Saturday, November 16, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीय'मैं जिंदा क्यों बचा, मर ही जाता': कोरोना से बचे बुजुर्ग को हॉस्पिटल ने...

‘मैं जिंदा क्यों बचा, मर ही जाता’: कोरोना से बचे बुजुर्ग को हॉस्पिटल ने थमाया ₹8.35 करोड़ का बिल

मामला अमेरिका के सिएटल शहर का है। माइकल फ्लोर नाम के 70 वर्षीय मरीज को सिएटल शहर के स्वीडिश मेडिकल सेंटर में 4 मार्च को कोरोना संक्रमित होने के कारण भर्ती कराया गया था। इसके बाद अस्पताल ने जब 62 दिनों बाद उन्हें छुट्टी दी तो उन्हें 181 पन्नों का बिल थमा दिया गया।

70 साल के एक बुजुर्ग को कोरोना संक्रमण की वजह से अस्पताल में 62 दिन दाखिल रहना पड़ा। इसके बाद हॉस्पिटल ने उन्हें 1.1 मिलियन डॉलर (करीब8.35 करोड़ रुपए) का बिल थमा दिया।

कोरोना को मात देने वाले इस बुजुर्ग के होश 181 पन्नों का बिल देखते ही उड़ गए। बिल देख उन्होंने कहा- मैं क्यों जिंदा बच गया, इससे अच्छा तो मर जाता।

द सिएटल टाइम्स के मुताबिक मामला अमेरिका के सिएटल शहर का है। माइकल फ्लोर नाम के 70 वर्षीय मरीज को सिएटल शहर के स्वीडिश मेडिकल सेंटर में 4 मार्च को कोरोना संक्रमित होने के कारण भर्ती कराया गया था। इसके बाद अस्पताल ने जब 62 दिनों बाद उन्हें छुट्टी दी तो उन्हें 181 पन्नों का बिल थमा दिया गया, जिसमें बताया गया कि हर दिन आईसीयू के लिए 7.39 लाख चार्ज किए गए।

इसके अलावा मरीज को 42 दिन स्टेराइल रूम में रखने के लिए 3.10 कोराड़ रुपए, 29 दिन तक वेटिंलेटर पर रखने के लिए 62.28 लाख रूपए और दो दिन जान खतरे में आने के बाद हुए ट्रीटमेंट के लिए करीब 76 लाख रुपए चार्ज किए गए।

4 मार्च को अस्पताल में भर्ती करने के बाद बुजुर्ग की तबीयत इतनी बिगड़ गई थी कि एक बार तो अस्पताल की नर्स ने उनके परिवार को मिलने के लिए बुलाने की सोची। लेकिन इसके बाद बालत में सुधार हुआ और 62 दिन बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। इसे स्वास्थ्यकर्मियों ने चमत्कार ही माना है, क्योंकि अमेरिका में कोरोना से मरने वालों में बुजुर्गों की संख्या सबसे अधिक है।

सिएटल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक हालाँकि फ्लोर बुजुर्गों के लिए बनाए गए सरकार के कार्यक्रम के तहत इंश्योरेंस कवर में आते हैं। इसलिए उन्हें इलाज का खर्चा अपनी जेब से नहीं देना पड़ेगा, लेकिन बिल को देख फ्लोर कहते हैं कि वे टेक्सपेयर्स का इतना पैसा खर्च होने की बात सुनकर बेहद दुखी हैं और खुद को अपराधबोध से ग्रस्त महसूस कर रहे हैं।

आपको बता दें कि अमेरिका ने कोरोना संकट के समय में अमेरिकी अस्पतालों को 10 करोड़ डॉलर की मदद मुहैया कराने का ऐलान किया है। वहीं अमेरिका में कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। अभी तक अमेरिका में कोरोना से मरने वालों की संख्या 117,533, जबकि इससे संक्रमित लोगों की संख्या 2,142,453 हो गई है। साथ ही पूरे विश्व में कोरोना से मरने वालों की संख्या 432,898, जबकि इससे संक्रमित लोगों की संख्या 7,897,281 हो गई है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

जिनके पति का हुआ निधन, उनको कहा – मुस्लिम से निकाह करो, धर्मांतरण के लिए प्रोफेसर ने ही दी रेप की धमकी: जामिया में...

'कॉल फॉर जस्टिस' की रिपोर्ट में भेदभाव से जुड़े इन 27 मामलों में कई घटनाएँ गैर मुस्लिमों के धर्मांतरण या धर्मांतरण के लिए डाले गए दबाव से ही जुड़े हैं।

‘गालीबाज’ देवदत्त पटनायक का संस्कृति मंत्रालय वाला सेमिनार कैंसिल: पहले बनाया गया था मेहमान, विरोध के बाद पलटा फैसला

साहित्य अकादमी ने देवदत्त पटनायक को भारतीय पुराणों पर सेमिनार के उद्घाटन भाषण के लिए आमंत्रित किया था, जिसका महिलाओं को गालियाँ देने का लंबा अतीत रहा है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -