लंदन स्थित खालिस्तानी संस्था ‘सिख फॉर जस्टिस’ ने पंजाब के बठिंडा फ्लाईओवर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का काफिला रोके जाने की जिम्मेदारी ली है। साथ ही इस संगठन ने फोन कॉल कर के सुप्रीम कोर्ट के वकीलों को धमकाया भी है। संगठन ने अधिवक्ताओं को धमकी देते हुए कहा है कि इस मामले को वो सुप्रीम कोर्ट में न लड़ें। साथ ही उसने दावा किया कि हुसैनवाला फ्लाईओवर पर 5 जनवरी, 2022 को उसने ही पीएम मोदी के काफिले को 20 मिनट तक रोका था।
SFJ की तरफ से लगभग 50 वकीलों को फोन कॉल कर के धमकाया गया है। जबकि उधर पंजाब सरकार कहती रही है कि पीएम मोदी की सुरक्षा को कोई खतरा नहीं था। प्रतिबंधित संगठन के दावे से पंजाब की कॉन्ग्रेस सरकार पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के वकील राहुल कौशिक ने बताया कि उन्हें भी फोन पर धमकी मिली है। वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल के समक्ष भी अपनी बात रखी है। 2007 में बने SFJ को भारत सरकार ने प्रतिबंधित कर रखा है।
#KhalistanThreatCall
— TIMES NOW (@TimesNow) January 10, 2022
A case can be registered on the complaint of these lawyers who received these calls: Vikram Singh, Former DGP, UP
Let’s not undermine the situation; this whole dynamics of the Khalistani movement has become far more serious: Colonel RSN Singh pic.twitter.com/CdSqxpBFVm
पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजेंसी ISI से सम्बन्ध रखने वाले इस संगठन का मुखिया गुरपतवंत सिंह पन्नू है, जो पंजाब के सिखों को भड़काने के लिए अक्सर वीडियो जारी करता रहता है। ये अलगाववादी संगठन भारत को खंडित करने की मंशा रखता है। कर्नल RSN सिंह ने कहा कि इस स्थिति को कमतर कर के नहीं देखा जाना चाहिए, खालिस्तान अभियान का ये पूरा का पूरा नेटवर्क और गंभीर हो गया है। उत्तर प्रदेश के पूर्व DGP विक्रम सिंह ने कहा कि इन वकीलों की शिकायत पर मामला दर्ज किया जा सकता है।
पीएम सुरक्षा चूक मामले से जुड़ी बड़ी खबर, SFJ ने सुप्रीम कोर्ट के वकील को दी धमकी
— Times Now Navbharat (@TNNavbharat) January 10, 2022
ज्यादा जानकारी दे रहे हैं @gauravnewsman@JournoAmitSingh #PMSecurityLapse #SupremeCourt pic.twitter.com/CXLCDMmBK8
वरिष्ठ पत्रकार महेश जेठमलानी ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट के रिकार्ड्स में शामिल सभी नहीं तो बड़ी संख्या में अधिवक्ताओं को धमकी भरे फोन कॉल्स गए हैं। एसोसिएशन को इस सम्बन्ध में संज्ञान लेना चाहिए। यूके के टेलीफोन नंबर से फोन कॉल्स किए जा रहे हैं। इसमें कहा जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई न करे। फोन कॉल पर कहा जा रहा है कि 1984 सिख नरसंहार के पीड़ितों को अब तक न्याय नहीं मिला है, इसीलिए ये मामला अदालत में न चले।”
उधर पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा चूक मामले की जाँच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने एक रिटायर्ड जज के नेतृत्व के समिति बनाने का निर्णय लिया है। कमिटी के गठन को लेकर सुप्रीम कोर्ट आज ही बाकी वीरान जारी करेगा। इस कमिटी में चंडीगढ़ के DGP, ‘नेशनल इंवेस्टिगेटिंग एजेंसी (NIA)’ के IG, पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल और पंजाब के ADGP (सिक्योरिटी) को शामिल किया जाएगा। ‘लॉयर्स वॉइस’ नाम के एक NGO ने इस मामले के जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई करने की माँग की थी।