस इसकी जाँच कर रही है। उम्मीद है सच जल्द ही सामने आएगा। मगर, तब भी दो बातें कही जा सकती हैं:

  1. 1. टूलकिट तक कॉन्ग्रेस की पहुँच थी। यह इस तथ्य से साबित होता है कि उनका यह ट्वीट टूलकिट से शब्दशः लिया गया था।
  2. 2. रिहाना को 18 जनवरी के पहले से ही किसान समर्थन में खड़ा होने के लिए तैयार कर लिया गया था।

ऐसी प्लानिंग जो भारत को बदनाम करने के लिए तैयार की गई, उसमें दिल्ली पुलिस की पड़ताल और भी आवश्यक हो जाती है ताकि पता चल सके कि इस तरह का प्लान किसने तैयार किया।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

जनता की समस्याएँ सुन रहे थे गिरिराज सिंह, AAP पार्षद शहज़ादुम्मा सैफी ने कर दिया हमला: दाढ़ी-टोपी का नाम ले बोले केंद्रीय मंत्री –...

शहजादुम्मा मूल रूप से बेगूसराय के लखमिनिया का रहने वाला है। वह आम आदमी पार्टी का कार्यकर्ता है जो वर्तमान में लखमिनिया से वार्ड पार्षद भी है।

चुनाव आयोग ने मानी बिश्नोई समाज की माँग, आगे बढ़ाई मतदान और काउंटिंग की तारीखें: जानिए क्यों राजस्थान में हर वर्ष जमा होते हैं...

बिश्नोई समाज के लोग हर वर्ष गुरु जम्भेश्वर को याद करते हुए आसोज अमावस्या मनाते है। राजस्थान के बीकानेर में वार्षिक उत्सव में भाग लेते हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -