Sunday, September 1, 2024
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अंदराब में रेजिस्टेंस फोर्स ने तोड़ी तालिबान की कमर: जिला प्रमुख सहित 50 तालिबानी ढेर, 20 को किया कैद

इससे पहले बगलान प्रांत में ही रेजिस्टेंस फोर्स ने 300 तालिबानियों को मार गिराने का दावा किया था। बताया गया था कि बगलान के अंदराब में छिपकर तालिबानियों पर बड़ा हमला किया गया था, जिसमें तालिबानियों को बड़ा नुकसान पहुँचा था।

अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में कब्जा जमाने के बाद तालिबान नई सरकार बनाने की तैयारी कर रहा है, लेकिन अब भी कई जिलों में तालिबानियों और रेजिस्टेंस फोर्स के बीच आमने-सामने की स्थिति बनी हुई है। अफगानिस्तान के बगलान प्रांत के अंदराब में तालिबान और विरोधी लड़ाकों के बीच जबरदस्त टक्कर चल रही है। रिपोर्ट के मुताबिक, बानू जिले में रेजिस्टेंस फोर्स ने तालिबान की कमर तोड़ दी है। तालिबान के जिला प्रमुख समेत कई तालिबानी ढेर कर दिए गए हैं। वहीं, फज्र क्षेत्र में 50 तालिबानियों के मारे जाने और करीब 20 तालिबानी को बंदी बनाए जाने की खबर है।

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, तालिबान का दावा है कि उसने तालिबान विरोधी फौजों से तीन जिले वापस अपने कब्जे में ले लिये हैं। इस संबंध में तालिबान के प्रवक्ता ने जानकारी दी है। बागलान प्रांत के बानो, देह सालेह, पुल ए हेसर जिलों को स्थानीय लड़ाकों के समूह से वापस अपने कब्जे में ले लिया गया है। इन इलाकों में तालिबान के कब्जे के बाद से ही भारी विरोध हो रहा है। प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने ट्‌वीट किया है कि सोमवार (अगस्त 23, 2021) को तालिबान ने इन जिलों पर कब्जा कर लिया और विरोधी लड़ाकों को पंजशीर घाटी के पास बदख्शां, तखर और अंदराब में रोक दिया गया है।

इससे पहले बगलान प्रांत में ही रेजिस्टेंस फोर्स ने 300 तालिबानियों को मार गिराने का दावा किया था। बताया गया था कि बगलान के अंदराब में छिपकर तालिबानियों पर बड़ा हमला किया गया था, जिसमें तालिबानियों को बड़ा नुकसान पहुँचा था।

उल्लेखनीय है कि अफगानिस्तान के कुल 34 प्रांतों में से 33 प्रांतों में तालिबान का कब्जा हो चुका है। 15 अगस्त को तालिबानी लड़ाकों ने राजधानी काबुल पर कब्जा किया था, जिसके बाद जल्द सरकार बनाने का दावा किया गया था। तालिबानी लड़ाकों के पास से सिर्फ पंजशीर ही दूर है। पंजशीर में हमला करने के लिए तालिबानी बीते दिन वहाँ पहुँच गए। संगठन ने जानकारी दी थी कि उनके कई सौ लड़ाके पंजशीर पहुँच रहे हैं, जिसके कुछ देर बाद उन्होंने दस्तक भी दे दी थी। 

पंजशीर पर कब्जा जमाने की तैयारी कर रहे तालिबान को अमरुल्लाह सालेह और अहमद मसूद की ओर से कड़ी टक्कर मिल रही है। दोनों की फौजें पूरी तरह से तालिबान को वापस खदेड़ने के लिए रणनीति बना चुकी हैं। रविवार को एक इंटरव्यू में अहमद मसूद ने कहा था कि वह युद्ध नहीं करेंगे, लेकिन किसी भी तरह के आक्रमण का विरोध जरूर करेंगे। उन्होंने कहा कि यदि तालिबान के साथ बातचीत विफल रहती है तो फिर युद्ध को टाला नहीं जा सकता है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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