सोमवार (स्थानीय समयानुसार 15 जुलाई) को रिपब्लिकन नेशनल कन्वेंशन (आरएनसी) के दौरान रिपब्लिकन पार्टी ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को 5 नवंबर को होने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के लिए पार्टी उम्मीदवार के रूप में चुना। इसके बाद ने ओहियो के सीनेटर जेडी वेंस को अपना रनिंग मेट और उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार घोषित किया। ट्रंप द्वारा रनिंग मेट घोषित किए जाने के बाद वेंस को बधाई मिली, लेकिन तुरंत ही उनकी भारतीय मूल की पत्नी उषा चिलुकुरी वेंस, जो धर्म से हिंदू हैं, के खिलाफ नस्लवादी, हिंदू विरोधी टिप्पणियों और अपशब्दों की बौछार शुरू हो गई।
न्यूयॉर्क टाइम्स ने उषा को “अभिजात वर्ग” के लिए एक आदर्श उदाहरण और “राजनीतिक साइफर” के रूप में बताया। इस ‘राजनीतिक साइफर’ शब्द का इस्तेमाल कम से कम अच्छे संदर्भ में तो नहीं ही किया जाता।
Hard cope has started. This is from the Times. Surprised they didn't write:
— Nemo (@NonsensicalNemo) July 16, 2024
"Usha Vance is a devout upper-caste Hindu from the dominant Kamma caste. As many experts have pointed out, Hinduism is the edifice upon which Hindutva, the driving philosophy of the Modi's nationalism is… pic.twitter.com/t4NRxcPy3w
यही नहीं, कई एक्स यूज़र्स और अमेरिकियों ने उषा के खिलाफ़ अपमानजनक हिंदूफोबिक बातें लिखी और मिश्रित नस्ल, जातीयता वाला ‘पजीत’ (पजीत शब्द का इस्तेमाल हिंदुओं को गाली देने के तौर पर किया जाता है।) आदि कहा। कई अन्य लोगों ने जातिवादी टिप्पणियाँ की, जबकि कई लोगों ने उन्हें ‘कुलीन’ वर्ग की महिला के तौर पर ही खारिज कर दिया। इसके साथ ही कुछ यूजर्स ने उन्हें हिंदुत्व का एक टूल बताया और उन पर ‘ईसाई-हिंदू दबदबे’ और ‘हिंदू-यहूदी गठजोड़’ आदि को आगे बढ़ाने और जोड़ने का आरोप लगाया।
She has more European physiognomy though. Her bloodline is probably a mix of early Macedonian inviasions.
— Randy Treibel (@RandyTreibel) July 15, 2024
Is she Catholic?
— Kitka Kitteh (@KitkaKitteh) July 16, 2024
Pajeet 2025 continues its quiet success…#pajeet2025
— Pravin A Singh (@singh_prav58779) July 15, 2024
मशहूर एक्स हैंडल्स में से एक ईयर ऑफ द क्रैकन ने एक थ्रेड शेयर किया है, जिसमें एक्स यूजर्स ने उषा चिलुकुरी के खिलाफ घृणित, नस्लभेदी, जातिवादी और ज़ेनोफोबिक टिप्पणियाँ की हैं।
THE GREAT AMERICAN MELTDOWN: JD VANCE'S HINDU WIFE AND REPUBLICAN NATIONAL CONVENTION (RNC) EDITION
— Sensei Kraken Zero (@YearOfTheKraken) July 16, 2024
A THREAD~
1. ChristoHindu Supremacist Meltdown pic.twitter.com/hYnie2pFH3
एक एक्स यूजर ने लिखा कि उषा के माध्यम से रिपब्लिकन पार्टी ‘खोखले भारतीय अमेरिकियों’ का वोट हासिल करना चाहती है, जो पहचान की राजनीति को प्रमुखता देते हैं। इससे रिपब्लिकन पार्टी ‘हिंदू वर्चस्ववादियों’ के वोट भी हासिल करेगी, जो ईसाई-हिंदू गठजोड़ के बीच एकता बनाने का काम करते हैं।
एक अन्य यूजन ने दावा किया कि उषा, विवेक रामास्वामी और तुलसी गबार्ड सहित अमेरिकी राजनीति में सक्रिय सभी भारतीय मूल के या हिंदू धर्म से संबंधित लोग हिंदुत्व स्पेक्ट्रम से आते हैं।
