Friday, November 15, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीयहमास ने 13 बंधकों को रिहा किया, इनमें अमेरिकी नागरिक नहीं: इजरायल के मंत्री...

हमास ने 13 बंधकों को रिहा किया, इनमें अमेरिकी नागरिक नहीं: इजरायल के मंत्री बोले- 4 दिन का युद्धविराम खत्म होने पर शुरू होगी सैन्य कार्रवाई

इस्लामी आतंकी संगठन हमास ने शुक्रवार को इजरायल में बंधक बनाए गए लगभग 240 लोगों में से 13 बंधकों को रिहा कर दिया। ये बंधक मिस्र में रेड क्रॉस को सुपुर्द किया गया है। वहाँ से वे इजरायल लौट आए हैं। बता दें कि बंधक की रिहाई के लिए इजरायल ने 4 दिनों के लिए युद्धविराम की घोषणा की है।

इस्लामी आतंकी संगठन हमास ने शुक्रवार (24 नवंबर 2023) को इजरायल में बंधक बनाए गए लगभग 240 लोगों में से 13 बंधकों को रिहा कर दिया। ये बंधक मिस्र में रेड क्रॉस को सुपुर्द किया गया है। वहाँ से वे इजरायल लौट आए हैं। बता दें कि बंधक की रिहाई के लिए इजरायल ने 4 दिनों के लिए युद्धविराम की घोषणा की है।

इजरायल के अधिकारियों का कहना है कि रिहा किए गए बंधकों की सूची इजरायल द्वारा जारी किए गए बंधकों की सूची से मेल खा रही है। बंधकों का हस्तांतरण दक्षिणी गाजा पट्टी के खान यूनिस में किया गया। आईडीएफ के अनुसार, 13 बंधकों के स्वागत के लिए अपनी तैयारी की गई थी।

मिस्र के संचार मंत्रालय के अनुसार, रिहा किए गए 13 बंधकों के अलावा हमास ने 12 थाई लोगों को भी रिहा है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, हमास और थाईलैंड सरकार के बीच बातचीत इज़रायल के साथ बातचीत से अलग है और इसकी मध्यस्थता ईरान ने की है। थाईलैंड के प्रधानमंत्री ने उनकी रिहाई की पुष्टि की है। इसके पहले कहा गया था कि हमास 23 थाई बंधकों को बिना शर्त रिहा करेगा।

इजरायल की मीडिया के अनुसार, रिहा किए गए बंधकों को पहले अस्पताल ले जाया जाएगा, जहाँ वे अपने परिजनों से भी मिल सकेंगे। इसके लिए इजरायल की सरकार ने एंबुलेंस और अस्पतालों में अपनी तैयारी पूरी कर ली है। बंधकों की रिहाई से संबंधित सारा ऑपरेशन प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू मॉनिटर कर रहे हैं।

उधर, अमेरिका की मीडिया एजेंसी सीएनएन ने एक अनाम अमेरिकी अधिकारी के हवाले से बताया कि गाजा में हमास द्वारा बंधक बनाए गए अमेरिकी रिहा किए जाने वाले बंधकों की सूची में नहीं हैं। हालाँकि, अमेरिका को उम्मीद है कि चार दिवसीय युद्धविराम समझौते के तहत रिहाई के लिए निर्धारित लगभग 50 बंधकों में अमेरिकी भी शामिल होंगे।

इजरायल के युद्ध कैबिनेट मंत्री बेनी गैंट्ज़ ने कहा कि युद्धविराम के चार दिन पूरे होने के बाद गाजा पर कार्रवाई फिर से शुरू होगी। उन्होंने कहा, “मैं सभी बंधकों के परिवारों को आश्वस्त करना चाहता हूँ कि हम रूकेंगे नहीं। हम बंधकों को वापस लाने और निरोध बहाल करने के लिए गाजा में सैन्य कार्रवाई फिर से शुरू करेंगे।”

उधर, हमास के राजनीतिक प्रमुख इस्माइल हानियेह ने एक छोटा सा वीडियो जारी कर यरूशलम को अपनी राजधानी बनाने का फिर से दावा किया है। इस्लामइल ने कहा कि हमास संघर्ष विराम की शर्तों का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध है, जब तक कि इज़रायल भी ऐसा करता है।

हनियेह ने आगे कहा, “हमास गाजा पर इजरायली हमले को रोकने, कैदियों की अदला-बदली को पूरा करने, गाजा पट्टी पर इजरायली नाकाबंदी को समाप्त करने और अल-अक्सा मस्जिद पर ‘हमले’ के अलावा फिलिस्तीनी लोगों को जागरूक करने के अपने प्रयास को आगे बढ़ाएगा। यरूशलेम को अपनी राजधानी बनाकर एक स्वतंत्र राज्य स्थापित करेगा।”

बता दें कि इस्लामी आतंकी संगठन हमास ने 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल में चौतरफा हमला करके 1400 अधिक लोगों की नृशंस हत्या कर दी थी। इनमें महिलाएँ, बच्चे और बुजुर्ग भी शामिल थे। हमास के आतंकियों ने महिलाओं के साथ रेप जैसी घृणित काम किया था और कुछ का गला भी रे दिया था। इसके बाद इजरायल ने गाजा पर हवाई और थल कार्रवाई शुरू कर दी थी।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

जिनके पति का हुआ निधन, उनको कहा – मुस्लिम से निकाह करो, धर्मांतरण के लिए प्रोफेसर ने ही दी रेप की धमकी: जामिया में...

'कॉल फॉर जस्टिस' की रिपोर्ट में भेदभाव से जुड़े इन 27 मामलों में कई घटनाएँ गैर मुस्लिमों के धर्मांतरण या धर्मांतरण के लिए डाले गए दबाव से ही जुड़े हैं।

‘गालीबाज’ देवदत्त पटनायक का संस्कृति मंत्रालय वाला सेमिनार कैंसिल: पहले बनाया गया था मेहमान, विरोध के बाद पलटा फैसला

साहित्य अकादमी ने देवदत्त पटनायक को भारतीय पुराणों पर सेमिनार के उद्घाटन भाषण के लिए आमंत्रित किया था, जिसका महिलाओं को गालियाँ देने का लंबा अतीत रहा है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -