हिंदुओं के ख़िलाफ जहर उगलने का काम सोशल मीडिया पर धड़ल्ले से होता आया है। लेकिन पिछले कुछ समय से ये स्थिति अपने चरम पर है। लेखक से लेकर पत्रकार और फिल्म निर्देशक से लेकर कलाकार तक की श्रेणी में ऐसा गिरोह है, जो वजह-बेवजह अपने हर मुद्दे में कोई न कोई एक ऐसा एँगल उजागर कर देता है, जिससे हिंदुओं की धार्मिक भावनाएँ आहत हों। बीते दिनों ऐसे काम करने के लिए यूजर्स ने देवदत्त पटनायक को आड़े हाथों लिया था और अब बारी आतिश तासिर की है।
आतिश पेशे से लेखक है, न्यू यॉर्क टाइम्स जैसे अखबार में इसके लेख भी छपते रहते हैं। ऐसे में दिल्ली प्रदूषण को निशाना बनाते हुए एक बार फिर से इसने अपना जहर उगला है। और किसी भी विषय पर लिखने-बोलने का इसका मौलिक अधिकार भी है। लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि बातों ही बातों में प्रदूषण के बहाने आप अपनी कुँठा को निकालना शुरू कर दें और सरकार की आलोचना से गौमूत्र तक पहुँच जाएँ। लेकिन आतिश ने ठीक वैसा ही किया, जो एक हिंदूफोबिक करता आया है।
दरअसल, सोशल मीडिया पर आतिश तासीर द्वारा एक ट्वीट रिट्वीट किया गया, जिसमें टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट का जिक्र था कि क्या अब प्रधानमंत्री कार्यालय और गृह मंत्रालय करीब आ जाएँगे। हालाँकि राहुल सिंह द्वारा शेयर किया गया ट्वीट एक सामान्य रिपोर्ट थी, जिस पर उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया दी थे। लेकिन आतिश ने उस पर न केवल सरकार के प्रति अपनी कुंठा निकाली बल्कि बहस के आखिर तक हिंदुओं को आहत करने से भी नहीं चूका।
सबसे पहले आतिश ने लिखा, “जिस समय मेरी टाइमलाइन जहरीली हवा की भयावह कहानियों से भरी हुई है, उस समय केवल एक भिखारी की कल्पना ही हो सकती है कि ये बेतुकी सरकार केवल उन चीजों को जोड़ने का प्लान कर रही है जो हकीकत में टूटे ही नहीं।”
Only stupid, ignorant and arrogant people like @AatishTaseer can say that India doesn’t need modern parliament building or new secretariat https://t.co/jjFSeVanMg
— Dr Vijay Chauthaiwale (@vijai63) November 4, 2019
अब चूँकि आतिश की यह कुंठा बिना किसी संदर्भ के एक साधारण से ट्वीट पर प्रतिक्रिया के रूप में आई तो सोशल मीडिया यूजर्स को भी उन्हें आईना दिखाने में समय नहीं लगा। डॉ विजय चौथाईवाले ने उन्हें इसका जवाब दिया और लिखा, “केवल आतिश तासिर जैसे जाहिल और घमंडी लोग ही कह सकते हैं कि भारत को एक नए आधुनिक संसद परिसर और सचिवालय की आवश्यकता नहीं है।”
बस फिर क्या था, आतिश को अंग-विशेष में मिर्ची लग गई। सारे तर्क-वितर्क छोड़ कर अपनी बात को जस्टिफाई करते-करते गौमूत्र पर उतर आया। उसने जवाब देते हुए लिखा कि जब तुम अपने लोकतंत्र को अजायबघर (म्यूजियम) में तब्दील कर फुरसत पा लो तो दुनिया के और भी पुराने पार्लियामेंट हाउस को, जैसे वेस्टमिंस्टर को गौमूत्र का अध्य्यन करने वाला संस्थान बनाने या फिर यूएस कैपिटोल को वैदिक काल में उड्डयन संबंधी संग्रहालय बनाने में अपनी सेवा देने के लिए तैयार रहो।
