Thursday, September 12, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीयउपद्रवियों ने महात्मा गाँधी की प्रतिमा तोड़ी, 2016 में भारत सरकार ने अमेरिकी शहर...

उपद्रवियों ने महात्मा गाँधी की प्रतिमा तोड़ी, 2016 में भारत सरकार ने अमेरिकी शहर को भेंट में दी थी

डेविस के सेन्ट्रल पार्ट में मौजूद महात्मा गाँधी की मूर्ति 28 जनवरी को अराजक तत्वों द्वारा क्षतिग्रस्त कर दी गई थी। फ़िलहाल मूर्ति को सुरक्षित स्थान पर रखा गया है। मरम्मत के बाद वापस स्थापित कर दिया जाएगा।

अमेरिका के कैलिफोर्निया प्रान्त के एक पार्क में लगी महात्मा गाँधी की प्रतिमा क्षतिग्रस्त कर दी गई है। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने इस दुर्भावनापूर्ण और घृणित कृत्य की निंदा की है। रिपोर्ट्स के मुताबिक़ घटना 28 जनवरी 2021 की बताई जा रही है।

अमेरिकी शहर डेविस की यह प्रतिमा भारत सरकार ने 2016 में भेंट दी थी। कांसे की बनी यह प्रतिमा 6 फीट लम्बी है और इसका वज़न 294 किलो है।   

विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए बयान में कहा गया, “उत्तरी कैलिफोर्निया के डेविस शहर स्थित सेन्ट्रल पार्क में मौजूद महात्मा गाँधी की मूर्ति को कुछ अनजान और उपद्रवी तत्वों ने क्षतिग्रस्त कर दिया है। यह प्रतिमा 2016 में भारत सरकार द्वारा भेंट की गई थी। हम शांति और सार्वभौमिक सम्मान के प्रतीक के साथ किए गए घृणित और दुर्भावनापूर्ण कार्य की आलोचना करते हैं।” 

मंत्रालय का कहना था कि वाशिंगटन डीसी स्थित भारतीय दूतावास ने पूरे प्रकरण की जाँच और कठोर कार्रवाई के लिए अमेरिकी राज्य मंत्री के साथ इस मामले का ज़िक्र किया है। वहीं सैन फ्रांसिस्को स्थित भारतीय महावाणिज्य दूतावास ने सिटी ऑफ़ डेविस और स्थानीय क़ानून अधिकारियों के साथ इस घटना को लेकर विरोध दर्ज कराया है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने भी इस घटना की आलोचना की है। 

घटना पर अमेरिकी विदेश मंत्रालय का कहना है कि ये अस्वीकार्य है और जल्द से जल्द आरोपितों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा डेविस शहर के मेयर ने भी इस घटना पर रोष प्रकट किया है। उनका कहना है कि इस मामले पर जाँच शुरू कर दी गई है, आरोपित जल्द गिरफ्तार कर लिए जाएँगे। 

बताया जाता है कि अमेरिका के उत्तरी कैलिफोर्निया स्थित डेविस के सेन्ट्रल पार्ट में मौजूद महात्मा गाँधी की मूर्ति गुरुवार (28 जनवरी 2021) को अराजक तत्वों द्वारा क्षतिग्रस्त कर दी गई थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक़ फ़िलहाल मूर्ति को सुरक्षित स्थान पर रखा गया है, इसकी मरम्मत के बाद वापस पुरानी जगह पर स्थापित कर दिया जाएगा।   

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

पुणे में गणपति विसर्जन पर खूब बजेंगे ढोल-नगाड़े, CJI चंद्रचूड़ वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने दी हरी झंडी: NGT ने लगाई थी रोक

सुप्रीम कोर्ट ने गणपति विसर्जन में ढोल-ताशे की संख्या पर सीमा लगाने वाले करने वाले NGT के एक आदेश पर रोक लगा दी है।

महंत अवैद्यनाथ: एक संत, एक योद्धा और एक समाज सुधारक, जिन्होंने राम मंदिर के लिए बिगुल फूँका और योगी आदित्यनाथ जैसे व्यक्तित्व को निखारा

सन 1919 में जन्मे महंत अवैद्यनाथ को पहले 'कृपाल सिंह बिष्ट' के नाम से जाना जाता था। उन्हें योगी आदित्यनाथ के रूप में अपना उत्तराधिकारी मिला।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -