अफगानिस्तान में तालिबान ने अपनी अंतरिम सरकार का गठन कर लिया है। सामने आई जानकारी के मुताबिक काउंसिल के हेड व प्रधानमंत्री मुल्ला हसन अखुंद होंगे। वह अब तक तालिबान की शीर्ष निर्णयकारी संस्था ‘रहबरी शूरा’ के प्रमुख रहे हैं।
अब्दुल गनी बरादर को देश का डिप्टी पीएम बनाया गया है। बरादर के साथ ही मुल्ला अबदस सलाम को भी हसन अखुंद के डिप्टी के तौर पर नियुक्त करने का फैसला लिया गया है। मुल्ला याकूब रक्षा मंत्री बने हैं। इसी तरह मिलिट्री चीफ का नाम अल्हाज मुल्ला फजल है।
खैरउल्लाह खैरख्वा को सूचना मंत्री का पद दिया गया है। अब्दुल हकीम को न्याय मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है। शेर अब्बास स्टानिकजई को डिप्टी विदेश मंत्री बनाया गया है। वहीं जबीउल्लाह मुजाहिद को सूचना मंत्रालय में डिप्टी मंत्री की कमान दी गई।
इसके अलावा काबुल के एक होटल में 2008 में हुए आतंकी हमले में वॉन्टेड रहे सिराजुद्दीन हक्कानी को गृह मंत्री का पद दिया गया है। सिराजुद्दीन हक्कानी एक ग्लोबल आतंकी है। वह भारतीय दूतावास पर हुए हमले में भी शामिल रहा है।
Globally designated terrorist of Haqqani Network Sirajuddin Haqqani is the new Interior Minister of Afghanistan. Let that sink in. pic.twitter.com/pCgWlcJIRW
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) September 7, 2021
खबरों के अनुसार अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने सिराजुद्दीन हक्कानी की जानकारी देने पर 50 लाख अमेरिकी डॉलर का ऐलान किया था। उसके संबंध अल कायदा से भी रहे हैं। उसने पाकिस्तान में रहते हुए अफगानिस्तान में कई हमले करवाए थे। उसने अमेरिकी व नाटो सेनाओं को भी निशाना बनाया था। साल 2008 में हामिद करजई की हत्या की साजिश रचने के मामले में भी सिराजुद्दीन हक्कानी शामिल था।
तालिबानी प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद के अनुसार ये अंतरिम सरकार है। इसका गठन केवल 6 माह के लिए हुआ है। बता दें कि इस बार जिन मुल्ला हसन को पीएम का पद मिला है, वह तालिबान की 1996 की पिछली सरकार में विदेश मंत्री और डिप्टी प्राइम मिनिस्टर के पद पर थे।