Saturday, July 27, 2024
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26 जनवरी और 15 अगस्त के बीच का अंतर भूले जिग्नेश मेवानी

स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री का अभिभाषण होता है। अपने ट्वीट में मोदी की आलोचना करने के चक्कर में जिग्नेश मेवानी 26 जनवरी को 15 अगस्त समझ बैठे।

आँख मूँद कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गाली देने वालों में से एक नाम गुजरात में कॉन्ग्रेस पार्टी के सहयोग से विधायक बने जिग्नेश मेवानी का भी है। जिग्नेश मेवानी अक्सर प्रधानमंत्री के लिए आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग करते रहे हैं। यही नहीं, ख़ुद को दलित नेता बताने वाले जिग्नेश बाबसाहब भीमराव अम्बेडकर की भी आलोचना कर चुके हैं। ताजा मामला उनके नए ट्वीट से जुड़ा है। इस ट्वीट में जिग्नेश मेवानी ने कहा,“आज प्रधानमंत्री राम लीला मैदान से देंगे भाषण। सवाल यह है कि आज ज़्यादा झूठ बोलेंगे कि 26 जनवरी के लिए हेवी डोज़ बाकी रखेंगे?”

इस ट्वीट में जिग्नेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आज रामलीला मैदान में होने वाले उनके भाषण को लेकर कटाक्ष किया है। बता दें कि रविवार (जनवरी 13, 2019) को पीएम भाजपा राष्ट्रीय परिषद की बैठक को सम्बोधित करने वाले हैं।

लेकिन, पीएम पर कटाक्ष करते समय जिग्नेश मेवानी स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के बीच अंतर भूल गए। अपने ट्वीट में जिग्नेश ने पूछा कि क्या प्रधानमंत्री 26 जनवरी के लिए भी कुछ बोलना बाकी रखेंगे?

ऐसा ट्वीट करते समय जिग्नेश को ये बात याद नहीं रही कि 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस पर प्रधानमंत्री का नहीं बल्कि राष्ट्रपति का अभिभाषण होता है। हालाँकि, राजपथ पर होने वाले इस समारोह में प्रधानमंत्री सहित देश के सभी बड़े नेता उपस्थित रहते हैं लेकिन मुख्य अभिभाषण भारत के राष्ट्रपति का होता है। अर्थात आगामी गणतंत्र दिवस पर महामहिम रामनाथ कोविंद राष्ट्र को संबोधित करेंगे, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नहीं।

स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री का अभिभाषण होता है। अपने ट्वीट में मोदी की आलोचना करने के चक्कर में जिग्नेश मेवानी 26 जनवरी को 15 अगस्त समझ बैठे।

इस से पहले टाइम्स नाउ के एक एक्सक्लूसिव वीडियो में बाबासाहब भीमराव अम्बेडकर की आलोचना करते हुए जिग्नेश मेवानी ने कहा था कि बाबासाहब ने जो कहा वो पत्थर की लकीर नहीं है। उनके इस बयान पर बाबासाहब के पोते प्रकाश अम्बेडकर ने भी आपत्ति जताई थी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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