अफगानिस्तान में कथिततौर पर तालिबान ने एक 8 माह गर्भवती महिला पुलिस को उसके शौहर और बच्चों के सामने मौत के घाट उतार दिया। घोर प्रांत के फिरोजकोह में बानू नेगर (Banu Negar) के साथ घटी यह घटना शनिवार (4 सितंबर) को उस समय हुई जब तालिबान जगह-जगह लोगों को मार रहे थे। महिला की गलती शायद बस ये थी कि वो स्थानीय जेल में काम करती थी।
महिला की हत्या मामले में तालिबान ने अपनी संलिप्तता से इंकार किया है। तालिबानी प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने कहा, “हमें इस घटना के बारे में पता है और मैं कन्फर्म करता हूँ कि तालिबान ने ऐसा नहीं किया। हमारी जाँच चल रही है।” मुजाहिद के मुताबिक, तालिबान ने पूर्व सत्ता के लिए काम करने वालों को माफी देने का निर्णय लिया है। वहीं नेगर की हत्या पर बयान दिया कि महिला की मौत किसी ज्यादती दुश्मनी या फिर किसी दूसरे कारण से हुई है।
जानकारी के मुताबिक, एक ओर जहाँ तालिबान अपने आपको पहले से ज्यादा शालीन दिखाने की कोशिश कर रहा है। वहीं दूसरी ओर ऐसी तस्वीरें सामने आ रही हैं जो उनकी बर्बरता को बयान कर रही हैं।
शनिवार को हुई बानू की हत्या मामले में कहा जा रहा है कि पहले तीन बंदूकधारी महिला के घर में घुसे। परिवार को रस्सी से बाँधा और फिर गोलियाँ चला कर हत्या को अंजाम दिया। घर की दीवारों पर खून धब्बे लगे हुए हैं। इस घटना से पहले कई और मामले भी सामने आए हैं जहाँ तालिबानी पूर्व में अफगान सरकार के लिए काम करने वालों को ढूँढ-ढूँढकर मारते दिखे।
कुछ दिन पहले की बात है तालिबानियों ने एक अफगान की पूर्व पुलिसकर्मी को बुरा तरह पीटा था। 34 साल की गुलफरोज ना जाने कितनी महिलाओं के लिए प्रेरणा थीं, मगर तालिबान ने सारे हालात बदल दिए। कुछ दिन पहले वह हामिद करजई एयरपोर्ट के गेट पर तालिबान का निशाना बनीं, जहाँ उन्होंने 5 रातें काटी थीं ताकि वह वहाँ से बचकर निकल सकें। वह कहती हैं कि उन्होंने कई एंबेसियों को सूचना भेजी थी लेकिन कोई मदद के लिए आगे नहीं आया। इसके अलावा तालिबान को उन औरतों पर हमला करते भी देखा गया जो उनके ख़िलाफ़ प्रोटेस्ट कर रही थीं