Saturday, July 27, 2024
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यूक्रेन का बूचा और 400 लाशें… वो नरसंहार जिसकी भारत ने भी की कड़ी निंदा, रूस बता रहा है ‘फेक अटैक’

बूचा यूक्रेन का एक शहर है। ये देश की राष्ट्रीय राजधानी कीव से 46 किलोमीटर स्थित है। करीब 36,000 लोगों की आबादी वाले इस शहर का नाम बूचा नदी पर पड़ा है।

रूस-यूक्रेन (Russia Ukraine war) के बीच युद्ध लगातार जारी है। इस बीच भारत ने यूक्रेन के बूचा (Boocha Massacre) में लोगों के नरसंहार के मामले में निष्पक्ष जाँच की माँग की है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने रूस का नाम लिए बिना इस घटना की कड़ी निंदा की और कहा कि बूचा में लोगों की हत्या की खबरें परेशान करने वाली हैं। उन्होंने हिंसा को समाप्त करने के लिए कूटनीतिक पहल की बात कही है।

तिरुमूर्ति ने कहा कि जब बेकसूर लोगों की जिंदगी दाँव पर लगी हो तो कूटनीति को ही शांति स्थापना के व्यवहारिक विकल्प के तौर पर इस्तेमाल किया जाना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि यूक्रेन के बिगड़ते हालात पर भारत की चिंताएँ काफी बढ़ी हुई हैं। इस संकट के कारण दुनियाभर में खाद्य और ऊर्जा की सामान महँगे हो रहे हैं। भारतीय अधिकारी ने कहा कि जब पिछली बार सुरक्षा परिषद की बैठक हुई थी और जब इस बार सुरक्षा परिषद की जो बैठक हो रही है, तब से अब तक यूक्रेन की स्थिति में तनिक भी बदलाव नहीं हुआ है। बैठक के दौरान भारत ने खुलकर न तो रूस का साथ दिया और न ही यूक्रेन का साथ दिया, लेकिन युद्ध पीड़ितों की हर संभव मदद की बात जरूर की।

क्या है बूचा?

बूचा यूक्रेन का एक शहर है। ये देश की राष्ट्रीय राजधानी कीव से 46 किलोमीटर स्थित है। करीब 36,000 लोगों की आबादी वाले इस शहर का नाम बूचा नदी पर पड़ा है। यहाँ पर चीजें आसानी से उपलब्ध थीं। इसीलिए अधिकतर युवा यहाँ जाना पसंद करते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, बूचा में नरसंहार किए जाने का खुलासा उस वक्त हुए जब यहाँ 400 से भी अधिक लाशें एक साथ बरामद हुईं। लोगों के हाथ पीछे करके बाँध दिए गए थे और फिर उन्हें प्रताड़ित करने के बाद मार दिया गया।

इस हत्या का आरोप रूस के चेचेन सैनिकों पर लग रहा है। 30 मार्च को रूसी सैनिकों ने इस शहर को खाली किया था और करीब 40 दिन के बाद यूक्रेनी सैनिक यहाँ पहुँचे। कीव में कब्जे की जंग के दौरान युद्ध क्षेत्र बना हुआ था।

रूस ने बताया फेक

हालाँकि, रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने बूचा मामले को ‘फेक अटैक’ करार देते हुए इसे यूक्रेन औऱ पश्चिमी देशों का प्रोपेगेंडा करार दिया है। उन्होंने कहा समझौते के आधार पर रूसी सैनिकों ने उस इलाके को खाली कर दिया था। कुछ दिनों के बाद वहाँ पर एक ‘फेक अटैक’ प्लान किया। इसे यूक्रेनी प्रतिनिधि और उनके पश्चिमी संरक्षक सभी सोशल मीडिया के चैनलों के जरिए प्रसारित कर रहे हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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