अफ्रीकी देश बुर्किना फासो में हुए आतंकी हमले में अब तक 59 नागरिकों के साथ 80 लोग अपनी जान गँवा चुके हैं। देश के राष्ट्रपति रोच मार्क काबोर ने तीन दिनों के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है।
The guardian की रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार ने गुरुवार (19 अगस्त) जानकारी दी कि उत्तरी शहर गोरगडजी (Gorgadji) के पास बुधवार को इस्लामी आतंकियों ने एक काफिले पर घात लगाकर हमला कर दिया। इस हमले में 6 स्वयंसेवी रक्षा लड़ाकों, 15 सैनिकों के साथ 59 नागरिक मारे गए थे। वहीं, बुधवार को शुरुआती मौत का आँकड़ा 47 बताया गया था।
बुर्किना फासो में हुए इस हमले की अभी तक किसी भी आतंकी समूह ने जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन अल-कायदा और आईएसआईएस जुड़े आतंकवादी पश्चिम अफ्रीकी देश में सुरक्षाबलों पर अक्सर हमले करते रहे हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, सैनिक और स्वयंसेवी रक्षा लड़ाके उत्तरी बुर्किना के एक अन्य शहर अरबिंदा के लिए रवाना होने वाले नागरिकों की रखवाली कर रहे थे। तभी जिहादियों ने घात लगाकर उन पर हमला कर दिया। सरकार के मुताबिक, सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ में 58 आतंकवादियों को मार गिराया और बाकी को विमान में डाल अपने साथ ले गए। उन्होंने बताया कि इस मुठभेड़ में 19 लोग घायल भी हुए हैं। बचाव और राहत कार्य जारी है।
गौरतलब है कि आतंकी हमलों की वजह से पूरे देश में अशांति का माहौल है। बिना आधुनिक हथियारों के यहाँ की सेना आतंकियों से लोहा ले रही है। जुलाई 2021 में यहाँ व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए, जिसके बाद सरकार पर दबाव बढ़ा। इसके चलते राष्ट्रपति रोच मार्क ने अपने रक्षा और सुरक्षा मंत्रियों को बर्खास्त कर दिया। इसके बाद उन्होंने खुद को रक्षा मंत्री नियुक्त किया।
बता दें कि बुर्किना फासो एक ऐसा देश है, जहाँ कई आतंकी संगठन सक्रिय हैं। बुर्किना फासो के पड़ोसी देश माली और नाइजर हैं, जहाँ अक्सर आतंकी हमले होते रहते हैं। पश्चिम अफ्रीका के साहेल क्षेत्र में सबसे अधिक आतंकी हमले होते हैं। यह पिछले दो हफ्तों में बुर्किना के सैनिकों पर तीसरा बड़ा हमला था, जिसमें नाइजर सीमा के पास 4 अगस्त को एक हमला भी शामिल था। इस हमले में 11 नागरिकों सहित 30 लोग मारे गए थे।