Monday, December 23, 2024
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तालिबान की अमेरिका को धमकी- ’31 अगस्त तक खाली करो अफगानिस्तान, वरना भुगतना पड़ेगा अंजाम’

सुहैल शाहीन लोगों द्वारा डरकर अफगानिस्तान छोड़ने की खबरों को खारिज कर दिया और कहा कि अफगानिस्तान बहुत गरीब देश है। यहाँ की 70 फीसदी आबादी गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन कर रही है। इसी कारण वो विदेशों में बसना चाहते हैं। इसे डर नहीं कहा जा सकता है। अफगानिस्तान के लोगों का हमें पूरा समर्थन मिल रहा है।

अफगानिस्तान में कब्जा करने के बाद पहली बार तालिबान ने सीधे-सीधे अमेरिका को चुनौती दी है। तालिबान ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि अगर अमेरिका 31 अगस्त 2021 तक अफगानिस्तान से अपनी सेनाओं को वापस नहीं बुलाता है तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।

तालिबान ने अमेरिका से 31 अगस्त तक अफगानिस्तान छोड़ने के अपने वादे को पूरा करने को कहा है। इसके साथ ही तालिबान ने यह भी कहा है कि अमेरिका के पूरी तरह से अफगानिस्तान छोड़ने के बाद ही तालिबान सरकार बनाएगा। संगठन के प्रवक्ता सुहैल शाहीन का कहना है कि जो बाइडेन के अपनी बात से पीछे हटने का कोई अर्थ नहीं है। 31 अगस्त से अधिक दिनों तक अमेरिकी सेना को यहाँ नहीं रहने दिया जा सकता है।

सुहैल शाहीन लोगों द्वारा डरकर अफगानिस्तान छोड़ने की खबरों को खारिज कर दिया और कहा कि अफगानिस्तान बहुत गरीब देश है। यहाँ की 70 फीसदी आबादी गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन कर रही है। इसी कारण वो विदेशों में बसना चाहते हैं। इसे डर नहीं कहा जा सकता है। अफगानिस्तान के लोगों का हमें पूरा समर्थन मिल रहा है।

दरअसल, तालिबान का यह बयान अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के उस बयान के बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर जरूरत पड़ी तो अफगानिस्तान में 31 अगस्त के बाद भी अमेरिकी सेना रुकेगी। जब तक अफगानिस्तान से अमेरिका का हर नागरिक वापस नहीं लौट आता है तब तक अमेरिकी सेना अफगानिस्तान नहीं छोड़ेगी।

उन्होंने यह भी कहा था कि अफगानिस्तान में 6,000 जवान तैनात हैं और काबुल एयरपोर्ट अमेरिका के कंट्रोल में है। बाइडेन के मुताबिक, अमेरिका दुनिया का सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन चला रहा है, जिसके तहत अब तक 18,000 लोगों को बचाया गया है। इसके साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति ने अफगान नागरिकों, खासकर महिलाओं की मदद करने की भी बात कही है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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