Thursday, April 25, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीयस्कूली छात्राओं को बुर्का से आजादी: चिढ़े मंत्री और मौलवी, कहा- नकाब करो फिर...

स्कूली छात्राओं को बुर्का से आजादी: चिढ़े मंत्री और मौलवी, कहा- नकाब करो फिर से अनिवार्य

चौतरफा निंदा के बाद सरकार ने बुर्का पहनकर स्‍कूल आने की अनिवार्यता का फैसला लिया वापस। नाराज मुफ्ती तकी उस्मानी ने पूछा- देश को रियासत-ए-मदीना के उसूलों के हिसाब से चलाने के इमरान खान के वादे का क्या हुआ?

देश भर में भारी विरोध के बाद पाकिस्तान के शैक्षणिक प्राधिकरण ने स्कूली छात्राओं के लिए नकाब की अनिवार्यता का आदेश रद्द कर दिया है। लेकिन, नेताओं और मौलवियों को यह फैसला रद्द करना नागवार गुजर रहा है। उन्होंने इस फैसले को फिर से बहाल करने की माँग की है।

दरअसल, खैबर पख्तूनख्वा प्रांत की राजधानी पेशावर व हरिपुर के जिला शिक्षा अधिकारियों ने पिछले सप्ताह एक आदेश जारी किया था। इसमें कहा गया था कि लड़कियों को किसी भी प्रकार की अनैतिक दुर्घटना से बचने के लिए खुद को पूरी तरह ढक कर आना होगा। इसके तुरंत बाद सोशल मीडिया समेत पूरे देश में इसका विरोध शुरू हो गया।

बुर्का पहनकर स्‍कूल आने की अनिवार्यता के फैसले की पूरे पाकिस्‍तान में कड़ी निंदा हो रही थी। सोशल मीडिया यूजर्स और महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने इसे पुरुष प्रधान देश में महिलाओं के अधिकारों पर एक नया प्रतिबंध करार दिया था। इसके बाद शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने नए आदेश में कहा कि पिछले निर्देशों को वापस लिया जा रहा है। छात्राओं के लिए बुर्का पहनकर स्‍कूल आने की अनिवार्यता खत्‍म कर दी गई है। सरकार ने इस फैसले को आवश्यक न बताते हुए कहा कि इसे मुख्यमंत्री से पूछे बगैर लागू किया गया था।

हालाँकि, बुर्का पहनकर स्कूल आने की अनिवार्यता को रद्द करना पाकिस्तान के संसदीय कार्य राज्य मंत्री अली मोहम्मद खान को रास नहीं आया। वो इस फैसले को वापस लेने से सहमत नहीं हैं। उन्होंने कहा कि वो इसे फिर से बहाल करने के लिए देश के प्रधानमंत्री इमरान खान और खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के मुख्यमंत्री से बात करेंगे।

अली मोहम्मद खान ने इस बाबत एक ट्वीट करते हुए प्रांत में स्कूल की बच्चियों के लिए बुर्का को अनिवार्य करना एक अच्छा कदम बताते हुए उसे इस्लाम और मदीना के उसूलों के हिसाब से बताया। उन्होंने इस फैसले को फिर से लागू करने की बात कहते हुए कहा कि वो इसे जल्दबाजी में वापस लिए जाने के फैसले से सहमत नहीं हैं।

इसके अलावा, पाकिस्तान के मशहूर मुफ्ती तकी उस्मानी ने भी हिजाब को अनिवार्य करने के फैसले को वापस लेने का विरोध किया। उन्होंने उम्मीद जताई है कि प्रधानमंत्री इमरान खान खैबर पख्तूनख्वा सरकार के फैसले का संज्ञान लेंगे। उनका कहना है कि ‘इस्लामी ड्रेस कोड’ को अनिवार्य किया जाना इस्लामी शिक्षा के अनुरूप था। यह दुभार्ग्यपूर्ण है कि खैबर पख्तूनख्वा सरकार ने इस अधिसूचना को बाद में वापस ले लिया।

उन्होंने कहा कि सरकार ने यह आदेश पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के इस वादे के बावजूद वापस लिया कि वह देश को रियासत-ए-मदीना के उसूलों के हिसाब से चलाएँगे। मुफ्ती तकी उस्मानी ने पूछा कि क्या इमरान खान इस आदेश को वापस लिए जाने के फैसले का संज्ञान लेंगे?

इसके साथ ही प्रांत के एक विधायक सिराजुद्दीन खान ने चेतावनी देते हुए कहा कि उनकी कट्टरपंथी पार्टी जमात-ए-इस्लामी फैसला रद्द करने का विरोध करेगी और सरकार पर दबाव बनाएगी कि वह पूरे प्रांत में बुर्का पहनकर स्‍कूल आना अनिवार्य करे।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

माली और नाई के बेटे जीत रहे पदक, दिहाड़ी मजदूर की बेटी कर रही ओलम्पिक की तैयारी: गोल्ड मेडल जीतने वाले UP के बच्चों...

10 साल से छोटी एक गोल्ड-मेडलिस्ट बच्ची के पिता परचून की दुकान चलाते हैं। वहीं एक अन्य जिम्नास्ट बच्ची के पिता प्राइवेट कम्पनी में काम करते हैं।

कॉन्ग्रेसी दानिश अली ने बुलाए AAP , सपा, कॉन्ग्रेस के कार्यकर्ता… सबकी आपसे में हो गई फैटम-फैट: लोग बोले- ये चलाएँगे सरकार!

इंडी गठबंधन द्वारा उतारे गए प्रत्याशी दानिश अली की जनसभा में कॉन्ग्रेस और आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता आपस में ही भिड़ गए।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe