पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के खिलाफ अत्याचार का सिलसिला थमता नहीं दिख रहा है। सोमवार (16 सितंबर) को सिंध प्रांत के घोटकी में हिंदू लड़की लड़की नमृता चंदानी की हत्या कर दी गई थी। इस घटना ने लोगों को झकझोर दिया है। विरोध में देर रात बड़ी संख्या में लोग कराची की सड़कों पर उतरे और हत्यारों की गिरफ़्तारी की माँग की।
बताया जाता है कि नमृता का जबरन धर्मांतरण कराने की कोशिश की गई थी। बाद में उसकी लाश हॉस्टल के कमरे में संदिग्ध परिस्थितियों में मिली। उसका शव बिस्तर पर पड़ा था और गले में रस्सी बॅंधी थी।
Pakistan: People staged protest on the streets of Karachi against the alleged murder of a Sindhi Hindu girl, Namrita Chandani yesterday. Namrita was found with a rope tied to her neck in Larkana, Sindh. pic.twitter.com/HuOi6E6Dcj
— ANI (@ANI) September 18, 2019
प्रशासन इसे आत्महत्या का मामला बताकर रफा-दफा करना चाहता है, जबकि नमृता के भाई का कहना है कि उसकी हत्या की गई है।
नमृता चंदानी लरकाना के बीबी आसिफ़ा डेंटल कॉलेज में बीडीएस की फाइनल ईयर की छात्रा थीं। बहन की मृत्यु पर नमृता के भाई डॉ. विशाल सुंदर ने कहा, “उसके शरीर के अन्य हिस्सों पर भी निशान हैं, जैसे कोई उसे पकड़ रहा हो। हम अल्पसंख्यक हैं, कृपया हमारे लिए खड़े हों।”
नमृता के भाई विशाल जो कि खुद मेडिकल कंसलटेंट हैं का कहना है प्राथमिक जाँच से पता चलता है कि
नमृता की हत्या की गई है। विशाल ने कहा, मैंने नमृता की गर्दन पर तार के निशान देखे हैं। ऐसे ही निशान उसके हाथ पर थे। लेकिन उसकी दोस्त का कहना है कि उसने नमृता को जब देखा तो उसके गले में दुपट्टा बॅंधा था।
Pakistan: Body of a girl, Namrita Chandani found with a rope tied to her neck in Ghotki, Sindh. Dr Vishal Sundar, her brother says, “There are marks on other parts of her body too, like a person was holding her. We are a minority, please stand up for us.” pic.twitter.com/1EJYKD5MAy
— ANI (@ANI) September 17, 2019
कॉलेज प्रशासन ने हिन्दू लड़की की मृत्यु को आत्महत्या करार देने की कोशिश की, लेकिन सबूत उसकी हत्या की ओर इशारा करते नज़र आ रहे हैं।
घटनास्थल की स्थिति से ऐसा पता चलता है कि मृतका ने अपनी जान बचाने के लिए काफ़ी संघर्ष किया था। उसका फोन भी ग़ायब था, जिसे बाद में पुलिस ने बरामद कर लिया। अब सवाल यह है कि रस्सी से लटकने के बजाय उसका शरीर बिस्तर पर क्यों पड़ा था, जैसा कि आमतौर पर फाँसी लगाकर आत्महत्या के मामलों में होता है।
लरकाना डीआईजी इरफान अली बलूच ने एसएसपी मसूद अहमद बंगश को घटना की जाँच के आदेश दिए हैं। वहीं, डेंटल कॉलेज के कुलपति, डॉ अनिला अताउर रहमान ने इस घटना के संदर्भ में कहा, “पहली नज़र में यह घटना आत्महत्या लग रही है, लेकिन पुलिस और मेडिको-लीगल पोस्टमॉर्टम के बाद मौत के वास्तविक कारण का पता लगाने में सक्षम होगी।”