2. 'Everyone is Hindutva' Meltdown pic.twitter.com/ZukH7e1sZe
— Sensei Kraken Zero (@YearOfTheKraken) July 16, 2024
फैक्ट्स चेजर नाम के एक्स हैंडल ने उषा और विवेक रामास्वामी के खिलाफ नस्लवादी और जातिवादी गालियाँ दीं।
Why did Trump pick JD Vance and not Vivek Ramaswamy? Ramaswamy is a Musk-level fraud and a Hindu Brahmin — which could have cost Trump votes from non-Brahmin / lower caste Hindus who experienced discrimination from Brahmins. Vivek was also “too brown” to be added to the ticket. pic.twitter.com/2rvpjH9dIU
— Facts Chaser 🌎 🤦🏻♂️ (@Factschaser) July 15, 2024
एनोनप्रेस्बी ने लिखा कि जेडी वेंस के बारे में सबसे “घटिया तथ्य” यह है कि उनकी पत्नी एक “हिंदू” हैं, जिसके लिए उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया जाना चाहिए, जैसे कि हिंदू होना अमेरिका में एक अपराध है और एक राजनीतिक रूप से अछूत धर्म है।
4. Disqualified Meltdown pic.twitter.com/UcUl78xxPL
— Sensei Kraken Zero (@YearOfTheKraken) July 16, 2024
एक यूजर ने हिंदुओं और यहूदियों के बीच गठजोड़ का आरोप लगाते हुए लिखा कि “हिंदू-यहूदी थीसिस इस समय अपने चरम पर है।” संयोग से यह जोड़ा ईसाई और हिंदू धर्म से है।
उषा चिलुकुरी भी उन अमेरिकी में शामिल, जिन्हें हिंदू होने की वजह से बनाया गया निशाना
कई यूजर्स ने जेडी वेंस की पत्नी उषा चिलुकुरी वेंस के खिलाफ उनकी धार्मिक और जातिगत पहचान के लिए अपमानजनक और नस्लवादी, ज़ेनोफ़ोबिक-युक्त टिप्पणियाँ कीं, लेकिन उनमें से कुछ ने विवेक रामास्वामी और तुलसी गबार्ड को उनकी पहचान के लिए भी घसीटा। संयोग से इसी तरह की नस्लवादीटिप्पणियाँ तब सामने आईं जब विवेक और तुलसी ने अमेरिकी राजनीतिक हलकों में जोरदार चर्चा शुरू की और अपने लिए एक बड़ा वोटिंग फैन बेस खड़ा किया।
इसी साल मई में अमेरिकी टिप्पणीकार और लेखिका एन कूल्टर ने विवेक रामास्वामी के ही पॉडकास्ट पर बताया था कि वो उन्हें इसलिए वोट नहीं देती, क्योंकि वो भारतीय हैं।
रिपब्लिकन पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद के लिए नामांकन की दौड़ के दौरान कई मौकों पर उन्हें हिंदू धर्म पर सवालों का सामना करना पड़ा। उनसे अक्सर ये पूछा जाता कि अमेरिका एक ईसाई बहुल देश है, ऐसे में क्या कोई गैर-ईसाई व्यक्ति देश का प्रभावी नेतृत्व कर पाएगा? उन पर उठते सवाल दिखाते हैं कि अमेरिका में गैर-ईसाईयों और खास कर हिंदुओं के प्रति राजनीतिक रूप से कितनी गहरी घृणा है। कई मौकों पर रामास्वामी को अमेरिका की बड़ी हस्तियों की तरफ से भी ऐसे नस्लवाद का सामना करना पड़ा।
विवेक रामास्वामी को पिछले साल जुलाई में हैंक कुनेमैन नाम के अमेरिकी पादरी से हिंदू-विरोधी टिप्पणियाँ इसलिए सुननी पड़ी थी, क्योंकि वो 2024 के राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिक पार्टी की उम्मीदवारी हासिल करने की दौड़ में थे। अपने कार्यक्रम में कुनेमैन ने कहा था, “हम एक देश के रूप में खतरे में हैं। खासकर जेन-Z और मिलेनियल्स मेरी बात पर ध्यान दें। आप लोगों को यह नया युवा लड़का (विवेक रामास्वामी) पसंद आ सकता है।”
