Thursday, May 15, 2025
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आरोपित अलकायदा आतंकियों को जमीअत उलेमा-ए-हिन्द देगी कानूनी सहायता, अब्बा ने कहा – बेटे की अच्छी परवरिश की

"मेरे बेटे को आतंकवाद के आरोप में ज़बरदस्ती गिरफ़्तार कर ले गए। मैंने अपने बेटे की अच्छी परवरिश की है। मेरे बेटे के सिलसिले में सहायता करें। मैं इस योग्य नहीं हूँ कि मुक़दमे लड़ सकूँ। अल्लाह ताला आप सब को इसके बदले बड़ा इनाम देगा।"

उत्तर प्रदेश एटीएस द्वारा आतंकवादी संगठन अलकायदा की शाखा ‘अंसार ग़ज़वतुल हिन्द’ से जुड़े होने के आरोप में लखनऊ में गिरफ्तार किए गए दो आरोपितों को जमीयत उलेमा-ए-हिंद कानूनी सहायता देगी। जमीयत उलेमा कानूनी इमदाद कमेटी के अध्यक्ष गुलज़ार आज़मी ने बुधवार (जुलाई 14, 2021) को बताया कि उतर प्रदेश आतंकवाद रोधी दस्ता (ATS) द्वारा आतंकवाद के आरोप में गिरफ़्तार दो मुस्लिम युवकों के परिवार के लोगों ने जमीयत उलेमा-ए-हिन्द से कानूनी सहायता माँगी है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक गुलज़ार आज़मी के नाम पत्र में आरोपित मिनहाज अहमद के पिता सिराज अहमद ने लिखा है, “मेरे बेटे मिनहाज अहमद को एटीएस विभाग के लोग आतंकवाद के आरोप में ज़बरदस्ती गिरफ़्तार कर ले गए। मैं खुद सरकारी कर्मचारी था और अल्लाह का आभारी हूँ कि मेरी ज़िंदगी हर प्रकार से साफ है और मैंने अपने बेटे की अच्छी परवरिश की है। मैंने उसको गलत लोगों की संगत से दूर रखा। मैं आपसे अनुरोध करता हूँ कि मेरे बेटे के सिलसिले में सहायता करें और मुक़दमे के संबंध में मेरी भरपूर मदद करके आभार प्रकट करने का अवसर दें। मैं इस योग्य नहीं हूँ कि मुक़दमे लड़ सकूँ। अल्लाह ताला आप सब को इसके बदले बड़ा इनाम देगा।”

जमीयत उलेमा कानूनी इमदाद कमेटी के अध्यक्ष गुलज़ार आज़मी ने बताया कि अनुरोध प्राप्त होने के बाद जमीयत उलेमा-ए-हिन्द के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी के आदेश पर आरोपितों को कानूनी सहायता दी जाएगी। मदनी ने कहा कि जमीयत के प्रयासों से अब तक सैकड़ों युवक आतंकवाद के मुकदमों में रिहा हो चुके हैं, जो यह साबित करता है कि जाँच एजेंसियाँ बिना सबूत के धार्मिक पक्षपात के आधार पर गिरफ्तार कर लेती हैं और एक लम्बे समय के बाद अदालतें उन्हें सम्मानजनक बरी कर देती हैं।

जमीयत अध्यक्ष ने कहा कि मगर सवाल यह है कि जाँच एजेंसियों के इस पक्षपातपूर्ण रवैये से मुस्लिम युवकों के जो वर्ष बर्बाद हो जाते हैं, उन्हें कौन लौटाएगा। इसलिए जमीयत ने फास्ट ट्रैक अदालत की माँग की थी ताकि फैसला जल्द हो। अगर वास्तव में दोषी हैं तो सज़ा मिले, अगर निर्दोष हैं तो उन्हें रिहा कर दिया जाए। मदनी ने कहा कि जमीयत आतंकवाद के मामलों में गिरफ्तार बेकुसूर मुसलमानों की सम्मानजनक रिहाई तक अपना संघर्ष जारी रखेगी।

गौरतलब है कि एटीएस ने अलकायदा समर्थित ‘अंसार ग़ज़वतुल हिंद’ से जुड़े लखनऊ के दुबग्गा निवासी मिनहाज अहमद तथा मड़ियांव के रहने वाले मशीरुद्दीन उर्फ मुशीर को रविवार (जुलाई 11, 2021) को गिरफ्तार कर मिनहाज के घर से भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री तथा एक पिस्तौल बरामद की थी। मशीरुद्दीन के पास से भी भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री बरामद की गई थी। दोनों को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है।

इस मामले में दोनों आरोपितों की मदद करने के आरोप में बुधवार को तीन और लोगों को गिरफ्तार किया गया है। राज्य के अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने बताया था कि ये लोग अलकायदा के उत्तर प्रदेश मॉड्यूल के मुखिया उमर हलमंडी के निर्देश पर अपने साथियों की मदद से आगामी 15 अगस्त को उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों, खासकर लखनऊ के महत्वपूर्ण स्थानों, स्मारकों और भीड़भाड़ वाले इलाकों में विस्फोट करने और मानव बम आदि द्वारा आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देने की तैयारी कर रहे थे। इसके लिए हथियार तथा विस्फोटक भी जमा किया गया था। 

उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी जमीयत उलेमा-ए-हिन्द अपराधियों की कानूनी मदद का ऐलान कर चुका है। जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने हिंदू समाज पार्टी के अध्यक्ष कमलेश तिवारी की दिन-दहाड़े गला रेत कर, गोली मार कर हत्या करने वालों का विरोध करने और हत्यारों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की बात करने के बजाय उनकी कानूनी मदद का ऐलान किया था। जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने कहा था कि हत्यारों को बचाने में जो भी कानूनी खर्च आएगा, उसे वो वहन करेंगे, क्योंकि वो (हत्यारे) गरीब हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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