पाकिस्तान के पंजाब प्रांत से एक अजीबोगरीब वाकया सामने आया है। मुल्तान शहर का ये वीडियो मिलाद-उल-नबी त्योहार के दिन का है। चेनाब नदी के किनारे स्थित इस पाकिस्तान के सातवें सबसे बड़े शहर से आए वीडियो में एक महिला को सजा-धजा कर बैठे दिखाया गया है और उसके आसपास कुछ लोग खड़े हैं। वहाँ एक प्रदर्शनी सी लगाई गई है। बताया जा रहा है कि उक्त महिला को ‘हूर’ बना कर वहाँ बिठाया गया था।
पाक अधिकृत कश्मीर के मानवाधिकार कार्यकर्ता आरिफ आजाकिया ने भी इस वीडियो को शेयर किया और इसकी निंदा की। वीडियो में देखा जा सकता है कि इस्लामी जुलूस में कई लोग हैं, जिनमें बच्चे भी शामिल हैं। महिला को ‘हूर’ बना कर बिठाया गया है और वहाँ कई फोटोग्राफर मौजूद हैं। बता दें कि इस्लामी कट्टरपंथियों में मान्यता है कि जिहाद करते हुए मरने के बाद जन्नत में 72 हूरें मिलती हैं।
1st time in history…
— Arif Aajakia (@arifaajakia) October 21, 2021
A hoor was demonstrated during Milad juloos (procession) in Pakistan..
Tabdeeli re Tabdeeli pic.twitter.com/rHceIKSMmY
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की विधानसभा में भी ये मामला उठा, जहाँ PTI (पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ) के एक विधायक ने इस हरकत के खिलाफ ‘मोशन ऑफ एडजर्नमेंट’ फ़ाइल किया। अल्लामा हिशाम इलाही जहीर नाम के एक मौलवी ने इस घटना की निंदा करते हुए इस्लाम के तमाम बड़े मौलानाओं और संस्थाओं को आड़े हाथों लिया है कि वो इसके खिलाफ आवाज़ क्यों नहीं उठा रहे।
वीडियो में देखा जा सकता है कि लाउडस्पीकर बजा कर कई लोग नाच रहे हैं, जिनमें कुछ महिलाएँ भी शामिल हैं। उक्त मौलवी ने कहा कि एक महिला को बिना हिजाब-बुर्का के बिठा कर तमाशा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मस्जिदों में अजान हो रही है और बाहर नाच-गाना और भांगड़ा चल रहा है, जो रसूल अल्लाह का अपमान है। उन्होंने कहा कि तमाम उलेमा और मौलाना इन्हें रोक क्यों नहीं रहे हैं?