मध्य प्रदेश में गोरक्षा और गोसेवा के दावे और वादे के साथ सत्ता में आई कमलनाथ सरकार के राज में ग्वालियर जिले में 17 गायों को बंद करके रखने के चलते मौत हो जाने का मामला सामने आया है। मामला डबरा सिटी थाना अंतर्गत समूदन गाँव का है, जहाँ सरकारी स्कूल के एक छोटे से कमरे में 17 गायों को पिछले कुछ दिनों से बंद कर बिना चारा-पानी के भूखे-प्यासे मरने के लिए छोड़ दिया गया था।
जानकारी के मुताबिक, कमरे के अंदर से बदबू आने पर बुधवार (अक्टूबर 16, 2019) की रात कुछ अज्ञात लोग जेसीबी से गड्ढा खोदकर मृत गायों को दफना रहे थे। जिसकी सूचना बजरंगदल, विश्व हिंदू परिषद और गोसेवकों को लग गई थी। सूचना मिलते ही हिंदू संगठनों के पदाधिकारी और कार्यकर्ता रात को मौके पर पहुँचे। जिनको देखकर जेसीबी चालक सहित अन्य लोग भाग गए। हिंदूवादी संगठनों से इसको लेकर हंगामा करना शुरू कर दिया।
बाद में मौके पर एसडीएम राघवेंद्र पांडे, एसडीओपी उमेश सिंह तोमर अपले के साथ पहुँचे। जहाँ मौके पर जेसीबी जब्त की गई। राघवेंद्र पांडे ने पुलिस की मदद से गड्ढों से 17 मृत गायों को बाहर निकलवाया और फिर इनका पोस्टमार्टम कराया गया। इसके बाद उनका अंतिम संस्कार किया गया। राघवेंद्र पांडे ने नाराज गोसेवकों को मामले की जाँच कराए जाने का आश्वासन दिया। मामले को लेकर सिटी थाने में गोसुरक्षा अधिनियम के तहत अज्ञातों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
एसडीएम राघवेंद्र पांडे का कहना है कि शुरुआती जाँच में गायों की मौत की वजह उन्हें अवैध रूप से कई घंटों तक कमरों में बंद करके रखना माना जा रहा है। उन्होंने आशंका जताई कि भूख-प्यास से गायों की मौत हुई होगी। वहीं, हिन्दूवादी संगठनों का कहना है कि गायों की हत्या की गई है। एसडीएम ने इस बाबत जिला अधिकारी, जनपद पंचायत सीईओ और डबरा के लोक निर्माण विभाग को नोटिस जारी कर मामले की जाँच 3 दिन में प्रतिवेदन भेजने का निर्देश दिया है।
ग्वालियर के डबरा के समूदन में 17 गायों की मृत्यु की ख़बर बेहद दुखद।
— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) October 17, 2019
इस घटना की निष्पक्ष जाँच के निर्देश।
जाँच में जिसका दोष सामने आये , उस पर कड़ी कार्यवाही हो।
हम गौमाता की रक्षा व संवर्धन के लिये निरंतर प्रयासरत व बचनबद्ध।
ऐसी घटनाएँ बर्दाश्त नहीं की जा सकती है।
प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने गायों की मौत पर दुख प्रकट करते हुए कहा, “ग्वालियर के डबरा के समूदन में 17 गायों की मृत्यु की ख़बर बेहद दुखद। इस घटना की निष्पक्ष जाँच के निर्देश। जाँच में जिसका दोष सामने आए, उस पर कड़ी कार्यवाही हो। हम गौमाता की रक्षा व संवर्धन के लिये निरंतर प्रयासरत व बचनबद्ध। ऐसी घटनाएँ बर्दाश्त नहीं की जा सकती है।”
कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में गौशाला बनाने का वचन दिया था। अगर शासन-प्रशासन गाय को गौशाला में ले जाता, तो वो किसी कमरे में बंद नहीं होती और मौत का शिकार नहीं होती। वचन देकर मुकरना, फिर गाय का मर जाना, ये गौ हत्या जैसा पाप है। शासन को पहल करनी चाहिए, ताकि ऐसे गौमाता न मरें। pic.twitter.com/7w2trYB16b
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) October 17, 2019
17 गायों की मौत पर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कमलनाथ को और हर पंचायत में गोशाला खोलने की उनकी योजना को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा, “कॉन्ग्रेस ने अपने वचन पत्र में गौशाला बनाने का वचन दिया था। अगर शासन-प्रशासन गाय को गोशाला में ले जाता, तो वो किसी कमरे में बंद नहीं होती और मौत का शिकार नहीं होती। वचन देकर मुकरना, फिर गाय का मर जाना, ये गौ हत्या जैसा पाप है। शासन को पहल करनी चाहिए, ताकि ऐसे गोमाता न मरें।” उन्होंने आगे कहा, “कॉन्ग्रेस ने गोमाता को वोट प्राप्ति का साधन बना लिया है। ये गोमाता की रक्षा की बजाय अपने हितों को साधने का काम कर रहे हैं। मैं आग्रह करता हूँ कि गोमाता पर ऐसे खेल बंद होना चाहिए। सरकार तत्काल गौशालाएँ खोलें, उसमें गायों को भेजें, ताकि ये अकाल मृत्यु का शिकार न हों।”
कांग्रेस ने गौमाता को वोट प्राप्ति का साधन बना लिया है। ये गौमाता की रक्षा की बजाय अपने हितों को साधने का काम कर रहे हैं। मैं आग्रह करता हूं कि गौमाता पर ऐसे खेल बंद होना चाहिए। सरकार तत्काल गौशालाएं खोलें, उसमें गायों को भेजें, ताकि ये अकाल मृत्यु का शिकार न हों। pic.twitter.com/EbgSkVby1S
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) October 17, 2019
गौरतलब है कि हाल ही में दिग्विजय सिंह ने भी सड़कों पर मौजूद गायों को गोशाला में भेजने के लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ से कहा था कि आप सच्चे गोभक्त तभी कहलाएँगे जब गोमाता के लिए गोशाला खोलेंगे। दिग्विजय सिंह की प्रतिक्रिया पर कमलनाथ ने ट्वीट कर बताया कि वो जिस मामले पर उनका ध्यान केंद्रित करवा रहे हैं, उस पर काम करने के लिए वे पहले से प्रयासरत हैं।