Sunday, November 17, 2024
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‘मोदी सरकार ने हमें दी जीवन की साँस’: श्रीलंका के राष्ट्रपति ने संसद में भारत का जताया आभार, कहा – आर्थिक संकट से जूझ रहे देश को…

"प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने हमें जीवन की साँस दी है। मैं अपने और हमारे देश के लोगों की ओर से प्रधानमंत्री मोदी, सरकार और भारत की जनता का आभार व्यक्त करता हूँ।"

श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे (Ranil Wickremesinghe) ने संकटग्रस्त श्रीलंका की मदद करने के लिए भारत को धन्यवाद दिया है। उन्होंने बुधवार (3 अगस्त, 2022) को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) के नेतृत्व में भारत ने गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे उनके देश को ‘जीवन की साँस’ प्रदान की है। राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने संसद के तीसरे सत्र को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की।

रानिल विक्रमसिंघे ने सात दिन तक स्थगित रहने के बाद 3 अगस्त को फिर से बुलाए गए संसद के सत्र में कहा, “मैं आर्थिक संकट से उबरने के हमारे प्रयासों के लिए हमारे निकटतम पड़ोसी देश भारत द्वारा मुहैया कराई गई मदद का विशेष रूप से जिक्र करना चाहता हूँ।” उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने हमें जीवन की साँस दी है। मैं अपने और हमारे देश के लोगों की ओर से प्रधानमंत्री मोदी, सरकार और भारत की जनता का आभार व्यक्त करता हूँ।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते दिनों श्रीलंका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे को बधाई देते हुए कहा था, “भारत आर्थिक संकट से उबरने एवं स्थिरता के प्रयासों में श्रीलंका के लोगों की स्थापित लोकतांत्रिक माध्यमों से मदद करना जारी रखेगा।”

बता दें कि 20 जुलाई, 2022 को श्रीलंका के सांसदों ने पीएम रानिल विक्रमसिंघे को अगला राष्ट्रपति चुना था। श्रीलंका की संसद में 44 वर्षों में पहली बार अस्थिरता के बीच हुए त्रिकोणीय राष्ट्रपति चुनाव में रानिल विक्रमसिंघे को 134 सांसदों का समर्थन मिला था। वहीं उनके प्रतिद्वंदी दुल्लास अल्हाप्पेरुमा को 82 वोट ही मिले थे। रानिल नवंबर, 2024 तक पूर्णकालिक राष्ट्रपति रहेंगे।

गौरतलब है कि श्रीलंका में विरोध-प्रदर्शन शुरू होने के बाद इसी साल मई में रानिल विक्रमसिंघे को देश का पीएम चुना गया था। पीएम चुने जाने पर उन्होंने देश की संसद को संबोधित करते हुए कहा था कि श्रीलंका बहुत ही कठिन हालात का सामना कर रहा है और आगे अभी बहुत सारी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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