पाकिस्तान में शिया मुस्लिमों की हालत बेहद खराब है। उन्हें आए दिन हमले और ईशनिंदा के आरोप झेलने पड़ते हैं। शनिवार (17 सितंबर, 2022) को पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में कट्टरपंथी इस्लामी संगठन के कार्यकर्ताओं ने शिया मुसलमानों के जुलूस पर हमला कर दिया। इसमें 13 लोगों के घायल होने की खबर सामने आई है। कुछ लोग गंभीर रूप से घायल भी बताए जा रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शिया मुसलमानों का जुलूस इमाम हुसैन के चेहल्लुम के सिलसिले में सियालकोट के इमामबारगाह जा रहा था। इस दौरान, पिस्तौल, पत्थर समेत अन्य हथियारों से लैस लोगों ने चेहल्लुम जुलूस पर हमला कर दिया। बता दें कि चेहल्लुम शिया मुसलमानों का मजहबी त्यौहार है। शिया मुस्लिम इसे पैगंबर मुहम्मद के पोते इमाम हुसैन की शहादत की याद में मनाते हैं। उनका मानना है कि इमाम हुसैन मुहर्रम के 10वें दिन शहीद हुए थे।
स्थनीय पुलिस अधिकारी के हवाले से मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि इस जुलूस के रास्ते को लेकर ‘तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी)’ और शिया मुसलमानों के बीच पिछले कई दिनों से तनाव चल रहा था। टीएलपी के स्थानीय नेता चाहते थे कि शिया जुलूस उनकी मस्जिद सह मदरसा के सामने से न गुजरे। जबकि, स्थानीय शिया मुस्लिम हर साल उसी रास्ते से इमामबारगाह जाते हैं।
पुलिस ने यह भी कहा है कि पुलिस अधिकारियों ने दोनों पक्षों के साथ बातचीत की थी और टीएलपी नेता इस बात पर सहमत थे कि वे जुलूस के रास्ते पर आपत्ति नहीं करेंगे। इस हमले के बाद सियालकोट पुलिस के प्रमुख फैसल कामरान ने कहा कि घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस बल मौके पर पहुँच गया था। लेकिन, हमलावर तब तक भाग चुके थे। इस मामले में 30 संदिग्धों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, लेकिन अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
बता दें, रविवार (17 सितंबर, 2022) को ट्विटर पर #ShameOnTLP और #SialkotJuloosAttack पाकिस्तान में टॉप ट्रेंड पर थे। इस हमले की लगातार निंदा की जा रही है। साथ ही घटना में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए टीएलपी पर प्रतिबंध लगाने की भी माँग की जा रही है।