इसके जवाब में भाजपा नेता नंदिता ठाकुर ने आतिश की अच्छी क्लास ली। उन्होंने लिखा “ओये… हिंदुओं से डरने वाले पाकिस्तानी औलाद, जब तुम इस मामले में गौमूत्र को ले ही आए हो, तो मैं तुमसे सहमत हूँ कि वेस्टमिंस्टर को गौमूत्र पर अध्य्यन करने के लिए एक संस्थान में तब्दील कर देना चाहिए। कम से कम लोगों को कैंसर से बचाया जा सकेगा।” अपनी ट्वीट के साथ नंदिता ने एक न्यूजपेपर की कटिंग लगाई और कहा कि अहमद पटेल (कॉन्ग्रेसी नेता) से इसका अनुवाद करवा के पढ़ो।
Hey Hinduphobic Son of Pakistani, since you bought in Cow Urine, I fully agree with you, westminister should be converted into institute for study of cow urine.. At least humans will be saved from cancer… Now get this article translated from Ahmed Patel… pic.twitter.com/EXDY9XjCMx
— नंदिता ठाकुर (@nanditathhakur) November 4, 2019
इस ट्वीट के बाद तो आतिश पूरी बेहूदगी पर उतर आया। उल-जूलुल बातें करनी शुरू कर दी। जिसे देखकर अभिजीत अय्यर मित्रा ने तंज भरे अंदाज में कहा, “कितना नकारात्मक नजरिया है। तुम्हें तो इसका व्यवसायीकरण करना चाहिए। गौमूत्र के कॉकटेल का आविष्कार करो, इसे स्वास्थ्य के लिए अगली सबसे जरूरी चीज बताओ। फिर इसका पेटेंट करवा लो। पैसा, पैसा, पैसा।”
What a negative outlook. You should monetise it, invent cow urine cocktails, make it the next big health fad & patent it. Money money money money
— Abhijit Iyer-Mitra (@Iyervval) November 5, 2019
अभिजीत की प्रतिक्रिया पढ़कर तासिर बिलबिला गया और बिना वजह शेफाली वैद्य को टैग करते हुए भड़काने की कोशिश की। आतिश ने लिखा, “मैं इससे पूरी तरह सहमत हूँ। मैं शेफाली को एक लिंब (कोई अंग विशेष) दूँगा, फिर देखूँगा कि वो उसे गौमूत्र में कैसे डूबाती-नचाती हैं, बिलकुल गौमूत्र की क्लियोपैट्रा की तरह… या इसे जो भी समझ लो।”
I totally agree. I would give a limb to see @ShefVaidya splashing about in a puddle of cow urine, like a kind of cleopatra of gaumutra, or whatever the fuck it is. ?
— Aatish Taseer (@AatishTaseer) November 5, 2019
हालाँकि इसके बाद शेफाली वैद्य और अन्य यूजर्स ने आतिश को जवाब दिए, लेकिन जिहादी मानसिकता वाले आतिश ने एक बार फिर साबित कर दिया कि एक निश्चित तबके का समर्थन करके आप खुद को तथाकथित बुद्धिजीवियों की श्रेणी में शुमार तो कर सकते हैं, लेकिन आपकी मानसिकता आपके घर से ही तय होती है। और आतिश में यह मानसिकता खूब दिखती है, जिसने उसे जहर उगलना और हिंदुओं से नफरत करना सिखाया है।
बता दें कि आज पॉल्यूशन को कोसने के नाम पर सरकार की नीतियों की आलोचन करते-करते गौमूत्र तक आ उतरे आतिश तासीर के पिता सलमान तासिर भी लगातार भारत के ख़िलाफ़ जहर उगलते थे। खुद आतिश तासीर इस बात की तस्दीक कर चुके हैं कि उसके वालिद और पाकिस्तानियों की तरह वह भी हिंदुस्तान से नफरत की ग्रंथि से ग्रस्त हैं। पुलवामा हमले के दौरान आतिश तासीर ने भारतीयों को गाय का पेशाब पीने वाला कहकर बुलाया था और कमलेश तिवारी की हत्या के बाद भी हिंदुओं के ख़िलाफ़ भड़काऊ टिप्पणी की थी।