Saturday, November 16, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीयतीसरी बार नेपाल के PM बने 'कॉमरेड प्रचंड', ढाई-ढाई साल के लिए ओली से...

तीसरी बार नेपाल के PM बने ‘कॉमरेड प्रचंड’, ढाई-ढाई साल के लिए ओली से हुआ समझौता: माओवादी दलों का नया गठबंधन, देउबा को दिखाया बाहर का रास्ता

पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' और केपी शर्मा ओली के बीच ढाई-ढाई साल प्रधानमंत्री बनने को लेकर सहमति बनी है। इसलिए, ऐसा माना जा रहा है कि ढाई साल बाद ओली प्रधानमंत्री बनेंगे।

नेपाल में प्रधानमंत्री पद को लेकर मची जद्दोजहद समाप्त हो गई। सीपीएन-माओवादी सेंटर (CPN-MC) के अध्यक्ष पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ मौजूदा पीएम शेर बहादुर देउबा को पछाड़ते हुए देश के नए प्रधानमंत्री बन गए। राष्ट्रपति राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी ने प्रचंड को प्रधानमंत्री नियुक्त किया। वह ढाई साल नेपाल के प्रधानमंत्री रहेंगे।

नेपाल के राष्ट्रपति कार्यालय ‘शीतल निवास’ की ओर से सामने आई जानकारी के अनुसार, पुष्प कमल दहल प्रचंड को सोमवार (26 दिसंबर, 2022) को शाम चार बजे प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। प्रचंड ने राष्ट्रपति बिद्यादेवी भंडारी को सांसदों के समर्थन वाला पत्र सौंपा है। इस पत्र में 169 सांसदों के हस्ताक्षर हैं।

दरअसल, नेपाल कॉन्ग्रेस के नेता और मौजूदा प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा प्रधानमंत्री पद के सबसे बड़े दावेदार थे। राजनीतिक दलों के बीच उन्हें प्रधानमंत्री बनाए जाने को लेकर सहमति थी। हालाँकि, राजनीतिक घटनाक्रमों के बीच देउबा की पार्टी और सीपीएन माओवादी सेंटर के अध्यक्ष पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ के बीच ढाई-ढाई साल सरकार चलाने को लेकर सहमति नहीं बन पा रही थी। इसलिए, उन्होंने गठबंधन से अलग होने का ऐलान करते हुए केपी शर्मा ओली की पार्टी के साथ गठबंधन कर लिया।

राष्ट्रपति भंडारी ने सभी राजनीतिक दलों को प्रधानमंत्री पद हेतु दावा करने के लिए रविवार (25 दिसंबर, 2022) तक की डेडलाइन दी थी। इसके बाद भी मौजूदा प्रधानमंत्री देउबा या उनके गठबंधन की ओर से किसी प्रकार का दावा नहीं किया गया। इसके बाद, प्रचंड ने विपक्षी पार्टी सीपीएन-यूएमएल समेत अन्य छोटे दलों के साथ मिलकर नई सरकार बनाने दावा पेश किया। तब, राष्ट्रपति ने अनुच्छेद 76 (2) के तहत प्रचंड को प्रधानमंत्री नियुक्त किया।

ढाई साल रहेंगे प्रधानमंत्री

पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ और केपी शर्मा ओली के बीच ढाई-ढाई साल प्रधानमंत्री बनने को लेकर सहमति बनी है। इसलिए, ऐसा माना जा रहा है कि ढाई साल बाद ओली प्रधानमंत्री बनेंगे। प्रचंड तीसरी बार नेपाल के प्रधानमंत्री बनेंगे। पहली बार वह साल 2008 में और दूसरी बार साल 2016 में प्रधानमंत्री बने थे।

बता दें कि नेपाल में हुए आम चुनाव में नेपाली कॉन्ग्रेस ने 275 सीटों में से 89 सीटों में जीत दर्ज की है। वहीं, सीपीएन-यूएमएल के खाते में 78 सीटें गई। सीपीएन-माओवादी सेंटर को 32 सीटें मिलीं थीं। यही नहीं, पहली बार चुनाव लड़ रही राष्ट्रीय स्वतंत्रता पार्टी ने 20 सीटें अपने नाम की हैं। जनता समाजवादी पार्टी ने 12 सीटें और जनमत पार्टी ने 6 सीटें जीती हैं।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

जिनके पति का हुआ निधन, उनको कहा – मुस्लिम से निकाह करो, धर्मांतरण के लिए प्रोफेसर ने ही दी रेप की धमकी: जामिया में...

'कॉल फॉर जस्टिस' की रिपोर्ट में भेदभाव से जुड़े इन 27 मामलों में कई घटनाएँ गैर मुस्लिमों के धर्मांतरण या धर्मांतरण के लिए डाले गए दबाव से ही जुड़े हैं।

‘गालीबाज’ देवदत्त पटनायक का संस्कृति मंत्रालय वाला सेमिनार कैंसिल: पहले बनाया गया था मेहमान, विरोध के बाद पलटा फैसला

साहित्य अकादमी ने देवदत्त पटनायक को भारतीय पुराणों पर सेमिनार के उद्घाटन भाषण के लिए आमंत्रित किया था, जिसका महिलाओं को गालियाँ देने का लंबा अतीत रहा है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -