भारत के कड़ी आपत्ति जताने के बाद ब्रिटेन ने अपनी ‘भेदभावपूर्ण’ वैक्सीन नीति में बदलाव किया है। अब उसने कोविशील्ड वैक्सीन को मान्यता देने की बात कही है। इससे पहले ब्रिटेन ने कहा था कि वह कोविशील्ड टीके की दोनों खुराक लेने वालों को मान्यता नहीं देगा और ब्रिटेन पहुँचने पर उन्हें भी 10 दिनों तक क्वारंटीन में रहना होगा।
दरअसल, यूके में ऑक्सफोर्ड और एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित की गई कोविड-19 वैक्सीन का नाम AZD1222 है। वहीं भारत में इस वैक्सीन को कोविशील्ड के नाम से तैयार किया गया है। ऐसे में यूके की यात्रा के दौरान कोविशील्ड की दोनों डोज लेने के बाद ब्रिटेन पहुँचने पर भारतीयों को 10 दिनों तक क्वारंटीन रहना भारत को काफी भेदभावपूर्ण लग रहा है। इस पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि वह भी फिर इसी तरह के कदम उठाएगा।
इंग्लैंड की यात्रा के लिए यूके सरकार द्वारा जारी नई गाइडलाइंस के अनुसार, Oxford-AZ वैक्सीन के भारतीय संस्करण को अब देश में मंजूरी दे दी गई है। गाइडलाइंस कहती है, “4 वैक्सीन जैसे एस्ट्राजेनेका, कोविशील्ड, एस्ट्राजेनेका वैक्सजेवरिया और मॉडर्न टाकेडा को मान्यताप्राप्त माना जाएगा।” नई गाइडलाइंस 4 अक्टूबर के बाद से लागू होगी।
COVID19 | In its revised travel advisory, the UK government says Covishield qualifies as an approved vaccine pic.twitter.com/B5R52cDu6v
— ANI (@ANI) September 22, 2021
बताया जा रहा है कि भारत से जाने वाले कोविशील्ड की दोनों डोज ले चुके यात्रियों को अब भी ‘सर्टिफिकेशन’ कारणों से क्वारंटीन रहने की आवश्यकता होगी। लेकिन अगर उन्होंने कोविशील्ड की दोनों डोज ले ली है तो उनके टीकाकरण को मान्यता प्राप्त होगी।
दरअसल, ब्रिटेन ने नई गाइडलाइंस में उन देशों के नाम लिखे हैं, जहाँ वैक्सीन लगवाने पर उसे मान्यता प्राप्त माना जाएगा। इसमें भारत का नाम नहीं है। ब्रिटेन की ओर से जारी नई यात्रा अपडेट के मुताबिक, 4 अक्टूबर के बाद कोई भी पूरी तरह से टीकाकृत के रूप में मान्य होगा, यदि उन्होंने यूके, यूरोप, अमेरिका या विदेशों में यूके वैक्सीन प्रोग्राम के तहत ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका, फाइजर, बायोटेक, मॉर्डना या जैनसेन वैक्सीन की पूरी डोज ऑस्ट्रेलिया, एंटीगुआ व बारबुडा, बारबाडोस, बहरीन, ब्रुनेई, कनाडा, डोमिनिका, इजरायल, जापान, कुवैत, मलेशिया, न्यूजीलैंड, कतर, सऊदी अरब, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया या ताइवान में सार्वजनिक स्वास्थ्य निकाय से वैक्सीन लगवाई हो।
इसका मतलब यह है कि यूरोप के अलावा, यूके केवल कुछ ही देशों के टीकाकरण को मान्यता देता है। यह अधिकांश एशिया, अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका में किए गए टीकाकरण पर विचार नहीं करता है, जबकि सभी देश यूके द्वारा स्वीकृत समान टीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं।
गौरतलब है कि ब्रिटेन ने इससे पहले एस्ट्राजेनेका वैक्सजेवरिया को तो मान्यता देने की बात कही थी, लेकिन एस्ट्राजेनेका के ही फॉर्मूले से भारत में तैयार कोविशील्ड को मान्यता देने से इनकार करते हुए कहा था कि कोविशील्ड वैक्सीन की दोनों डोज लगवाने के बाद भी लोग बिना टीका लगवाए हुए माने जाएँगे। ऐसे लोगों को ब्रिटेन पहुँचते ही 10 दिनों के लिए क्वारंटीन कर दिया जाएगा। इसका मतलब यह है कि ब्रिटेन CoWIN पोर्टल से जारी किए गए वैक्सीन प्रमाणपत्रों को मान्यता नहीं देता है।