उसने बेशर्मी से अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा था, “वो (रामास्वामी) प्रभु यीशु की सेवा नहीं करता है, तो क्या हम किसी ऐसे व्यक्ति को वोट देंगे, जो बाइबल को नहीं मानता?” यही नहीं, उसने आगे कहा था, “क्या आप (मतदाता) उसे व्हाइट हाउस में अपने अजीब देवताओं को रखने की जगह देंगे? वो भी सिर्फ इसलिए क्योंकि वो नीतियों को समझता हैं, ऐसे में क्या हम आँखें मूँद लेंगे?” हैरानी की बात नहीं है कि उसके बयान का लोगों ने समर्थन किया, जो अमेरिकी समाज के बड़े हिस्से में व्यापक रूप से फैले नस्लवाद की पोल खोलता है।
SHOCK: Ann Coulter Nikki Haley full remarks with Tim pool https://t.co/VNLTnSKckQ pic.twitter.com/tMUJECgfuZ
— Ben McCulley (@BenMcCulley) February 18, 2023
इसी तरह पिछले साल फरवरी में पॉलिटिकल कमेंटेटर एन कूल्टर ने ‘द मार्क सिमोन शो’ में निक्की हेली के खिलाफ नस्लभेदी बयान दिया था। उसने निक्की को बेतुक्री इंसान बताया था और हिंदुओं का मजाक उड़ाते हुए कहा था कि “गाय की पूजा का क्या मतलब है। वो (हिंदू) भूखे मर रहे हैं,और गाय की पूजा कर रहे हैं। क्या आप जानते हैं कि उनके पास चूहों का एक मंदिर है, जहाँ वे चूहों की पूजा करते हैं।”
Unfortunately, Hinduphobia is very real. I've experienced it directly in each of my campaigns for Congress & in this presidential race. Here's just one example of what Hindus face every day in our country. Sadly, our political leaders & media not only tolerate it, but foment it. https://t.co/60MDtszQHf
— Tulsi Gabbard 🌺 (@TulsiGabbard) March 5, 2020
बता दें कि साल 2020 में अमेरिकी कॉन्ग्रेस की सदस्य चुनी गई तुलसी गबार्ड ने सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी थी, जब उन्होंने यूएसए में हिंदूफोबिया का जिक्र किया था। तुलसी गबार्ड ने कहा था कि कॉन्ग्रेस के लिए जब भी वो चुनावी तैयारी करती हैं या राष्ट्रपति पद की दौड़ में शामिल होती हैं, तब-तब उन्हें हिंदूफोबिया का अनुभव होता है। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका में नेता और मीडिया न सिर्फ इसे बर्दास्थ करते हैं, बल्कि इसे बढ़ावा भी देते हैं।
बता दें कि अपने मीडिया, सिनेमा, थिंक टैंक और राजनीतिक बयानबाजी के माध्यम से अमेरिका खुद को एक ऐसे देश के रूप में पेश करने की कोशिश करता है, जो एक समतावादी समाज के मॉडल का समर्थन करता है। वो कोशिश करता है कि उसका मॉडल दुनिया के अन्य देश भी अपनाएँ और धार्मिक स्वतंत्रता, नस्लवाद, ज़ेनोफोबिया आदि पर रोक लगाने के लिए अमेरिकी सरकार के निर्देशों को पानें। हालाँकि तथ्य यह है कि अमेरिका दुनिया भर में नस्लवाद, ज़ेनोफोबिया और धार्मिक घृणा अपराधों के लिए बदनाम रहा है। ये तब और भी सामने आ जाता है, जब कोई गैर ईसाई या अश्वेत व्यक्ति अपनी मेहनत से आगे बढ़ता है, तब यही अमेरिकी उसे बर्दाश्त नहीं कर पाते हैं और उनके अंदर की घृणा बाहर आ जाती है।
ये लेख मूल रूप से अंग्रेजी भाषा में प्रकाशित की गई है। मूल रिपोर्ट पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें।