पाकिस्तान के पेशावर के रशीदगढ़ी बाजार में एक सिख व्यापारी की गोली मारकर हत्या कर दी गई। घटना रविवार (24 जून 2023) की है। मृतक की पहचान 35 वर्षीय मनमोहन सिंह के तौर पर हुई है। पुलिस मामले में अपनी जाँच कर रही है। प्रारंभिक पड़ताल में सामने आया है कि ये एक टारगेट किलिंग है।
#PAKISTAN:
— Terrorism Tracker (@WatchOnTerror_) June 24, 2023
A #Sikh named, Manmoohan Singh has been killed in a fire by unknown armed motorcylists in Yakatoot area of Peshawar.
This is the second attack against the Sikh community in 2 days; yesterday a Sikh grocery store owner was wounded in an attack claimed by Islamic State. pic.twitter.com/l4lZssUrdq
पेशावर के स्थानीय पुलिस अधिकारी ने बताया सिंह को गोली तब मारी गई जब वो घर लौट रहे थे। कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, घटना को अंजाम इस्लामिक स्टेट समूह द्वारा दिया गया है। ISKP (इस्लामिक स्टेट खोरासन प्रांत) ने मनमोहन सिंह की हत्या को लेकर कहा कि वो बहुदेववादी सिख संप्रदाय का अनुयायी था इसलिए उसे मारा गया।
In Peshawar city KPK yesterday one Sikh man target killed. This kind of target killing will not be stop 🛑 until Government of Pakistan @GovtofPakistan should take serious actions against perpetrators. @CMShehbaz will you take any actions for minorities living in Pakistan pic.twitter.com/YnIH7EQMzH
— Hindu Sindh हिंदू सिंध…هندو سنڌ (@SindhHindu) June 25, 2023
बताया जा रहा है कि इस घटना से पहले पाकिस्तान के उत्तर-पश्चिमी शहर में भी एक सिख को मारा गया है। उनका नाम तरलोक सिंह है। उन्हें भी गोली मारी गई थी और हमलावर तुरंत वहाँ से फरार हो गए थे।
@AJEnglish A Sikh shopkeeper Tarlok Singh shot and injured by unknown gunmen in Rashidgarhi area of Peshawar in KPK, Pakistan. He was rushed to the hospital. Gunmen fled the scene immediately. Several minorities including Sikh, Hindus & Christians are regularly killed in Pakistan pic.twitter.com/zFlhpYLzTW
— Main Hoon Groot (@MainHoonGroot7) June 24, 2023
बता दें कि पाकिस्तान में इस साल ये तीसरे सिख की हत्या का मामला सामने आया है। इससे पहले पिछले महीने लाहौर में सरदार सिंह को गोली मारी गई थी। उससे पहले अप्रैल में पेशावर में ही दयाल सिंह को मौत के घाट उतारा गया था। और ये केवल इस वर्ष की बातें नहीं है। पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने का काम काफी समय से हो रहा है। इनमें हिंदू, ईसाई, सिख सब आते हैं।
यही कारण है कि ज्यादातर अल्पसंख्यक अपने घरों को छोड़ पाकिस्तान से भाग रहे हैं। आए दिन वहाँ से रेप, हत्या, अपहरण, धर्मांतरण, जबरन निकाह की खबरें आती हैं। कोई अल्पसंख्यक समुदाय ऐसा नहीं है जिसे पाकिस्तान में कट्टरपंथी निशाना न बनाते हो। कुछ समय पहले वहाँ एक ईसाई लड़के को ईशनिंदा का इल्जाम लगाकर सजा दे दी गई थी।