पैगंबर मुहम्मद को लेकर जारी विवाद के बीच गुरुवार (16 जून 2022) को अमेरिका ने बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा और नवीन कुमार जिंदल के बयान की निंदा की। इस विवाद से बचने के लिए अमेरिका ने भाजपा द्वारा लिए गए एक्शन का भी समर्थन किया है।
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने 16 जून को डेली न्यूज ब्रीफिंग में कहा, “हम भाजपा के दो पदाधिकारियों द्वारा की गई आपत्तिजनक टिप्पणियों की निंदा करते हैं, हमें खुशी हुई कि पार्टी ने सार्वजनिक रूप से उनके बयानों की निंदा की।” प्राइस ने कहा कि भारत को मानवाधिकारों को सम्मान देना चाहिए।
दरअसल, एक टीवी डिबेट के दौरान हदीस का हवाला देते हुए पैगंबर मुहम्मद को लेकर बयान दिया गया था, जिसके बाद से इस्लामिक कट्टरपंथियों में उबाल आ गया। नूपुर शर्मा के कथित बयान को फैक्ट चेक के नाम पर नफरत फैलाने वाले ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर ने एक एडिटेड क्लिप में अपलोड कर इस्लामिक कट्टरपंथियों को उकसाया। हालाँकि, बाद में भाजपा ने शर्मा को बीजेपी से निलंबित कर दिया। पार्टी ने अप्पने बयान में कहा, “भारतीय जनता पार्टी ऐसी किसी भी विचारधारा के खिलाफ है जो किसी भी संप्रदाय या धर्म का अपमान करती है। भाजपा ऐसे लोगों या सिद्धांत को बढ़ावा नहीं देती है। भारत का संविधान प्रत्येक नागरिक को अपनी पसंद के किसी भी धर्म का पालन करने और हर धर्म का सम्मान करने का अधिकार देता है।”
हालाँकि, ये मामला यहीं नहीं थमता। कथित तौर पर नूपुर शर्मा के खिलाफ कई केस दर्ज किए गए और उन्हें इस्लामिक कट्टरपंथियों ने हत्या की धमकियाँ भी दीं। यहीं नहीं उन्हें पाकिस्तान के चरमपंथी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के समर्थकों ने भी धमकियाँ दीं। उनका सिर कलम करने पर 50 लाख पाकिस्तानी रुपए (करीब 19.5 लाख भारतीय रुपए) के इनाम की भी घोषणा की। अलकायदा जैसे आतंकी संगठन लगातार भारत पर हमले की धमकी दे रहे हैं।
नूपुर शर्मा के बचाव में उतरा पाकिस्तानी मौलाना
हैरानी की बात ये है कि जहाँ नूपुर शर्मा को लगातार इस्लामिक कट्टरपंथी धमकियाँ दे रहे हैं। वहीं पाकिस्तान के मौलाना इंजीनियर मोहम्मद अली मिर्जा ने नूपुर शर्मा का समर्थन किया है। मिर्जा का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वो कहते हैं कि टीवी डिबेट में मुस्लिम पैनलिस्ट ने पहले नुपुर शर्मा को उकसाया और इसके जवाब में बीजेपी के निलंबित प्रवक्ता ने पैगंबर पर ये टिप्पणी की।
मौलाना ने पैगंबर मोहम्मद मामले में भारत की आलोचना करने पर अमेरिका को सुनाया। उन्होंने कहा, “अरब देश उनके गुलाम हैं, जिनकी रूस के साथ नहीं बनती। जब उन्होंने भारत को विवादों में फँसा देखा तो कहा कि अब इंडिया काबू में आया है। आप लोग अब आधिकारिक बयान दें।”
पैगंबर मुहम्मद विवाद को समझाने की कोशिश करते हुए उन्होंने आगे कहा, “नूपुर शर्मा ने जो भी बयान दिया था वो पलटवार था। जब आप किसी के धर्म पर हमला करोगे तो जबाव में वो आपके धर्म पर हमले करेगा। कोई ऑर्गनाइज तरीके से ऐसा नहीं किया गया। अगर उस टीवी प्रोग्राम को देखें तो उसमें शुरुआत मुस्लिम करते हैं। शर्मा के बयान की शैली और लहजे से हम देख सकते हैं कि वह जवाबी कार्रवाई कर रही थी। पहला आरोपित तो मुस्लिम है जिसने एक लाइव टीवी कार्यक्रम में दूसरे व्यक्ति के धर्म का मजाक उड़ाया था।”
Words of wisdom from a Maulvi in #Pakistan.
— Smita Prakash (@smitaprakash) June 17, 2022
Shukriya 🙏 Not one scholar in India spoke with such clarity. It requires guts and equanimity. #NupurSharma #TasleemRehmani pic.twitter.com/2JUQUZGuTx
अरब देशों पर सवाल खड़े करते हुए मौलाना ने कहा कि हाल ही में नूपुर शर्मा की घटना सिर्फ 5 सेकंड की विकृत क्लिप थी। ये कोई बड़ा मामला नहीं था। अतीत में इससे भी बड़ी घटनाएँ हुई थीं, तब ये अरब देश सोए हुए थे। मिर्जा के मुताबिक, उन्हें पहले ही इसका अंदाजा हो गया था कि आखिर अरबियों में कौन सा ईमान जाग गया। इस्लामोफोबिया के खिलाफ, कार्टून के खिलाफ। वो जो कुछ भी हुआ था वो सब इससे बड़ा था।
उल्लेखनीय है कि पैगंबर मुहम्मद पर कथित टिप्पणी को लेकर अमेरिका से पहले, कतर, कुवैत, ईरान, पाकिस्तान, सऊदी अरब, बहरीन, जॉर्डन, ओमान, तुर्की, मालदीव, इंडोनेशिया, लीबिया, इराक, मलेशिया और यहाँ तक कि अफगानिस्तान में तालिबान शासन सहित 15 से अधिक देशों ने शर्मा की कथित ‘ईशनिंदा’ वाली टिप्पणी की निंदा की थी।
इस मसले पर भारत में जुमे की नमाज के बाद इस्लामिक कट्टरपंथियों ने व्यापक स्तर पर प्रदर्शन और हिंसा भी की थी। जो अब तक जारी है।