चीन के कर्ज के जंजाल में फँसे श्रीलंका में एक बार फिर से लगाए गए राष्ट्रीय आपातकाल के बाद वहाँ बड़े पैमाने पर हिंसा की घटनाएँ हो रही हैं। देश के खराब होते हालात और दबावों के आगे झुकते हुए श्रीलंकाई प्रधानमंत्री महिंद्रा राजपक्षे ने सोमवार (9 अप्रैल 2022) को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इस हिंसा में अब तक 5 की मौत औj 200 से अधिक घायल हुए हैं। वहाँ खाने-पीने के सामानों के साथ ही ईंधन, बिजली और ट्रांसपोर्ट सब महँगा हो गया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, महिंद्रा राजपक्षे (76 साल) ने अपना इस्तीफा अपने छोटे भाई और देश के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे को सौंप दिया। हालाँकि, उनके इस्तीफे से देश में हिंसा की घटनाएँ रुकी नहीं। श्रीलंकाई पीएम के इस्तीफे के कुछ घंटों के बाद ही सरकार विरोधी प्रदर्शनों के दौरान प्रदर्शनकारियों ने हंबनटोटा स्थित उनके पैतृक घर ‘मेदामुलाना वालवा’ को जला दिया। इससे उनका घर जलकर खाक हो गया। इसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रही हैं। इसके अलावा कुरुनेगला में भी आंदोलकारियों ने महिद्रा राजपक्षे के घर को आग के हवाले कर दिया।
MEDAMULLANA SET ON FIRE 🔥
— Dasuni Athauda (@AthaudaDasuni) May 9, 2022
The ancestral home of the Rajapaksa family in Medamullana, Hambantota set on fire by protesters. #lka #SriLankaEconomicCrisis #SriLankaCrisis pic.twitter.com/llDnvcMIGu
महिंद्रा राजपक्षे ने अपना इस्तीफा देते हुए कहा कि वो अपने पद से इसलिए इस्तीफा दे रहे हैं ताकि सर्वदलीय अंतरिम सरकार का गठन किया जा सके। अपने इस्तीफे के पत्र में उन्होंने कहा कि वो लोगों और सरकार को इस संकट से निकालने के लिए किसी भी तरह का बलिदान देंगे। इसी के साथ उन्होंने कैबिनेट को भंग कर दिया है।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान जारी कर कहा कि मौजूदा सामाजिक-आर्थिक और राजनीतिक और समस्याओं के समाधान के लिए राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने संसद के सभी दलों के सदस्यों को राष्ट्रीय एकता सरकार में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है। बहरहाल देशभर में सोमवार शाम 7 बजे से बुधवार सुबह 7 बजे तक के लिए कर्फ्यू लगाया गया है।
सांसद ने खुद को मारी गोली
सरकार विरोधी प्रदर्शनों के दौरान हिंसक भीड़ ने सत्ताधारी पार्टी के सांसद अमरकीर्ति अतुकोराला (57 साल) को पश्चिमी शहर नितम्बुआ में घेर लिया था। दावा है कि उन्होंने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। हालाँकि, दावा ये भी है कि पहले सांसद की कार से प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाई गई थी, जिसके बाद लोगों ने उन्हें रोक कर कार से नीचे उतार लिया।
फ्री कल्चर ले डूबा
हाल ही में श्रीलंका के वित्त मंत्री अली साबरी ने इस बात का खुलासा किया था कि अपने चुनावी वादे को पूरा करने के लिए साल 2019 में राजपक्षे सरकार द्वारा की गई व्यापक कर कटौती के बाद देश में करदाताओं की संख्या लगभग 10 लाख कम हो गई थी। जबकि, देश में कुल टैक्सपेयर्स की संख्या ही 1550000 थी, जो कि साल 2021 के अंत तक घटकर 412000 रह गए थे।
गौरतलब है कि इसके पहले देश में 1 अप्रैल को आपातकाल लागू किया गया था। हालाँकि, कुछ दिन बाद ही 5 अप्रैल को इसे हटा लिया गया था।